इंदौर। शहर में जब पिछले साल कोरोना महामारी पैर पसार रही थी, तो उसकी चपेट में जूनी इंदौर थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी भी आ गए थे. कई दिनों के इलाज के बाद उनकी पिछले साल 19 अप्रैल को मौत हो गई थी. आज उनकी मौत को साल भर हो गया है, लेकिन ना ही उनके परिवार वाले वह पल भूल सके हैं और ना ही उनके चाहने वाले, लेकिन एक बार फिर इंदौर के सामने कोरोना महामारी विक्राल रूप लिये खड़ी है और शहर में कई पुलिसकर्मी अभी भी फील्ड पर डटे हुए हैं.
बेटी ने पिता की सहज कर रखी है वर्दी
आज जूनी इंदौर थाना प्रभारी की मृत्यु को तीन साल पूरे हो गए हैं, जिसपर उनके घरवालों ने उन्हें याद किया. शहीद देवेंद्र चंद्रवंशी की पत्नी और दो बेटियां आज भी उन्हें याद कर भावुक हो जाते हैं. उनकी बेटी ने वर्दी को आज भी सहेज कर रखा हुआ है और हर 24 घंटे में उसे देख कर उसको सैल्यूट भी करती है. बेटी का कहना है कि उनके पिता को वर्दी से काफी प्यार था और इसी कारण वह भी वर्दी को सहज कर रखती है और उसको सैल्यूट भी देती है. वहीं शहीद देवेंद्र चंद्रवंशी की मौत के बाद उनकी पत्नी सुमन को पुलिस विभाग में नियुक्ति कर दी गई है.
साथ के काम करने वालों ने भी किया याद
शहीद थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी के साथ काम करने वाले सीएसपी दिशेष अग्रवाल का कहना है कि थाना प्रभारी फिल्ड में काफी एक्टिव रहते थे और पिछले साल जब कोरोना ने इंदौर शहर में दस्तक दी थी उस समय विभिन्न तरह के आंदोलन चल रहे थे. उसी आंदोलन के दौरान वह कोरोना संक्रमित हुए और उसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हुई थी. वही सीएसपी विशेष अग्रवाल का कहना है कि देवेंद्र चंद्रवंशी टेक्निकल के काफी जानकर थे जिसके कारण कई बड़ी घटनाओं का भी उन्होंने खुलासा किया है और उनकी कमी हमेशा पुलिस विभाग को खलेगी.