इंदौर। शहर के पुनीत पुरोहित 786 अंक के लिए इतने जुनूनी हैं कि वे अपने नाम अब तक 12 रिकॅार्ड कर चुके हैं. अमित में जुनून इस कदर है कि उनके पास मोबाइल नंबर, बिजली बिल, गाड़ी का नंबर, पानी की बोतल सहित तमाम उपयोगी वस्तुओं पर भी वही अंक अंकित हैं. इतना ही नहीं पुनीत के पास 786 अंक की 72 देशों की करेंसी मौजूद है, जिसके लिए उनका नाम 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड' में दर्ज है.
पुनीत पुरोहित को बचपन की एक घटना के बाद 786 अंक से लगाव हो गया था. पुनीत के पास न सिर्फ भारत की बल्कि अन्य 71 देशों की करेंसी मौजूद है, जिसमें 786 अंक अंकित है. भारतीय करेंसी में पुनीत के पास 1 से 2000 तक के नोटों के कलेक्शन हैं. इन सभी नोटों पर 786 अंक अंकित है.
महज 9 साल की उम्र में पुनीत एक दुकान पर जाया करते थे, जहां 786 के नोट को दुकानदार ने लेमिनेशन करवाकर फ्रेम में रख था. पुनीत दुकानदार से अक्सर पूछते थे कि यह क्या है और दुकानदार उन्हें कहता था कि यह बरकती नोट है. एक दिन अचानक जब पुनीत के हाथ में 786 अंक का नोट आया तो वह उस दुकानदार को दिखाने गए और पूछा कि क्या यही बरकती नोट है, तब दुकानदार ने बच्चा समझकर उनका नोट अपने पास रख लिया और उसे दूसरा नोट दे दिया. जिसके बाद पुनीत रोते हुए घर लौट गए और ठान लिया कि वे 786 नंबर के नोट जमा करना शुरू करेंगे. उस दिन से नोट जमा करने का शुरू हुआ ये सफर आज तक जारी है.
786 अंक के 72 देशों की करेंसी एकत्रित करने का रिकॉर्ड फिलहाल पुनीत के पास है. इससे पहले 14 देशों की इस तरह की करेंसी जमा करने का रिकॉर्ड था, जिसे पुनीत ने तोड़ दिया. पुनीत बताते हैं कि यह रिकॉर्ड बनाने के लिए उन्हें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनके पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया. धीरे-धीरे करेंसी के साथ-साथ तमाम दैनिक उपयोगी वस्तुएं भी एकत्रित की गईं, जिस पर 786 अंक लिखा था. पुनीत के पास हर तरह के 786 के नोटों का संग्रह है जिनमें शुरुआत में, अंत में, बीच में और आगे-पीछे दोनों तरफ एक साथ 786 लिखा है.