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तकनीकी कोर्सों में बढ़ा छात्रों का रुझान, MBA की सीटें फुल

मार्च से लेकर अब तक कोरोना की मार से जहां रोजगार अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. वहीं करोना काल में शिक्षा पर भी खासा असर पड़ा है. जहां कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया देर से प्रारंभ हुई. वहीं तकनीकी कोर्सों के लिए महाविद्यालयों में छात्रों का रुझान देखने को मिला.

indore
तकनीकी कोर्सों में बढ़ा छात्रों का रुझान
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Published : Dec 27, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Dec 27, 2020, 6:47 PM IST

इंदौर। कोरोना काल में शिक्षा पर खासा असर पड़ा है. मार्च महीने में लगाए गए लॉक डाउन के कारण वर्ष 2020-21 का शिक्षा सत्र काफी देरी से शुरू हुआ. अनलॉक किए जाने के बाद शासन के निर्देशों के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई. प्रवेश प्रक्रिया देरी से शुरू होने से शिक्षा सत्र पर भी खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है. जो प्रवेश प्रक्रिया है जुलाई माह तक पूरी कर ली जाती थी वह प्रवेश प्रक्रिया नवंबर के अंतिम माह तक जारी रही.

तकनीकी कोर्सों में बढ़ा छात्रों का रुझान

कोरोना संक्रमण का असर उच्च शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा की प्रवेश प्रक्रिया पर भी देखने को मिला है. यह प्रवेश प्रक्रिया देरी से संपन्न हो सकी है. हालांकि वर्तमान में यह प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अधिकतम कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की जगह मेरिट के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया अपनाई गई. साथ ही कुछ प्रवेश प्रक्रिया को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार आयोजित किया गया.

बीटेक व इंजीनियरिंग विषयों में पड़ा खासा प्रभाव

इंदौर में विभिन्न महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया में हालांकि छात्रों का रुझान देखने को मिला. वहीं प्रदेश भर में बीटेक व इंजीनियरिंग की करीब 55,641 सीटों में से 29,071 सीटों पर ही प्रवेश लिया, जो कि लगभग आधी के बराबर है. इंदौर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में यह प्रतिशत करीब 80 के आसपास नजर आ रहा है. वहीं मुख्य कॉलेजों में छात्रों ने 100 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश लिया है.

डिप्लोमा कोर्स पर छात्रों का रुझान नहीं

पॉलिटेक्निक कॉलेजों के माध्यम से तकनीकी विषयों में डिप्लोमा करने वाले छात्रों का इस बार रुझान कम नजर आया. प्रदेश में 28,213 सीटें पॉलिटेक्निक के विभिन्न कोर्सों के लिए मौजूद है. इस पर 14,612 सीटों पर ही छात्रों ने प्रवेश लिया है जो कि लगभग 50 प्रतिशत है. हालांकि इंदौर के कुछ पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रवेश का प्रतिशत 75 प्रतिशत के बराबर रहा है. वहीं कई महाविद्यालयों में छात्रों ने कोर्सों में प्रवेश ही नहीं लिया है.

एमबीए में रहा छात्रों का रुझान

तकनीकी कोर्सों में इस वर्ष छात्रों का सबसे अधिक रुझान एमबीए के विभिन्न विषयों में रहा. प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में एमबीए के लिए करीब 25,059 सीटें हैं. जिनमें से 23,362 सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है. छात्रों के प्रवेश के आधार पर करीब 90 प्रतिशत से अधिक सीटें भर गईं हैं. इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए व अन्य तकनीकी कोर्सों में लगभग 100 प्रतिशत सीटें फुल हुई हैं. वहीं इंदौर शहर के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज एसजीएसआईटीएस के एडमिशन सेल के प्रभारी भूपेंद्र मौर्य के अनुसार शहर के विभिन्न प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों में अच्छा खासा रुझान रहा है. एसजीएसआईटीएस की 800 सीटों पर करीब 3 हजार के लगभग छात्रों ने आवेदन किए थे. वर्तमान में महाविद्यालय की सभी सीटें फुल हैं. वहीं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए व आईईटी के विभागों में भी लगभग सभी सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है.

इस वर्ष बढ़ा कट ऑफ

जानकारों के मुताबिक इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों का काफी रुझान देखने को मिला है. शहर के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया में कटऑफ में बढ़ोतरी हुई है. माना जा रहा है कि जो छात्र शहर से बाहर जाकर पढ़ाई करते थे. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शहर से बाहर नहीं गए हैं. उनके द्वारा शहर के ही महाविद्यालयों में प्रवेश लिया गया है. जिसके चलते इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया के कटऑफ में भी वृद्धि हुई है, जिसके चलते छात्रों में कॉम्पीटीशन बढ़ा है.

