इंदौर। कोरोना वायरस का हॉटस्पाट बन चुके इंदौर में जहां एक माह में मरीजों की संख्या 1029 तक पहुंच गई है, वहीं जांच और संक्रमण पर नियंत्रण का आलम ये है कि यहां टेस्टिंग किट का ही टोटा पड़ा है. लिहाजा जांच के बाद इलाज का इंतजार कर रहे करीब डेढ़ हजार से ज्यादा संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए पुड्डुचेरी भेजे गए हैं. बताया गया है कि इन सैंपल में एक हजार सैंपल भोपाल के हैं, जबकि 600 इंदौर के हैं.
सरकार के तमाम दावों के बावजूद ऐसा लगता है कि इंदौर में ये महामारी बेकाबू हो चुकी है, जो मेडिकल स्टाफ अपनी जान खतरे में डालकर यहां ड्यूटी कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा के लिए न तो पीपीई किट उपलब्ध हो पा रही है, न ही कोरोना संक्रमण की स्थिति में अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की समय पर जांच हो पा रही है. इसी के चलते बीते 5 दिनों में संभावित मरीजों के सैंपल की संख्या डेढ़ हजार के आंकड़े को पार कर गई है, जोकि इलाज के इंतजार में अलग-अलग अस्पतालों में क्वॉरेंटाइन किए गए हैं.
इंदौर जिला प्रशासन और संभागायुक्त के तमाम दावों के बावजूद आज फिर खबर आई कि इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में जिन टेस्टिंग किट के जरिए मरीजों की संक्रमण संबंधी जांच होती है, वहां किट ही खत्म हो चुकी है. किट के अभाव में मरीजों की जांच मुश्किल है. लिहाजा आनन-फानन में प्लेन से संभावित मरीजों के सैंपल भोपाल और मुंबई भेजे गए हैं. अब टेस्ट रिपोर्ट आने का इंतजार है. इंदौर में अभी तक 54 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 1029 लोग संक्रमित हैं. इसके अलावा दावा किया जा रहा है कि 1817 टीमें यहां शहर के करीब 15 लाख लोगों की सैंपलिंग चुकी हैं. लेकिन वास्तविकता ये है कि आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या डेढ़ हजार के करीब पहुंचने के आसार हैं.