इंदौर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित खासगी ट्रस्ट पर प्रदेश की संपत्ति बेचने के आरोप को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. इसमें हाई कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए इस मामले की जांच के साथ खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों को राज्य शासन के कब्जे में लेने का आदेश दिया था. इस फैसले के खिलाफ खासगी ट्रस्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी. नतीजतन सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर स्थगन दिया है. फलस्वरूप देशभर में अहिल्याबाई होलकर वाली खासगी ट्रस्ट की संपत्तियां अब ट्रस्ट के अधीन ही रहेंगी.
ईओडब्लू ने केस दर्ज कर खासगी ट्रस्ट से दस्तावेज मांगे थे : इस मामले में इंदौर में भी ईओडब्ल्यू द्वारा प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद खासगी ट्रस्ट से दस्तावेज मांगे थे. हालांकि इसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ईओडब्ल्यू की कार्रवाई भी रोक दी गई थी. अब इस मामले में ईओडब्ल्यू की दलील है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, तब तक इस पूरे प्रकरण में स्थगन के चलते रोक है. आगामी आदेश के बाद ही कोई कार्रवाई हो सकेगी.
इसलिए चर्चा में आया था मामला : दरअसल, हरिद्वार में कुशा वर्षगांठ की संपत्ति बिकने का पता चलने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट की शरण ली थी. हाईकोर्ट ने ट्रस्ट की संपत्तियों की बिक्री को अवैध दर्शाते हुए इसे शासन के नाम पर दर्ज करने का फैसला सुनाया था, इसके बाद ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर स्थगन दिया गया है. लिहाजा इस पूरे मामले में शासन की ओर से भी कार्रवाई रुकी हुई है.
![Khasgi Trust has 246 properties across country](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15451191_1_aspera.jpg)
खासगी ट्रस्ट की देशभर में 246 संपत्तियां : भविष्य में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद ही इस मामले में नए सिरे से कार्रवाई हो सकेगी. गौरतलब है देशभर में खासगी ट्रस्ट की 246 संपत्तियां हैं, जिसमें 138 मंदिर, 18 धर्मशालाएं, 34 घाट, 24 बगीचे एवं कुंड आदि शामिल हैं. इसकी देखभाल वर्षों से खासगी ट्रस्ट द्वारा की जाती है. येह संपत्तियां देश के 26 राज्यों में फैली हुई हैं. इसमें ट्रस्ट की ओर से आवर्त घाट का कुछ हिस्सा बेचा गया था. इसके बाद कोर्ट ने बिक्री को शून्य करते हुए इस मामले में फैसला दिया था. (Shock to state government from SC) (Ahilyabai Holkars properties remain under Khasgi Trust)