इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University) के तक्षशिला परिसर स्थित स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक के प्रोफेसर और छात्रों ने शोध कार्य में एक नया मुकाम हासिल किया है, जो विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आया है. छात्रों और शिक्षकों ने 2021 में मिलकर बनाए गए तीन आविष्कारों को पेटेंट मिल गया है. साल की शुरुआत में प्रोफेसर अभय कुमार और शोधार्थियों द्वारा मिलकर बनाए वायरलेस कम्युनिकेशन और मोडल बायोमेट्रिक्स को पटेंट मिला था. वहीं अब स्मार्ट डस्टबिन को लेकर एक और पेटेंट स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स को मिला है.
2021 में स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स को मिले 3 पेटेंट
2021 स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है. इस साल स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स को तीन पेटेंट प्राप्त हुए हैं. साल की शुरुआत में प्रोफेसर अभय कुमार के साथ काम करने वाले शोधार्थियों को वायरलेस कम्युनिकेशन और मोडल बायोमेट्रिक्स के व्यापक डोमेन में दो पेटेंट प्रदान किए है. वहीं अब स्मार्ट डस्टबिन को लेकर एक और पेटेंट स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स को मिला है.
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स्वच्छ भारत मिशन को लेकर तैयार किया डस्टबिन
स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक की प्रोफेसर कीर्ति पंवार भाटी और उनके साथ काम करने वाले स्नातकोत्तर छात्र कुछ दिनों पहले स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए स्मार्ट डस्टबिन नामक अभिनव उत्पाद विकास के लिए एक और पेटेंट प्रकाशित करने में सफल हुए. उनका काम पेटेंट की आधिकारिक पेटेंट और डिजाइन जर्नल में प्रकाशित किया गया है. सह-आविष्कारक प्राची गौतम और अंकिता मोदी हैं. उनका यह पेटेंट मार्च 2020 में फाइल किया गया था.
दिव्यांगों के लिए सहायक होगा यह डस्टबिन
इस डस्टबिन का उद्देश्य अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए दिव्यांगों की आवश्यकता को पूरा करना है. यह उन्हें दूसरों की सहायता के बिना स्वयं के कचरे का निपटान करने की सुविधा प्रदान करता है. यह उत्पाद कोविड-19 महामारी के कारण अधिक प्रासंगिक हो गया.