इंदौर। कोरोना काल में शिक्षा पर खासा असर पड़ा है. मार्च महीने में लगाए गए लॉक डाउन के कारण वर्ष 2020-21 का शिक्षा सत्र काफी देरी से शुरू हुआ. अनलॉक किए जाने के बाद शासन के निर्देशों के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई. प्रवेश प्रक्रिया देरी से शुरू होने से शिक्षा सत्र पर भी खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है. जो प्रवेश प्रक्रिया है जुलाई माह तक पूरी कर ली जाती थी वह प्रवेश प्रक्रिया नवंबर के अंतिम माह तक जारी रही.

तकनीकी कोर्सों में बढ़ा छात्रों का रुझान

कोरोना संक्रमण का असर उच्च शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा की प्रवेश प्रक्रिया पर भी देखने को मिला है. यह प्रवेश प्रक्रिया देरी से संपन्न हो सकी है. हालांकि वर्तमान में यह प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अधिकतम कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की जगह मेरिट के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया अपनाई गई. साथ ही कुछ प्रवेश प्रक्रिया को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार आयोजित किया गया.

बीटेक व इंजीनियरिंग विषयों में पड़ा खासा प्रभाव

इंदौर में विभिन्न महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया में हालांकि छात्रों का रुझान देखने को मिला. वहीं प्रदेश भर में बीटेक व इंजीनियरिंग की करीब 55,641 सीटों में से 29,071 सीटों पर ही प्रवेश लिया, जो कि लगभग आधी के बराबर है. इंदौर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में यह प्रतिशत करीब 80 के आसपास नजर आ रहा है. वहीं मुख्य कॉलेजों में छात्रों ने 100 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश लिया है.

डिप्लोमा कोर्स पर छात्रों का रुझान नहीं

पॉलिटेक्निक कॉलेजों के माध्यम से तकनीकी विषयों में डिप्लोमा करने वाले छात्रों का इस बार रुझान कम नजर आया. प्रदेश में 28,213 सीटें पॉलिटेक्निक के विभिन्न कोर्सों के लिए मौजूद है. इस पर 14,612 सीटों पर ही छात्रों ने प्रवेश लिया है जो कि लगभग 50 प्रतिशत है. हालांकि इंदौर के कुछ पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रवेश का प्रतिशत 75 प्रतिशत के बराबर रहा है. वहीं कई महाविद्यालयों में छात्रों ने कोर्सों में प्रवेश ही नहीं लिया है.

एमबीए में रहा छात्रों का रुझान

तकनीकी कोर्सों में इस वर्ष छात्रों का सबसे अधिक रुझान एमबीए के विभिन्न विषयों में रहा. प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में एमबीए के लिए करीब 25,059 सीटें हैं. जिनमें से 23,362 सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है. छात्रों के प्रवेश के आधार पर करीब 90 प्रतिशत से अधिक सीटें भर गईं हैं. इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए व अन्य तकनीकी कोर्सों में लगभग 100 प्रतिशत सीटें फुल हुई हैं. वहीं इंदौर शहर के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज एसजीएसआईटीएस के एडमिशन सेल के प्रभारी भूपेंद्र मौर्य के अनुसार शहर के विभिन्न प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों में अच्छा खासा रुझान रहा है. एसजीएसआईटीएस की 800 सीटों पर करीब 3 हजार के लगभग छात्रों ने आवेदन किए थे. वर्तमान में महाविद्यालय की सभी सीटें फुल हैं. वहीं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए व आईईटी के विभागों में भी लगभग सभी सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है.

इस वर्ष बढ़ा कट ऑफ

जानकारों के मुताबिक इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों का काफी रुझान देखने को मिला है. शहर के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया में कटऑफ में बढ़ोतरी हुई है. माना जा रहा है कि जो छात्र शहर से बाहर जाकर पढ़ाई करते थे. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शहर से बाहर नहीं गए हैं. उनके द्वारा शहर के ही महाविद्यालयों में प्रवेश लिया गया है. जिसके चलते इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया के कटऑफ में भी वृद्धि हुई है, जिसके चलते छात्रों में कॉम्पीटीशन बढ़ा है.

Last Updated : Dec 27, 2020, 6:47 PM IST
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