इंदौर। 70 किलो MDMA ड्रग्स मामले में पकड़े गए पांच आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ में जुटी हुई है. अभी आरोपी पुलिस के पास 5 दिनों की रिमांड पर हैं, माना जा रहा है इन पांच दिनों में पुलिस इससे जुड़े अहम खुलासे कर सकती है. बताया जा रहा है इतने ड्रग्स से प्रति ग्राम के हिसाब से 75000 लोगों को इसकी लत में डाला जा सकता था.
संपत्ति, बैंक खातों की पड़ताल
एडीजी ने बताया कि महालक्ष्मी नगर के दिनेश अग्रवाल और उनके बेटे अक्षय भतीजे चिमन और हैदराबाद के फार्मा कंपनी के संचालक वेद प्रकाश से कड़ी पूछताछ की जा रही है. तीनों की संपत्ति, बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है. ताकि ड्रग्स सप्लाई कर अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा सके.
कनेक्शन को खंगाल रही पुलिस
अब तक की पूछताछ में पुलिस को मंदसौर के एक डॉक्टर की भी जानकारी लगी है. जो कि ड्रग्स तस्करों से जुड़ा हुआ है. इसी ने हैदराबाद के ड्रग तस्कर वेद प्रकाश व्यास को MDMA ड्रग्स बनाने का फार्मूला बताया था. इसके अलावा पुलिस ने हैदराबाद की फैक्ट्री की जानकारी निकाली है, जहां तक इस ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा था.
पुलिस ने बदला पूछताछ का तरीका
प्रत्येक आरोपी से अलग-अलग अधिकारी पूछताछ में जुटे हुए है और संबंधित आरोपियों से पुलिस एक ही सवाल को घुमा-घुमा कर कर रही है. यदि किसी तरह की कोई विरोधाभासी बात सामने आती है तो पुलिस आगे उसे कड़ी को लेकर जांच कर रही है.
कई बड़े शहरों से जुड़ सकते हैं तार
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ड्रग्स तस्करों से पूछताछ में कई तरह के खुलासे हो रहे हैं. पूछताछ के आधार पर देश के विभिन्न शहरों में बैठे बड़े ड्रग तस्करों तक भी पहुंचने में पुलिस को आसानी होगी. MDMA ड्रग्स का इस्तेमाल मुंबई से लेकर दूसरे महानगर और मझले शहरों में होने वाली पार्टियों में होता है. इन्हीं पार्टियों में युवाओं को अलग-अलग जरिए से ड्रग्स की लत लगाई जाती थी.
हो सकते हैं और भी कई सोर्स
इतनी बड़ी ड्रग्स की जब्ती के बाद पुलिस ने ड्रग्स माफिया की कमर तोड़ दी है. इसके पहले भी MDMA ड्रग इंदौर तक पहुंचा और यहां खफाया जा चुका है, जिसके और भी कई सोर्स हो सकते हैं लेकिन बड़ी खेप हैदराबाद से ही आती थी. उम्मीद है आने वाले दिनों में और भी दूसरे ड्रग्स माफिया पुलिस की गिरफ्त में आएंगे.
छात्र रहते थे निशाने पर
अभी तक हुई पूछताछ के मुताबिक पुलिस ने बताया कि आरोपियों के निशाने पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र रहते थे. उन्हें पढ़ाई में मन लगाने की अचूक दवा कह कर इस ड्रग्स को उनके बीच उपलब्ध कराया जाता था.