इंदौर। विदेश व्यापार महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार समय आने पर गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग पर उचित फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि मार्च-अप्रैल के आसपास फसल की कटाई के समय निर्यात होता है. इस फैसले से पहले देश में गेहूं की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर की समीक्षा की जाएगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के प्रमुख मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 'इनवेस्ट मध्य प्रदेश' में भाग लेने के लिए इंदौर में थे. इसी दौरान उन्होंने यह बात कही.
सरकार लेगी उचित फैसला : प्रतिबंध हटाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर सारंगी ने कहा, 'देश में आमतौर पर मार्च-अप्रैल में गेहूं की फसल काटी जाती है. इस अवधि में सरकार इस विषय पर उचित निर्णय लेगी. सारंगी ने यह भी कहा कि कपड़ा उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि राज्य में इस उद्योग के कच्चे माल के रूप में कपास की भारी उपलब्धता है. उन्होंने कहा कि गेहूं, चावल, फल, सब्जियों और मसालों, राज्य से जैविक और गैर-जैविक रसायनों और इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में वृद्धि की गुंजाइश है. कुछ और क्षेत्रों में विस्तारित किया जाए.
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मई में लगाया था प्रतिबंध : बता दें कि भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत मई 2022 में तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. उस समय विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा था कि अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी. डीजीएफटी ने कहा था कि गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है. उसने यह भी स्पष्ट किया था कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी. (PTI)