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IIT Indore: उज्जैन में 100 एकड़ जमीन पर बनेगा सेटेलाइट कैंपस, अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध केंद्र के रूप में होगा विकसित - उज्जैन में 100 एकड़ जमीन पर बनेगा सेटेलाइट कैंपस

मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर की तर्ज पर ही धर्म-अध्यात्म की नगरी उज्जैन भी विकास की रफ्तार पकड़ रहा है. उज्जैन में आईआईटी इंदौर सैटेलाइट कैंपस (Satellite campus of IIT Indore) बनाने जा रहा है. यहां शोध केंद्र भी खोले जाएंगे, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिसर्च होंगे.

Satellite campus to be built on 100 acres of land in Ujjain
उज्जैन में 100 एकड़ जमीन पर बनेगा सेटेलाइट कैंपस
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Published : Jan 29, 2022, 8:29 PM IST

इंदौर। देशभर में स्वच्छता के साथ-साथ इंदौर एजुकेशन हब के रूप में भी पहचान रखता है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर की अपनी एक अलग पहचान है. वही अब आईआईटी इंदौर अपना विस्तार करने जा रहा है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर अपना सेटेलाइट कैंपस उज्जैन में शुरू करने जा रहा है. जिसकी प्रक्रिया आईआईटी और राज्य शासन ने साथ मिलकर शुरू कर दी है. (Satellite campus in ujjain)
100 एकड़ भूमि पर बनेगा सेटेलाइट कैंपस
आईआईटी इंदौर ने अपना सेटेलाइट कैंपस उज्जैन में तैयार करने का फैसला लिया है. यह सेटेलाइट कैंपस महाकाल की नगरी में 100 एकड़ भूमि पर तैयार किया जाएगा. जिसके लिए भूमि चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है. सैटेलाइट कैंपस को लेकर आईआईटी प्रबंधन द्वारा कार्य योजना तैयार कर राज्य शासन को भेजी गई है, राज्य शासन के साथ मिलकर इस सेटेलाइट कैंपस को शुरू करने का काम किया जाएगा.

उज्जैन में 100 एकड़ जमीन पर बनेगा सेटेलाइट कैंपस
आएगी 505 करोड़ की लागत
आईआईटी इंदौर द्वारा तैयार किए जाने वाले सेटेलाइट कैंपस को बनाने में 505 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसके लिए आईआईटी प्रशासन द्वारा डीपीआर भी तैयार कर ली गई है और यह राज्य शासन को भेजी गई है. राज्य शासन और आईआईटी प्रबंधन द्वारा सेटेलाइट कैंपस उज्जैन में तैयार करने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
नए शिक्षण सत्र से शुरू होगा सेटेलाइट कैंपस
सेटेलाइट कैंपस के लिए नोडल अधिकारी के रूप में डॉ राजीव दीक्षित को नियुक्त किया गया है. डॉ राजीव दीक्षित के अनुसार, सेटेलाइट कैंपस के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया की जा रही है. हालांकि यह कैंपस के तैयार करने की प्रक्रिया के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियां नए शैक्षणिक सत्र से शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के परिसर में बने भवन का उपयोग किया जाएगा. जब तक नया भवन बनकर तैयार नहीं होता, तब तक विक्रम विश्वविद्यालय से इसे संचालित किया जाएगा.

अच्छी खबर: आईआईटी इंदौर में बनाया जाएगा ग्लोबल महामारी हब, विभिन्न महामारी पर होंगे शोध

अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे शोध
आईआईटी द्वारा शुरू किए जाने वाले सेटेलाइट भवन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न शोध कार्य किए जाएंगे. सेटेलाइट कैंपस में ऐसे विषयों पर शोध की जाएगी, जो आईआईटी के मुख्य परिसर में संचालित नहीं किए जाते हैं. जिनमें पांच अलग-अलग विषयों पर शोध किया जाएगा, जिसमें मुख्य तौर पर एस्ट्रोनॉमी, वाटर रिसर्च, बिजनेस रिसर्च, पार्क जैसे विषयों पर काम होंगे. यह शोध कार्य उज्जैन की पृष्ठभूमि को देखते हुए तैयार किए गए हैं.आईआईटी इंदौर के सेटेलाइट कैंपस के शुरू किए जाने से शोध से जुड़े छात्रों को काफी हद तक फायदा होगा. (Satellite campus of IIT Indore)

इंदौर। देशभर में स्वच्छता के साथ-साथ इंदौर एजुकेशन हब के रूप में भी पहचान रखता है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर की अपनी एक अलग पहचान है. वही अब आईआईटी इंदौर अपना विस्तार करने जा रहा है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर अपना सेटेलाइट कैंपस उज्जैन में शुरू करने जा रहा है. जिसकी प्रक्रिया आईआईटी और राज्य शासन ने साथ मिलकर शुरू कर दी है. (Satellite campus in ujjain)
100 एकड़ भूमि पर बनेगा सेटेलाइट कैंपस
आईआईटी इंदौर ने अपना सेटेलाइट कैंपस उज्जैन में तैयार करने का फैसला लिया है. यह सेटेलाइट कैंपस महाकाल की नगरी में 100 एकड़ भूमि पर तैयार किया जाएगा. जिसके लिए भूमि चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है. सैटेलाइट कैंपस को लेकर आईआईटी प्रबंधन द्वारा कार्य योजना तैयार कर राज्य शासन को भेजी गई है, राज्य शासन के साथ मिलकर इस सेटेलाइट कैंपस को शुरू करने का काम किया जाएगा.

उज्जैन में 100 एकड़ जमीन पर बनेगा सेटेलाइट कैंपस
आएगी 505 करोड़ की लागत
आईआईटी इंदौर द्वारा तैयार किए जाने वाले सेटेलाइट कैंपस को बनाने में 505 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसके लिए आईआईटी प्रशासन द्वारा डीपीआर भी तैयार कर ली गई है और यह राज्य शासन को भेजी गई है. राज्य शासन और आईआईटी प्रबंधन द्वारा सेटेलाइट कैंपस उज्जैन में तैयार करने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
नए शिक्षण सत्र से शुरू होगा सेटेलाइट कैंपस
सेटेलाइट कैंपस के लिए नोडल अधिकारी के रूप में डॉ राजीव दीक्षित को नियुक्त किया गया है. डॉ राजीव दीक्षित के अनुसार, सेटेलाइट कैंपस के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया की जा रही है. हालांकि यह कैंपस के तैयार करने की प्रक्रिया के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियां नए शैक्षणिक सत्र से शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के परिसर में बने भवन का उपयोग किया जाएगा. जब तक नया भवन बनकर तैयार नहीं होता, तब तक विक्रम विश्वविद्यालय से इसे संचालित किया जाएगा.

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अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे शोध
आईआईटी द्वारा शुरू किए जाने वाले सेटेलाइट भवन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न शोध कार्य किए जाएंगे. सेटेलाइट कैंपस में ऐसे विषयों पर शोध की जाएगी, जो आईआईटी के मुख्य परिसर में संचालित नहीं किए जाते हैं. जिनमें पांच अलग-अलग विषयों पर शोध किया जाएगा, जिसमें मुख्य तौर पर एस्ट्रोनॉमी, वाटर रिसर्च, बिजनेस रिसर्च, पार्क जैसे विषयों पर काम होंगे. यह शोध कार्य उज्जैन की पृष्ठभूमि को देखते हुए तैयार किए गए हैं.आईआईटी इंदौर के सेटेलाइट कैंपस के शुरू किए जाने से शोध से जुड़े छात्रों को काफी हद तक फायदा होगा. (Satellite campus of IIT Indore)

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