इंदौर। फैमिली कोर्ट ने 4 बच्चों को उनके माता-पिता को 6000 भरण- पोषण देने के निर्देश दिए हैं. अपने बच्चों के खिलाफ बुजुर्ग माता-पिता ने कोर्ट की शरण ली थी. वह अपने बच्चों और उनकी बहू उसे बेहद प्रताड़ित हैं. बेटे व बहू ने इनसे घर का काम जबरन करवाते थे. काम ना करने पर घर से बाहर निकाल जाने की धमकी दी जाती थी. साथ ही अनाथ आश्रम में रहने और भंडारे में भोजन करने की सलाह भी दी जाती थी.
छेड़छाड़ की झूठी रिपोर्ट की धमकी : बुजुर्ग दंपती के वकील का दावा है कि बेटे अपने पिता को बहू से छेड़छाड़ की झूठी रिपोर्ट लिखवाने की धमकी भी देते थे. दंपती ने वकील के माध्यम से न्यायालय की शरण ली. कोर्ट ने भी इसे बच्चों को प्रताड़ना माना और प्रत्येक बच्चे को 15 सो रुपये कर 6000 भरण पोषण देने के निर्देश दिए. ऐसा न करने पर गिरफ्तारी का भी प्रावधान है. दरअसल, इंदौर के हीरा नगर इलाके में रहने वाले नागवंशी दंपती अपने ही चार बेटों से परेशान हैं. दंपती बुजुर्ग हैं. उनका शरीर कतई इजाजत नहीं देता कि वह अब मेहनत का काम करें, लेकिन जब अपने ही दर्द देने वाले हो तो उन्हें दर्द दिखाई नहीं देता.
16 साल से पति ने नहीं दिया भरण पोषण, फैमिली कोर्ट ने जारी किया नोटिस
चार बेटे हैं और सभी साधन संपन्न : नागवंशी के चार बेटे हैं, जो कि साधन संपन्न हैं. सभी अपना अपना काम करते हैं. वह सभी अपने माता-पिता को प्रताड़ित करते हैं. अपने माता-पिता से वह घर का काम जबरिया करवाते हैं. बुढ़ापे की हालत में उनसे दो मंजिल ऊपर तक पानी चढ़वाते हैं. ऐसा न करने पर वह घर से निकालने की धमकी देते हैं. दंपती का दावा है कि कई बार उन्हें घर में खाना नहीं मिलता और आसपास मंदिर में होने वाले भंडारे में जाकर अपना पेट भरना पड़ता था. कई बार तो भूखा भी रहना पड़ता है. लेकिन जुल्म की इंतहा तो तब हो गई जब उनका बेटा ही उन्हें छेड़छाड़ के केस में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देता था. इस मामले में वरिष्ठ एडवोकेट कृष्णकुमार कुन्हारे ने इस मामले में बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन पुत्रों को करना होगा. (Resourceful four sons tourcher parents) (Parents fill stomach in bhandara) (Court ordered damages)