इंदौर। फिल्म पठान के विरोध के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे. पुलिस ने बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया था. इस दौरान एक युवती वीडियो बना रहा थी. युवती सोनू मंसूरी को वकीलों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था. पुलिस ने सोनू को कोर्ट के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया था. पिछले काफी दिनों से सोनू मंसूरी जेल में ही बंद है. उसने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने सोनू मंसूरी को सशर्त जमानत दे दी है.
हाई कोर्ट ने नहीं दी थी जमानत : पिछले दिनों युवती ने जिला कोर्ट में भी जमानत याचिका लगाई थी. विभिन्न तर्कों को देखते हुए जिला कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी. इसके बाद आरोपी युवती के वकीलों ने हाई कोर्ट में भी जमानत के लिए याचिका लगाई. लेकिन हाई कोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी. दो जगहों से जमानत याचिका खारिज होने के बाद युवती के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सोनू मंसूरी की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरोपी सानू मंसूरी के वकीलों ने विभिन्न तरह के तर्क रखे.
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निचली अदालत में 5 हजार जमा करें : वकीलों के तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने आरोपी को सशर्त जमानत दे दी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सानू मंसूरी को जमानत देते हुए निचली अदालत में 5 हजार रुपये जमा करने के भी आदेश दिए हैं. मध्य प्रदेश सरकार की ओर से इस पूरे मामले में असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा. गौरतलब है कि सोनू मंसूरी की गिरफ्तारी 28 जनवरी को हुई थी और उसके बाद से वह जेल में बंद है.