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छोटे लोन के चक्कर में साइबर ठगी का शिकार हो रहे लोग, रिश्तेदारों को पहुंच रहे धमकी भरे फोन - Online loan

यदि आप एक स्मार्ट फोन यूजर हैं और उसके जरिए किसी एप्लीकेशन के माध्यम से लोन (Loan through application) ले रहे हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है. लोन देने वाली कई कंपनियां लोगों के मोबाइल का डेटा चोरी कर उसे इस्तेमाल कर रही हैं. इसके अलावा ग्राहकों के परिजनों को भी परेशान कर रही हैं. लॉकडाउन के बाद से ऐसे मामलों में एकाएक इजाफा हुआ है.

cyber fraud
साइबर ठगी
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Published : Dec 26, 2020, 6:56 AM IST

Updated : Dec 26, 2020, 7:09 AM IST

इंदौर। कर्ज लेकर जिंदगी की जरूरतों को पूरा करना आज के समय में आम बात है. कोरोना काल में एप्लीकेशन के माध्यम से लोन (Loan through application) लेने के मामलों में भी इजाफा हुआ है. इसी का फायदा उठाकर अब धोखाधड़ी करने वालों ने नया तरीका इजाद किया है. प्ले-स्टोर पर कई ऐसी एप्लीकेशन मौजूद हैं, जो कि लोगों को बिना कागजी कार्रवाई के लोन उपलब्ध करा रही है. लेकिन इन एप्लीकेशनो में कई फर्जी एप्लीकेशन भी शामिल हो गई हैं, जो कि मोबाइल का पूरा डाटा चोरी कर लोगों के फर्जी लोन पास कर देते हैं.

आधार और पैन कार्ड पर दिया जाता है लोन

लोन देने वाले कई एप्लीकेशन आधार कार्ड और पैन कार्ड को ऑनलाइन अपलोड करा कर ही लोन दे देती है. यह लोन छोटी राशि का होता है, इसलिए लोग भी आसानी से इसके लिए तैयार हो जाते हैं. लोन लेते समय प्ले-स्टोर पर इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद पैन कार्ड और आधार कार्ड के साथ सेल्फी के साथ फोन कॉटेक्ट का एक्सेस भी मांगा जाता है और छोटी सी प्रक्रिया पर लोन दे दिया जाता है. जिसके बाद फोन बुक के सारे नंबर इस एप्लीकेशन पर पहुंच जाते हैं.

कॉटेक्ट और कॉल लॉक का एक्सेस दिए बना इस एप्लीकेशन को ओपन भी नहीं किया जा सकता है, लेकिन लोग लोन के लिए यह प्रक्रिया पूरी कर लेते है, जिसके बाद फोन का बहुत सारा डाटा है, कंपनी के पास आसानी से पहुंच जाता है.

कैसे चलता है पता

लोन चुकाने के कुछ दिनों बाद जब वापस से ग्राहक के पास लोन की राशि चुकाने के लिए फोन जाता है तो उसे अपने साथ हुई ठगी का पता चलता है और अगर व्यक्ति हर लोन की राशि चुकाने से मना करता है तो उसके फोन से एक्सेस किए गए नंबरों पर मैसेज और फोन जाना शुरू हो जाते हैं जिसमें कई बार रिश्तेदारों को धमकी भरे फोन भी आते हैं

cyber fraud
कैसे होती है ठगी

एप्लीकेशन के माध्यम से लोन लेकर उसे चुकाने के बावजूद लोगों को लोन भरने के लिए फोन आ रहे हैं और जब लोगों के द्वारा लोन नहीं भरा जाता है तो रिकवरी एजेंटों के द्वारा उनके रिश्तेदारों और परिचितों को फोन कर धमकी दी जाने लगती है.

कुशल सोनी, शिकायतकर्ता
साइबर क्राइम आसानी से पकड़ पाना होता है मुश्किल

साइबर क्राइम थाने और इंदौर के क्राइम ब्रांच में भी इस तरह की शिकायतों में इजाफा हुआ है. लॉकडाउन के बाद से लगातार ऐसी शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही है, जिसमें कि बिना लोन लिए ही लोन चुकाने के लिए दबाव बनाने की बात सामने आई है. पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि व्यक्ति को धोखाधड़ी होने के कई दिनों बाद अपराधों की जानकारी लग पाती है.

जितेंद्र सिंह एसपी, साइबर क्राइम
कैसे बचे ठगी से

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो इस तरह की एप्लीकेशन को डाउनलोड ना करके इस ठगी से बचा जा सकता है. फिर भी यदि एप्लीकेशन डाउनलोड की जाती है तो कई प्रकार के एक्सिस ना दे कर भी इनसे बचा जा सकता है.

cyber fraud
कैसे बचे

ऐसी कई एप्लीकेशंस को प्ले स्टोर से हटा भी दिया गया है, लेकिन फिर भी व्यक्ति किसी एप्लीकेशन के माध्यम से लोन लेता है तो प्ले स्टोर पर दिए गए रिव्यू में वह एप्लीकेशन की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है. यदि रिव्यू में लगातार ऐसी ठगी की बातें लोगों के द्वारा लिखी जाती हैं तो ऐसी एप्लीकेशन से बचा जा सकता है.

