इंदौर। हैदराबाद से पकड़े गए चोरों ने पुलिस को बताया कि वे घर में घुसकर चोरी ही नहीं करते. वारदात करने वाले घर की रेकी कर अपने साथियों को बताते हैं कि इतने काम के बदले उसे इतनी फीस मिलेगी. गैंग का सरगना पांच भाषाओं का ज्ञानी है. उसका एक नामी मैगजीन पर 15 साल पहले दो पेज का इंटरव्यू छप चुका है.
कारोबार में घाटा लगा तो चोर बन गया : उसने बताया कि कारोबार में घाटे के बाद लोगों का कर्जा चुकाने के लिए वह चोरों की टीम में शामिल हो गया. ये चोर इतने शातिर हैं कि आपस में बात करने के लिए वाकी टॉकी का उपयोग करते हैं. इतना ही नहीं जिस घर में चोरी करने के लिए जाते थे, समय सीमा 10 मिनट की ही रखते थे. 10 मिनट में जितना माल मिलता, बटोर कर निकल आते थे.
इंदौर के एक घर से हुई थी 50 लाख की चोरी : बता दें कि एमआईजी थाना क्षेत्र के साई सम्प्रदा नगर में रहने वाले नमकीन कारोबारी स्वास्तिक अग्रवाल के यहां पर कुछ दिन पहले चोरी की वारदात सामने आई थी. आरोपियों द्वारा दिनदहाड़े 50 लाख से अधिक का सामान उड़ा लिया गया था. पुलिस ने जांच के बाद हैदराबाद पुलिस की मदद से मोहम्मद शरीफ और नदीम को पकड़ा. दोनों पुलिस रिमांड पर हैं और उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा.
फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं : मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह के मुताबिक पकड़े गए आरोपी नदीम के बारे में यह भी जानकारी आई है कि वह लोगों के घर में घुसकर चोरी नहीं करता. वह सिर्फ उन घरों की रेकी करता था. पॉश कॉलोनी में जाकर चौकीदार को अंग्रेजी भाषा में बात कर वह रौब झाड़ता और फिर मल्टी में घुसकर सिर्फ यह देखता कि कहां ताले लगे हैं. बाद में अपनी टीम को वॉकी टॉकी की मदद से जानकारी देता था. गैंग के सभी मौके पर पहुंचते थे और 10 में जितना माल मिलता लेकर फरार हो जाते थे. (Surprising style of stealing these crooks) (Crooks use walkie talkies) (Stealing goods in 10 minutes)