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एक साल बाद DAVV से हटी धारा-52, अधिसूचना हुई जारी

सीईटी को लेकर पिछले साल इंदौर के देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय में धारा-52 लागू की गई थी, जो करीब एक साल विश्वविद्यालय से हट गई है. धारा-52 को खत्म किए जाने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

Section-52 removed from Devi Ahilya University
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से हटी धारा-52
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Published : Jul 1, 2020, 1:30 AM IST

इंदौर। प्रदेश के एकमात्र ए प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में पिछले साल सीईटी को लेकर हुए विवाद के बाद विश्वविद्यालय में धारा-52 लागू की गई थी. धारा-52 लागू होने के चलते तत्कालीन कुलपति को हटा दिया गया था. वहीं विशेष अधिकार के आधार पर रेणु जैन को कुलपति बनाया गया था. करीब एक साल बाद अब विश्वविद्यालय से धारा-52 हटा दी गई है.

कुलपति रेणु जैन ने विश्वविद्यालय से धारा-52 को खत्म किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है. वहीं अब सीईटी को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया में सीईटी कराए जाने को लेकर पहले कोर्ट द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया में सीईटी की परीक्षा आयोजित कराए जाने को कहा गया था. हालांकि कोरोना वायरस महामारी से शहर की स्थिति ठीक नहीं होने के चलते सीईटी पर अब संशय बना हुआ है.

कुलपति रेणु जैन के अनुसार कोर्ट द्वारा सीईटी को लेकर आदेश जारी किया गया था. हालांकि आदेश में कुछ अन्य विकल्पों की भी बात कही गई थी. विधिक राय ले लिए जाने के बाद ही सीईटी को लेकर कदम उठाया जाएगा. अगर सीईटी कराए जाने की बात होती है, तो शहर के हालातों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय कोर्ट से राहत के लिए भी मांग कर सकता है.

इंदौर। प्रदेश के एकमात्र ए प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में पिछले साल सीईटी को लेकर हुए विवाद के बाद विश्वविद्यालय में धारा-52 लागू की गई थी. धारा-52 लागू होने के चलते तत्कालीन कुलपति को हटा दिया गया था. वहीं विशेष अधिकार के आधार पर रेणु जैन को कुलपति बनाया गया था. करीब एक साल बाद अब विश्वविद्यालय से धारा-52 हटा दी गई है.

कुलपति रेणु जैन ने विश्वविद्यालय से धारा-52 को खत्म किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है. वहीं अब सीईटी को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया में सीईटी कराए जाने को लेकर पहले कोर्ट द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया में सीईटी की परीक्षा आयोजित कराए जाने को कहा गया था. हालांकि कोरोना वायरस महामारी से शहर की स्थिति ठीक नहीं होने के चलते सीईटी पर अब संशय बना हुआ है.

कुलपति रेणु जैन के अनुसार कोर्ट द्वारा सीईटी को लेकर आदेश जारी किया गया था. हालांकि आदेश में कुछ अन्य विकल्पों की भी बात कही गई थी. विधिक राय ले लिए जाने के बाद ही सीईटी को लेकर कदम उठाया जाएगा. अगर सीईटी कराए जाने की बात होती है, तो शहर के हालातों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय कोर्ट से राहत के लिए भी मांग कर सकता है.

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