इंदौर। कोरोना वायरस की चुनौती से जूझ रहे चीन के बाद भारत में समय रहते इस संक्रमण से बचा जा सके, इसके लिए स्कूली छात्र-छात्राएं रोबोट टेक्नोलॉजी से के जरिए इससे बचने के उपाय ढूंढ रहे हैं. हाल ही में नीति आयोग के सहयोग से इंदौर में बनी संभाग की पहली टिंकरिंग लैब में 24 से ज्यादा स्कूली छात्र-छात्राएं सेंसर और रोबोट टेक्नोलॉजी के जरिए इस बीमारी के संक्रमण से दूर रहने के उपायों को लेकर प्रयोग में जुटे हैं.
शहर के शासकीय नूतन विद्यालय में संभाग की पहली टिंकरिंग लैब स्थापित की गई है. इस लैब में संभाग के करीब 24 से ज्यादा स्कूली छात्र-छात्राएं 100 से ज्यादा सेंसर चिप की मदद से रोबोट के जरिए संक्रमण से बचने के उपायों पर काम कर रहे हैं.
स्कूली छात्र-छात्राओं के मन में जो मॉडल और विचार हैं, उन्हें 3D प्रिंटर और अन्य उपकरणों के जरिए मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसमें भी मुख्य रूप से वायरस के संक्रमण या आम लोगों के जीवन से जुड़ी आवश्यकताओं पर आधारित मॉडल को तैयार किया जा रहा है. इससे विज्ञान और तकनीकी में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को निखारने के लिए अटल टिंकरिंग लैब एक बड़ा माध्यम बन सके.