इंदौर। केंद्र सरकार के हाल ही में पारित किए गए कृषि सुधार विधेयक को लेकर देशभर में विरोध तेज हो गया है. लिहाजा अब देशभर के प्रमुख कृषि और श्रमिक संगठनों ने इस विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचकर विरोध प्रदर्शन की रणनीति तय की है. इंदौर में नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर संविधान दिवस पर करीब 50,000 किसानों के साथ दिल्ली पहुंचने की तैयारी में हैं. यह सभी किसान 24 नवंबर को मध्यप्रदेश के अलावा महाराज और दक्षिण भारतीय राज्यों से होते हुए गुना, ग्वालियर, कोलारस और आगरा होकर 26 नवंबर को दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने बताया कोरोना के नाम पर हालांकि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. लेकिन फिर भी हजारों किसान और श्रमिक अपने पूर्व निर्धारित आंदोलन के तहत दिल्ली पहुंचेंगे. इनमें बड़ी संख्या में कृषि और श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे. वहीं हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक और कृषक सशक्तिकरण व संरक्षण विधेयक संसद में पारित किया है. इधर इस देश के खिलाफ देश के 500 से अधिक किसान संगठन विरोध कर रहे हैं. किसान संगठनों की मांग है, कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर बिन मांगे बिना पूछे लादे गए किसान विरोधी कानूनों और प्रस्तावित बिजली बिल को तत्काल रद्द किया जाए और एनसीआर के प्रदूषण के कानून से किसानों को बाहर किया जाए.