इंदौर। फर्जी फर्मों के जरिए जीएसटी के पोर्टल पर फेक इनपुट क्रेडिट प्राप्त कर शासन को करोड़ों का चूना लगाने के मामले में राज्य साइबर सेल ने दो आरोपियों को जेल से रिमांड पर लिया है. उन्होंने बताया कि वह कुछ एजेंटों से ये दस्तावेज एक लाख में खरीदे थे. इन एजेंटों की तलाश में साइबर सेल की टीम ने गुजरात और महाराष्ट्र में छापे मारे हैं.
पांच आरोपी सूरत से पकड़े थे : सूत्रों के अनुसार 5 साल पहले मर चुके एक व्यक्ति के दस्तावेजों पर भी एक फर्म बनाई गई थी. एजेंटों के पकड़े जाने पर ही पता चलेगा कि इंदौर के लोगों के दस्तावेज उनको कौन उपलब्ध करवाता था. जीएसटी और राज्य साइबर सेल ने कुछ दिन पहले मामले का खुलासा कर पांच आरोपियों को सूरत से गिरफ्तार किया था. इनमें दो आरोपी अमीर और अरसान को साइबर सेल ने रिमांड पर लिया है. इनसे पूछताछ में अब तक इंदौर की 25 फर्मों का पता चला है.
साइबर सेल की टीम मुंबई पहुंची : राज्य साइबर सेल द्वारा बताया गया कि भावनगर, राजकोट और मुंबई के एजेंटों से फाइल एक लाख में ख़रीदते थे. इनके नाम भी आरोपियों ने बताए हैं. इसके बाद साइबर सेल की टीम ने उनके ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन सभी के मुंबई में होने का पता चला है. अतः एक टीम वहां भेजी गई है. वहीं राज्य साइबर सेल एसपी का कहना है कि वहां जाने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि इंदौर के 25 लोगों के दस्तावेज इन लोगों को किसने दिए थे. साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह का कहना है कि जल्दी ही एजेंट तक पुलिस पहुंच जाएगी. इसके बाद इंदौर में दस्तावेज बेचने वालों का खुलासा हो सकेगा. इके बाद उनकी धरपकड़ की जाएगी. (Cyber cell team raids in Gujarat Maharashtra) (Fraud case fake firms Indore)