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दवाइयों की कालाबाजारी करने वाले आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कोरोना संकट के इस दौर में दवाइयों की कालाबाजारी तेजी से बढ़ती जा रही है. ताजा मामले में दो आरोपियों ने एक पीड़ित को निर्धारित मूल्य से अधिक दामों में दवाई उपलब्ध कराई. फिलहाल, दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

दवाइयों की कालाबाजारी
दवाइयों की कालाबाजारी
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Published : Apr 23, 2021, 2:20 AM IST

इंदौर। शहर में कोरोना महामारी तेजी से पैर पसार रही है वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग लगातार दवाइयों की कालाबाजारी में भी जुटे हुए हैं. इस बीच खजराना पुलिस ने भी दो आरोपियों को कुछ दवाई के साथ गिरफ्तार किया है. फिलहाल, आरोपियों से बारीकी से पूछताछ की जा रही है.

खजराना पुलिस

क्या था मामला

दरअसल, खजराना पुलिस को फरियादी जयदीप साधवानी द्वारा एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया. जिसमें बताया गया कि वह गोली दवाई का व्यापार करता है तथा उसकी लाइफ विजन नामक फर्म 1ए, यादव महल के पास दवा बाजार में स्थित है. यहां से वह दवाइयां डायरेक्ट हॉस्पिटल व मेडिकल स्टोर पर सप्लाई करता है तथा किसी निजी व्यक्ति को नहीं देता है. ऐसे में 21 अप्रैल 2021 को उसकी फर्म पर अंकिता यादव नामक महिला आई और वो दो बिल देकर बोली कि इन बिलों पर सील साइन कर दो तो' उसने उक्त दोनों बिल देखे तथा अंकिता यादव को बोला कि यह उसकी फर्म के बिल नहीं है.

इंजेक्शन की कालाबाजारी

बिल पर लिखे इंजेक्शन IMMUNOCIN ALPHA व ACTMERA 400 mg इंजेक्शन थे. उसने दोनों बिलो का मिलान किया तथा दोनों बिलों पर अंकित इनवॉइस नंबर भी उसकी फर्म के नहीं होना पाए, बिल पर उसका ईमेल आईडी व मोबाइल नंबर भी नहीं था तथा एक अन्य नबंर था. उसने अंकिता से पूछा कि उसे यह बिल किसने दिया' तो अंकिता बोली कि उसकी बहन प्रीति कोरोना पीड़ित होने के बाद से दिनांक 25 मार्च 2021 से मयूर हॉस्पिटल में इलाज करा रही थी. इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा उसकी बहन प्रीति को अर्जेंट में इंजेक्शन लगने का बताया' फिर वहीं मौजूद डॉक्टर आमिर ने उससे बोला कि वह इंजेक्शन उपलब्ध करा देगा, लेकिन उनकी कीमत ₹60000-/- होगी, तो उसने डॉक्टर से बोला कि आप इंजेक्शन उपलब्ध करा दो तथा बिल हमें देना.

फोन लगाने पर मिली जानकारी

उसने डॉक्टर आमिर को इंजेक्शन के 60000 रुपए गूगल पे के माध्यम से अकाउंट में डाल दिए. जिसके उपरांत डॉ आमिर ने इंजेक्शन का बिल नहीं दिया था, बोला कि वह बिल बाद में दे देगा. जिसके बाद वह उसकी बहन को इलाज के लिए गुर्जर अस्पताल ले गई, डॉ. आमिर ने उसे व्हाट्सएप पर इंजेक्शन के दोनों बिल भेज दिए. बिल पर अंकित मोबाइल नंबर पर उसने फोन लगाया. फोन इमरान नामक व्यक्ति ने उठाया तथा बिल के संबंध में बताया कि वह इन्फोलेबेल फर्म कंपनी में एमआर है तथा बिल उसने छपवाये हैं. डॉक्टर आमिर व एमआर इमरान ने उसकी फर्म के नकली बिल छलपूर्वक बनाकर फर्म के नाम से धोखाधड़ी कर आम लोगों से रुपए ठगे हैं. उक्त शिकायत पर से आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है.

आरोपी गिरफ्तार

आरोपी आमिर खान और इमरान खान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. फिलहाल, आरोपियों से मामले के संंबंध में पूछताछ की जा रही है. वहीं आरोपी आमिर से पूछताछ पर बताया कि वह मयूर हॉस्पिटल में असिस्टेंट ड्यूटी डॉक्टर के पद पर कार्यरत है, जिसके द्वारा B.U.M.S की डिग्री प्राप्त की गई है तथा इससे पूर्व वह स्वर्णबाग कॉलोनी में हेल्थ प्लस नाम से क्लिनिक चलाता था. वहीं, आरोपी इमरान ने बताया कि वह विगत 2 महीने से इनफॉलीबल फर्म कंपनी में एम.आर के पद पर कार्यरत है तथा इससे पूर्व भी वह अन्य फर्मों में एम.आर की नौकरी करता था. फिलहाल, दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

इंदौर। शहर में कोरोना महामारी तेजी से पैर पसार रही है वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग लगातार दवाइयों की कालाबाजारी में भी जुटे हुए हैं. इस बीच खजराना पुलिस ने भी दो आरोपियों को कुछ दवाई के साथ गिरफ्तार किया है. फिलहाल, आरोपियों से बारीकी से पूछताछ की जा रही है.

