इंदौर। कोरोना के कारण निगम की वसूली बुरी तरह से प्रभावित हो रही है, लॉकडाउन हटने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि राजस्व वसूली के कामों में तेजी आएगी. लेकिन निगम अमला अभी भी सुस्त नजर आ रहा है. जिसके बाद निगमायुक्त ने राजस्व अमले को अपने निशाने पर लिया है.
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने राजस्व अमले की बैठक लेकर यह सुनिश्चित किया है कि जिन की वसूली कमजोर रहेगी, उन्हें विभाग छोड़ना पड़ सकता है. दरअसल नगर निगम का बड़ा अमला वसूली के काम में लगा हुआ है, जिसमें संपत्ति कर, जलकर के साथ मार्केट विभाग से वसूले जाने वाला कर भी शामिल है.
वहीं इतना बड़ा अमला संभालने के लिए नगर निगम के एक अपर आयुक्त और दो उपायुक्त लगातार कर्मचारियों के काम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके इस बार उम्मीद के मुताबिक राजस्व नहीं मिल पाया है.
बता दें निगम का लक्ष्य इस बार 5 सौ करोड़ की राजस्व वसूली करना था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान तीन महीने से वसूली लगभग ना के बराबर हुई है क्योंकि पूरा अमला कोरोना संक्रमण से बचाव के काम में लगा हुआ था. लेकिन अब अनलॉक फेज शुरू होने के बाद नगर निगम ने राजस्व वसूली को लेकर सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.
निगम आयुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि राजस्व वसूली नगर निगम की रीड है, बिना वसूली निगम शहर में विकास के कार्य करने में पिछड़ सकता है. इसलिए राजस्व वसूली को मजबूत बनाने के लिए निगम ने फिर से कमर कस ली है, पिछले दिनों विभाग के सभी कर्मचारियों की बैठक लेकर उन्हें वसूली के संदर्भ में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.