इंदौर। कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि शिवराज सरकार द्वारा ₹2100 करोड़ में विकसित किए जा रहे एकात्म धाम की प्रतिमा निर्माण में भी संबंधित निर्माण एजेंसियों के बीच कमीशनखोरी हुई है. इस प्रोजेक्ट का ठेका लार्सन एंड टूब्रो (एलएनटी) को दिया गया है, जो चीन के एक कारखाने टीक्यू आर्ट फाउंड्री में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा तैयार कर रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि ये कृत्य ना केवल शंकराचार्य जी बल्कि सनातन धर्म का घोर अपमान है.
प्रतिमा पर खर्च होंगे करीब 200 करोड़ : गौरतलब है ओंकारेश्वर में विकसित किए जा रहे एकात्म धाम ज्योतिर्लिंग में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा के लिए शिवराज सरकार ने 158.50 करोड़ की मंजूरी दी थी, जिसे हाल ही में ₹40 करोड़ रुपए बढ़ा दिया गया है. लिहाजा यह मूर्ति अब 198.25 करोड रुपए में तैयार हो रही है. आज इस मामले में पूरे प्रोजेक्ट पर सवालिया निशान लगाते हुए कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि चीन के जिस कारखाने में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा तैयार हो रही है वह कारखाना चीन के नेनचांग में स्थित जियांग्जी टोकवाइन नामक कंपनी का हिस्सा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा मूर्ति के लिए प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के मार्गदर्शन में शिल्पकार भगवान रामपुरे मूर्ति की डिजाइन तैयार करके चीन की कंपनी को दे रहे हैं.
ये सवाल भी उठाए : यादव ने बताया कि एकात्म धाम को विकसित करने की निर्माण एजेंसी मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम है. लिहाजा पर्यटन निगम के अधिकारियों ने मूर्ति निर्माण में भी कमीशनखोरी के लालच में चाइना से मूर्ति बनवाने की डील की है. उन्होंने कहा आदि शंकराचार्य ने इस देश में स्वदेशी पीठ की स्थापना की थी लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओंकारेश्वर में मेड इन चाइना प्रतिमा स्थापित करके आदि शंकराचार्य के गौरव का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि इस पूरे अभियान में धर्मावलंबियों द्वारा जो अष्ट धातु एवं कांस्य धातु प्रतिमा निर्माण के लिए दान दी गई थी, उसका क्या उपयोग हो रहा है. यह भी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या लोगों द्वारा मूर्ति निर्माण के लिए दी गई धातु संबंधित चीनी कंपनी को दी गई है.
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15 अगस्त तक अनावरण होगा : सूत्रों का कहना है कि आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना ओंकारेश्वर में 15 अगस्त तक हो जाएगी. इसके बाद प्रतिमा के दर्शन भी शुरू हो जाएंगे. राज्य सरकार की कोशिश है कि इस स्थान को स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर पहचान दिलाने की कोशिश की जाए. इधर, 3 दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओंकारेश्वर पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती, गुरु मां आनंदमूर्ति, डॉ चिन्मय पंड्या और कमलेश डी पटेल की मौजूदगी में स्थल का निरीक्षण किया. सरकार का कहना है कि शंकराचार्य प्रतिमा के अलावा यहां शंकर संग्रहालय और आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय संस्थान भी बनाया जाएगा, जो वर्ष 2026 तक तैयार कर लिया जाएगा.