खजराना पुलिस

क्या था मामला

दरअसल, खजराना पुलिस को फरियादी जयदीप साधवानी द्वारा एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया. जिसमें बताया गया कि वह गोली दवाई का व्यापार करता है तथा उसकी लाइफ विजन नामक फर्म 1ए, यादव महल के पास दवा बाजार में स्थित है. यहां से वह दवाइयां डायरेक्ट हॉस्पिटल व मेडिकल स्टोर पर सप्लाई करता है तथा किसी निजी व्यक्ति को नहीं देता है. ऐसे में 21 अप्रैल 2021 को उसकी फर्म पर अंकिता यादव नामक महिला आई और वो दो बिल देकर बोली कि इन बिलों पर सील साइन कर दो तो' उसने उक्त दोनों बिल देखे तथा अंकिता यादव को बोला कि यह उसकी फर्म के बिल नहीं है.

इंजेक्शन की कालाबाजारी

बिल पर लिखे इंजेक्शन IMMUNOCIN ALPHA व ACTMERA 400 mg इंजेक्शन थे. उसने दोनों बिलो का मिलान किया तथा दोनों बिलों पर अंकित इनवॉइस नंबर भी उसकी फर्म के नहीं होना पाए, बिल पर उसका ईमेल आईडी व मोबाइल नंबर भी नहीं था तथा एक अन्य नबंर था. उसने अंकिता से पूछा कि उसे यह बिल किसने दिया' तो अंकिता बोली कि उसकी बहन प्रीति कोरोना पीड़ित होने के बाद से दिनांक 25 मार्च 2021 से मयूर हॉस्पिटल में इलाज करा रही थी. इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा उसकी बहन प्रीति को अर्जेंट में इंजेक्शन लगने का बताया' फिर वहीं मौजूद डॉक्टर आमिर ने उससे बोला कि वह इंजेक्शन उपलब्ध करा देगा, लेकिन उनकी कीमत ₹60000-/- होगी, तो उसने डॉक्टर से बोला कि आप इंजेक्शन उपलब्ध करा दो तथा बिल हमें देना.

फोन लगाने पर मिली जानकारी

उसने डॉक्टर आमिर को इंजेक्शन के 60000 रुपए गूगल पे के माध्यम से अकाउंट में डाल दिए. जिसके उपरांत डॉ आमिर ने इंजेक्शन का बिल नहीं दिया था, बोला कि वह बिल बाद में दे देगा. जिसके बाद वह उसकी बहन को इलाज के लिए गुर्जर अस्पताल ले गई, डॉ. आमिर ने उसे व्हाट्सएप पर इंजेक्शन के दोनों बिल भेज दिए. बिल पर अंकित मोबाइल नंबर पर उसने फोन लगाया. फोन इमरान नामक व्यक्ति ने उठाया तथा बिल के संबंध में बताया कि वह इन्फोलेबेल फर्म कंपनी में एमआर है तथा बिल उसने छपवाये हैं. डॉक्टर आमिर व एमआर इमरान ने उसकी फर्म के नकली बिल छलपूर्वक बनाकर फर्म के नाम से धोखाधड़ी कर आम लोगों से रुपए ठगे हैं. उक्त शिकायत पर से आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है.

आरोपी गिरफ्तार

आरोपी आमिर खान और इमरान खान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. फिलहाल, आरोपियों से मामले के संंबंध में पूछताछ की जा रही है. वहीं आरोपी आमिर से पूछताछ पर बताया कि वह मयूर हॉस्पिटल में असिस्टेंट ड्यूटी डॉक्टर के पद पर कार्यरत है, जिसके द्वारा B.U.M.S की डिग्री प्राप्त की गई है तथा इससे पूर्व वह स्वर्णबाग कॉलोनी में हेल्थ प्लस नाम से क्लिनिक चलाता था. वहीं, आरोपी इमरान ने बताया कि वह विगत 2 महीने से इनफॉलीबल फर्म कंपनी में एम.आर के पद पर कार्यरत है तथा इससे पूर्व भी वह अन्य फर्मों में एम.आर की नौकरी करता था. फिलहाल, दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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