भोपाल। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण के चलते करीब 11 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में सरकार सख्त है. प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने आरोपी डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है. साथ ही उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. ऑपरेशन थियेटर को भी सील कर दिया गया है. प्रदेश सरकार ने सभी मरीजों का इलाज करवाने और मुआवजे के तौर पर 50-50 हजार रुपए की राशि दिए जाने की घोषणा की है.
मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि सभी मरीजों को चोइथराम अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. मरीजों के बेहतर इलाज के लिए पूरा खर्च मध्यप्रदेश सरकार उठाएगी. इसके साथ ही 50-50 हजार रुपए मुआवजा राशि दी जाएगी. मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि फिलहाल सरकार की पहली प्राथमिकता मरीजों की आंखें बचाना है. बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मामले को संज्ञान में लिया है और जांच के आदेश दिए हैं.
गौरतलब है कि इंदौर आई अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. राष्ट्रीय अंधत्व निवारण शिविर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण के चलते 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है. वहीं मामले का खुलासा होते ही स्वास्थ्य विभाग ने इंदौर आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर को सील कर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है.