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विजयवर्गीय के घर जाएंगे सिंधिया, महाराज के मालवा दौरे के क्या हैं सिसायी मायने ? - इंदौर न्यूज

कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया आज पहली बार इंदौर दौरे पर आ रहे हैं. इंदौर दौरे में ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बदले हुए अंदाज में नजर आएंगे. सिंधिया के शेड्यूल के मुताबिक वे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के घर जाएंगे.

Scindia and kailash vijayvargiya
सिंधिया और कैलाश
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Published : Aug 17, 2020, 8:05 AM IST

इंदौर। एमपी में विधानसभा उपचुनाव की तैयारी जोरों पर है. बीजेपी नेता उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. सोमवार यानी आज का दिन सूबे की राजनीति के लिए काफी अहम है. क्योंकि कभी एक दूसरे के धुर-विरोधी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय आज पहली बार मिलने वाले हैं. सिंधिया कई बीजेपी नेताओं से मिलने उनके आवास पर जाएंगे. कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से सिंधिया की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.

बीजेपी में जाने के बाद पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया कैलाश विजयवर्गीय से मिलने उनके घर पर जा रहे हैं. ऐसे में इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. उपचुनाव को देखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का कैलाश विजयवर्गीय से मिलना काफी अहम है, क्योंकि इस इलाके में 5 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हैं, जिसकी जिम्मेदारी मालवा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी गई है.

महाकाल की शाही सवारी में भी होंगे शामिल

इसी अंचल की सबसे अहम सीट सांवेर की है, जहां से सिंधिया के सबसे करीबी मंत्री तुलसी सिलावट चुनाव लड़ेंगे. यही वजह है कि उपचुनाव की तैयारियों के बीच सोमवार को इंदौर-उज्जैन के दौरे पर जा रहे हैं. उज्जैन में वे महाकाल की शाही सवारी में शामिल होंगे.

सांवेर सीट पर है फोकस

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए लोगों और बीजेपी नेताओं में अभी भी तालमेल बेहतर तरीके से बैठ नहीं पाया है. यही वजह है कि उपचुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद ही पहल कर मेल-मिलाप की तैयारी में हैं. इससे पहले वे भोपाल में पूर्व सीएम उमा भारती से मुलाकात कर चुके हैं और अब वे सांवेर और दूसरी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत पक्की करने के लिए निकल पड़े हैं.

धुर-विरोधी रहे हैं सिंधिया और कैलाश

एमपी क्रिकेट एसोसिएशन पर कब्जे को लेकर भी ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय भिड़ते रहे हैं. साल 2010 के चुनावों में तो उनके बीच भारी जद्दोजहद हुई थी. 2010 में एमपीसीए के चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैलाश विजयवर्गीय को 10 वोट से हराया था. हार के बाद कैलाश ने सिंधिया को उस वक्त छोटा नेता बताया था. उसके बाद दोनों खुद तो चुनाव नहीं लड़ते हैं, लेकिन अपने-अपने गुट के लोगों को जीताने के लिए एड़ी-चोटी की जोर लगा देते हैं. लेकिन सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने से कई सियासी समीकरण बदल गए हैं.

बीजेपी नेताओं से मुलाकात के मायने

बीजेपी ज्वाइन करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार इंदौर आ रहे हैं. उनका फोकर सांवेर सीट पर होने वाले उपचुनाव पर है, क्योंकि यहां से उनके सबसे करीब माने जाने वाले जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सिंधिया की मजबूरी है कि वे ताई और कैलाश दोनों गुटों को साधकर चलें.

इंदौर। एमपी में विधानसभा उपचुनाव की तैयारी जोरों पर है. बीजेपी नेता उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. सोमवार यानी आज का दिन सूबे की राजनीति के लिए काफी अहम है. क्योंकि कभी एक दूसरे के धुर-विरोधी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय आज पहली बार मिलने वाले हैं. सिंधिया कई बीजेपी नेताओं से मिलने उनके आवास पर जाएंगे. कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से सिंधिया की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.

बीजेपी में जाने के बाद पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया कैलाश विजयवर्गीय से मिलने उनके घर पर जा रहे हैं. ऐसे में इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. उपचुनाव को देखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का कैलाश विजयवर्गीय से मिलना काफी अहम है, क्योंकि इस इलाके में 5 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हैं, जिसकी जिम्मेदारी मालवा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी गई है.

महाकाल की शाही सवारी में भी होंगे शामिल

इसी अंचल की सबसे अहम सीट सांवेर की है, जहां से सिंधिया के सबसे करीबी मंत्री तुलसी सिलावट चुनाव लड़ेंगे. यही वजह है कि उपचुनाव की तैयारियों के बीच सोमवार को इंदौर-उज्जैन के दौरे पर जा रहे हैं. उज्जैन में वे महाकाल की शाही सवारी में शामिल होंगे.

सांवेर सीट पर है फोकस

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए लोगों और बीजेपी नेताओं में अभी भी तालमेल बेहतर तरीके से बैठ नहीं पाया है. यही वजह है कि उपचुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद ही पहल कर मेल-मिलाप की तैयारी में हैं. इससे पहले वे भोपाल में पूर्व सीएम उमा भारती से मुलाकात कर चुके हैं और अब वे सांवेर और दूसरी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत पक्की करने के लिए निकल पड़े हैं.

धुर-विरोधी रहे हैं सिंधिया और कैलाश

एमपी क्रिकेट एसोसिएशन पर कब्जे को लेकर भी ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय भिड़ते रहे हैं. साल 2010 के चुनावों में तो उनके बीच भारी जद्दोजहद हुई थी. 2010 में एमपीसीए के चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैलाश विजयवर्गीय को 10 वोट से हराया था. हार के बाद कैलाश ने सिंधिया को उस वक्त छोटा नेता बताया था. उसके बाद दोनों खुद तो चुनाव नहीं लड़ते हैं, लेकिन अपने-अपने गुट के लोगों को जीताने के लिए एड़ी-चोटी की जोर लगा देते हैं. लेकिन सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने से कई सियासी समीकरण बदल गए हैं.

बीजेपी नेताओं से मुलाकात के मायने

बीजेपी ज्वाइन करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार इंदौर आ रहे हैं. उनका फोकर सांवेर सीट पर होने वाले उपचुनाव पर है, क्योंकि यहां से उनके सबसे करीब माने जाने वाले जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सिंधिया की मजबूरी है कि वे ताई और कैलाश दोनों गुटों को साधकर चलें.

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