इंदौर। मध्यप्रदेश में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीजों वाले इंदौर शहर में अब प्रतिदिन एक हजार संदिग्धों के कोरोना सैंपल की जांच हो सकेगी. यही नहीं खंडवा और बुरहानपुर में भी भोपाल एम्स की अनुमति के बाद जांच की सुविधा शुरू हो जाएगी. इंदौर सहित मालवा-निमाड़ के कई जिलों में फिलहाल कोरोना के टेस्टिंग की सुविधा नहीं है. लिहाजा इन सभी जिलों के सैंपल को जांच के लिए इंदौर भेजा जा रहा था, लेकिन इंदौर में भी शुरुआती दौर में 40 सैंपल की ही जांच हो पा रही थी.
ऐसे में संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों और एमजीएम कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल के प्रयासों से यहां कोरोना जांच की विभिन्न मशीनें और प्रणाली स्थापित हो सकी, जिसके चलते वर्तमान में 500 से ज्यादा कोरोना संभावित मरीजों के टेस्ट इंदौर में हो रहे हैं. हाल ही में इंदौर के वायरोलॉजी लैब में ऑटोमैटिक आरएनए इंस्ट्रक्टर मशीन स्थापित कर ली गई है, जिसकी बदौलत अब प्रतिदिन एक हजार संभावित मरीजों के टेस्ट किए जा सकेंगे.
संभाग आयुक्त आकाश त्रिपाठी के मुताबिक, इस मशीन के अलावा बायोसेफ्टी कैबिनेट की उपलब्धता के बाद इंदौर सहित आसपास के जिलों के मरीजों की कोरोना जांच शीघ्रता से हो सकेगी. उन्होंने बताया कि खंडवा में भी जांच के लिए मशीन स्थापित की गई है, जिसकी स्वीकृति एम्स भोपाल से मिलते ही वहां भी संक्रमित मरीजों की जांच शुरू हो जाएगी.
एम्स से अनुमति मिलने के बाद खंडवा के मरीजों के साथ बुरहानपुर जिले के भी मरीजों की जांच खंडवा में ही हो सकेगी, जबकि शेष जिलों के सैंपल इंदौर भेजे जाएंगे, जहां त्वरित गति से सभी सैंपल की जांच अत्याधुनिक मशीनों और जांच प्रणाली की मदद से की जाएगी.