शोभित चतुर्वेदी, साइबर एक्सपर्ट

सतर्कता बरते और सुरक्षित रहें

इस तरह की साइबर वसूली में आईटी एक्ट 2000 की धाराएं भी लगाई जा सकती है, जिसमें किसी की गोपनीयता भंग होती है. हालांकि जागरूकता की कमी के चलते लोग लगातार इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैं. वहीं पुलिस भी इस तरह के मामलों में आने वाली समस्याओं के कारण काभी परेशन होती है. इन सब से बचने के लिए जरूरी है कि लोग सतर्कता बरते और सुरक्षित रहें.

इंदौर। कर्ज लेकर जिंदगी की जरूरतों को पूरा करना आज के समय में आम बात है. कोरोना काल में एप्लीकेशन के माध्यम से लोन (Loan through application) लेने के मामलों में भी इजाफा हुआ है. इसी का फायदा उठाकर अब धोखाधड़ी करने वालों ने नया तरीका इजाद किया है. प्ले-स्टोर पर कई ऐसी एप्लीकेशन मौजूद हैं, जो कि लोगों को बिना कागजी कार्रवाई के लोन उपलब्ध करा रही है. लेकिन इन एप्लीकेशनो में कई फर्जी एप्लीकेशन भी शामिल हो गई हैं, जो कि मोबाइल का पूरा डाटा चोरी कर लोगों के फर्जी लोन पास कर देते हैं.

आधार और पैन कार्ड पर दिया जाता है लोन

लोन देने वाले कई एप्लीकेशन आधार कार्ड और पैन कार्ड को ऑनलाइन अपलोड करा कर ही लोन दे देती है. यह लोन छोटी राशि का होता है, इसलिए लोग भी आसानी से इसके लिए तैयार हो जाते हैं. लोन लेते समय प्ले-स्टोर पर इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद पैन कार्ड और आधार कार्ड के साथ सेल्फी के साथ फोन कॉटेक्ट का एक्सेस भी मांगा जाता है और छोटी सी प्रक्रिया पर लोन दे दिया जाता है. जिसके बाद फोन बुक के सारे नंबर इस एप्लीकेशन पर पहुंच जाते हैं.

कॉटेक्ट और कॉल लॉक का एक्सेस दिए बना इस एप्लीकेशन को ओपन भी नहीं किया जा सकता है, लेकिन लोग लोन के लिए यह प्रक्रिया पूरी कर लेते है, जिसके बाद फोन का बहुत सारा डाटा है, कंपनी के पास आसानी से पहुंच जाता है.

कैसे चलता है पता

लोन चुकाने के कुछ दिनों बाद जब वापस से ग्राहक के पास लोन की राशि चुकाने के लिए फोन जाता है तो उसे अपने साथ हुई ठगी का पता चलता है और अगर व्यक्ति हर लोन की राशि चुकाने से मना करता है तो उसके फोन से एक्सेस किए गए नंबरों पर मैसेज और फोन जाना शुरू हो जाते हैं जिसमें कई बार रिश्तेदारों को धमकी भरे फोन भी आते हैं

cyber fraud
कैसे होती है ठगी

एप्लीकेशन के माध्यम से लोन लेकर उसे चुकाने के बावजूद लोगों को लोन भरने के लिए फोन आ रहे हैं और जब लोगों के द्वारा लोन नहीं भरा जाता है तो रिकवरी एजेंटों के द्वारा उनके रिश्तेदारों और परिचितों को फोन कर धमकी दी जाने लगती है.

कुशल सोनी, शिकायतकर्ता
साइबर क्राइम आसानी से पकड़ पाना होता है मुश्किल

साइबर क्राइम थाने और इंदौर के क्राइम ब्रांच में भी इस तरह की शिकायतों में इजाफा हुआ है. लॉकडाउन के बाद से लगातार ऐसी शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही है, जिसमें कि बिना लोन लिए ही लोन चुकाने के लिए दबाव बनाने की बात सामने आई है. पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि व्यक्ति को धोखाधड़ी होने के कई दिनों बाद अपराधों की जानकारी लग पाती है.

जितेंद्र सिंह एसपी, साइबर क्राइम
कैसे बचे ठगी से

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो इस तरह की एप्लीकेशन को डाउनलोड ना करके इस ठगी से बचा जा सकता है. फिर भी यदि एप्लीकेशन डाउनलोड की जाती है तो कई प्रकार के एक्सिस ना दे कर भी इनसे बचा जा सकता है.

cyber fraud
कैसे बचे

ऐसी कई एप्लीकेशंस को प्ले स्टोर से हटा भी दिया गया है, लेकिन फिर भी व्यक्ति किसी एप्लीकेशन के माध्यम से लोन लेता है तो प्ले स्टोर पर दिए गए रिव्यू में वह एप्लीकेशन की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है. यदि रिव्यू में लगातार ऐसी ठगी की बातें लोगों के द्वारा लिखी जाती हैं तो ऐसी एप्लीकेशन से बचा जा सकता है.

शोभित चतुर्वेदी, साइबर एक्सपर्ट

सतर्कता बरते और सुरक्षित रहें

इस तरह की साइबर वसूली में आईटी एक्ट 2000 की धाराएं भी लगाई जा सकती है, जिसमें किसी की गोपनीयता भंग होती है. हालांकि जागरूकता की कमी के चलते लोग लगातार इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैं. वहीं पुलिस भी इस तरह के मामलों में आने वाली समस्याओं के कारण काभी परेशन होती है. इन सब से बचने के लिए जरूरी है कि लोग सतर्कता बरते और सुरक्षित रहें.

Last Updated : Dec 26, 2020, 7:09 AM IST
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