इंदौर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में पुलिस लगातार मुख्य आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है, तो वहीं पुलिस महाराष्ट्र और गुजरात में भी जांच में जुटी हुई है. एक टीम मुख्य आरोपी को लेकर मुंबई और ठाणे भी गई है. मामले में जल्द ही कई साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है.
8 मई को एसटीएफ ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में 6 आरोपियों को पकड़कर विजय नगर पुलिस के हवाले किया था. इनमें से मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा से 45 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे. सुनील से इंजेक्शन आठ हजार में खरीदे, फिर आरोपियों ने यह इंजेक्शन 11 हजार में बेचे थे. सुनील के मोबाइल की सीडीआर निकालने के बाद इन्हें पकड़ा गया था. वहीं, मामले में लगातार पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. वहीं, मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा के सामने बिठाकर पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की गई. इस दौरान पकड़े गए आरोपियों से चार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन पुलिस ने बरामद किए हैं.
यूथ कांग्रेस ने नेता से मिला 100 नकली इंजेक्शन का रिकॉर्ड
वहीं, मामले में पुलिस ने कांग्रेस के यूथ कांग्रेस नेता प्रशांत पाराशर को भी गिरफ्तार किया था और उसे भी मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा के सामने बैठकर पूछताछ की गई. इस दौरान उसने जहां पिछले दिनों 76 इंजेक्शन लेने की बात की थी, लेकिन सुनील मिश्रा के सामने बैठते ही उसने 100 इंजेक्शन लेना कबूल किया. इसके बाद पुलिस ने 100 इंजेक्शन के बारे में उससे पूछताछ की, तो उसने बताया कि 30 इंजेक्शन उसने बेतवा नदी में फेंक दिए थे. बाकी उसने बेच दिए. उसके बेचे नकली इंजेक्शन से 2 मरीजों की मौत भी हुई थी. इसी के साथ 2 इंजेक्शन उसके घर में भी बरामद हुए हैं. फिलहाल, प्रशांत पराशर को जो नक्ली इंजेक्शन आरोपियों ने बेचे थे उसका पूरा रिकॉर्ड पुलिस ने बना लिया है.
पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने जुर्म कबूला
वहीं, पुलिस मुख्य आरोपी पुनित शाह, कुशल बोरा, सुनील मिश्रा और एक अन्य से लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई है. पूछताछ में आरोपी पुनीत शाह और कौशल बोरा ने बताया कि जब नकली इंजेक्शन बनाए, तो उन्हें 1 दिन तक अपने पास रखा था. उनकी हालत देखने के बाद ग्राहक ढूंढना शुरू किया. इसके लिए स्थानीय आरोपियों से संपर्क किया गया. आरोपियों ने फोन लगाकर बताया कि उनके पास इंजेक्शन है. अगर उसकी किसी को जरूरत हो तो बताना. इस पर उनसे कीमत के बारे में पूछा था पहले उसे 800 रुपए बताई. पहली खेप में बने हुए 200 इंजेक्शन उसे दे दिए. इसके बाद दूसरी खेप बनाई और सुनील मिश्रा से संपर्क किया. उसे इंजेक्शन देने के लिए वह इंदौर आए. सुनील ने 500 इंजेक्शन जबलपुर में दिए थे, जो इंजेक्शन की खेप को आगे अलग-अलग जगह पर दे दिया. फिर उनके जरिए यह इंजेक्शन मरीजों के परिजनों तक पहुंचा दिए गए, लेकिन जब नकली इंजेक्शन आरोपियों ने बनाए तो तकरीबन 200 इंजेक्शन उन्होंने एक दिन अपने पास ही रखें.
आरोपी अलग- अलग प्रदेशों में हैं वांटेड
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में जिन चार मुख्य आरोपियों को विजय नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन्होंने देश के अलग-अलग प्रदेशों में भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाये हैं, जिसमें गुजरात के साथ महाराष्ट्र और अन्य जगह भी शामिल हैं. आने वाले दिनों में अन्य जगह और प्रदेशों की पुलिस भी इन्हें रिमांड पर ले सकती है. फिलहाल, अभी तक पुलिस जिस तरह से उनसे पूछताछ करने में जुटी हुई है और जो जनाकारी मिल रही है उसके आधार पर निश्चित तौर पर पुलिस जल्द ही आरोपियों को भी गिरफ्तार कर सकती है.
नकली रेमडेसिविर मामला: मुख्य आरोपियों को मुंबई और गुजरात ले जाएगी पुलिस
पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है और लगातार जांच पड़ताल भी की जा रही है, आने वाले दिनों में जिस तरह से मुख्य आरोपी अलग-अलग तरह की जानकारी पुलिस को दे रहे हैं उसके आधार पर और उन साक्ष्यों के आधार पर कई और करवाई को पुलिस के द्वारा अंजाम दिया जा सकता है