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पेड़ों पर भी ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव, ऐसी नर्सरी जहां राशियों के आधार पर पौधों को किया गया है इंडिकेट - नर्सरी

मध्यप्रदेश की ऐसी पहली नर्सरी जहां नक्षत्रों और राशियों से सम्बंधित पौधे लगाए गए हैं. वन-विभाग की इस पूरी मुहिम का उद्देश्य ग्रह-नक्षत्र और राशियों का सहारा लेकर शहर में प्लांटेशन की संख्या को बढ़ावा देना है.

रत्नों की तरह प्रभाव देते हैं पेड़-पौधे
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Published : Aug 23, 2019, 2:04 PM IST

इंदौर। वन विभाग ने प्रदेश की ऐसी पहली नर्सरी बनाई है, जो काबिले तारीफ है. यहां ग्रह-नक्षत्र और राशियों के आधार पर पौधों को इंडिकेट किया गया है. नर्सरी में प्रवेश करते ही ग्रह और नक्षत्रों से संबंधित टेंपलेट्स दिखने शुरू हो जाते हैं. सभी पेड़ों के नीचे उन पेड़ों का ग्रह-नक्षत्र और राशियों का प्रभाव भी बताया गया है. इस पूरी मुहिम का उद्देश्य शहर में प्लांटेशन को बढ़ाना है.

नर्सरी जहां नक्षत्रों और राशियों से संबंधित हैं पौधे


पेड़-पौधों पर भी नक्षत्रों का प्रभाव
वन विभाग ने नर्सरी में हर पेड़ के नीचे टेंप्लेट्स लगाए हैं, जिनमें पेड़ों का ग्रह-नक्षत्र और राशियों का प्रभाव लिखा हुआ है. साथ ही बताया गया है कि किस राशि, ग्रह और नक्षत्र में कौन सा पेड़ काम आएगा. वन विभाग का ऐसा मानना है कि लोग इन पेड़ों को नर्सरी से ले जाएं और ग्रह-नक्षत्रों के हिसाब से इनकी रोजाना पूजा करें, ताकि उनकी राशि में जिस ग्रह-नक्षत्र का प्रतिकूल प्रभाव है, वह कम हो सके. वहीं ऐसा करने से लोग पर्यावरण और पौधों को आसानी से सहेज सकते हैं.


यह है मान्यता
नर्सरी में अशोक का पेड़ भी मौजूद है. अशोक यानि जिससे शोक नहीं हो या जो शोक को खत्म कर दे. इसके बारे में वन विभाग ने लिखा है कि शोक नाशक होने के कारण इस पेड़ को अशोक कहा गया है. कहा जाता है कि रावण जब माता सीता को हरण करके ले गया था, तो जिस अशोक के पेड़ के नीचे माता सीता को रखा गया था, उसी पौराणिक पंचवटी का सदस्य ये वृक्ष है, जिसे वन विभाग ने सहेज कर रखा हुआ है.


पूरी मुहिम का उद्देश्य
आम आदमी ग्रह-नक्षत्रों और राशियों से काफी डरता है और इनके बुरे असर से बचने के लिए कई तरह के प्रयास करता है, लेकिन कभी-कभी उसे निराशा भी हाथ लगती है. अगर कोई व्यक्ति नर्सरी से अपनी राशि से संबंधित पेड़ या पौधा लेता है, तो निश्चित तौर पर पर्यावरण को सहेजने के लिए उसका यह पहला कदम होगा. वहीं ऐसा करने से वृक्षारोपण तो होगा ही, बुरे ग्रहों का प्रभाव भी खत्म होगा, साथ ही वातावरण भी शुद्ध होगा.
वन विभाग की इस पूरी मुहिम का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि ग्रह नक्षत्र और राशियों का सहारा लेकर शहर में प्लांटेशन को बढ़ाया जा सके, ताकि आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहें.

इंदौर। वन विभाग ने प्रदेश की ऐसी पहली नर्सरी बनाई है, जो काबिले तारीफ है. यहां ग्रह-नक्षत्र और राशियों के आधार पर पौधों को इंडिकेट किया गया है. नर्सरी में प्रवेश करते ही ग्रह और नक्षत्रों से संबंधित टेंपलेट्स दिखने शुरू हो जाते हैं. सभी पेड़ों के नीचे उन पेड़ों का ग्रह-नक्षत्र और राशियों का प्रभाव भी बताया गया है. इस पूरी मुहिम का उद्देश्य शहर में प्लांटेशन को बढ़ाना है.

नर्सरी जहां नक्षत्रों और राशियों से संबंधित हैं पौधे


पेड़-पौधों पर भी नक्षत्रों का प्रभाव
वन विभाग ने नर्सरी में हर पेड़ के नीचे टेंप्लेट्स लगाए हैं, जिनमें पेड़ों का ग्रह-नक्षत्र और राशियों का प्रभाव लिखा हुआ है. साथ ही बताया गया है कि किस राशि, ग्रह और नक्षत्र में कौन सा पेड़ काम आएगा. वन विभाग का ऐसा मानना है कि लोग इन पेड़ों को नर्सरी से ले जाएं और ग्रह-नक्षत्रों के हिसाब से इनकी रोजाना पूजा करें, ताकि उनकी राशि में जिस ग्रह-नक्षत्र का प्रतिकूल प्रभाव है, वह कम हो सके. वहीं ऐसा करने से लोग पर्यावरण और पौधों को आसानी से सहेज सकते हैं.


यह है मान्यता
नर्सरी में अशोक का पेड़ भी मौजूद है. अशोक यानि जिससे शोक नहीं हो या जो शोक को खत्म कर दे. इसके बारे में वन विभाग ने लिखा है कि शोक नाशक होने के कारण इस पेड़ को अशोक कहा गया है. कहा जाता है कि रावण जब माता सीता को हरण करके ले गया था, तो जिस अशोक के पेड़ के नीचे माता सीता को रखा गया था, उसी पौराणिक पंचवटी का सदस्य ये वृक्ष है, जिसे वन विभाग ने सहेज कर रखा हुआ है.


पूरी मुहिम का उद्देश्य
आम आदमी ग्रह-नक्षत्रों और राशियों से काफी डरता है और इनके बुरे असर से बचने के लिए कई तरह के प्रयास करता है, लेकिन कभी-कभी उसे निराशा भी हाथ लगती है. अगर कोई व्यक्ति नर्सरी से अपनी राशि से संबंधित पेड़ या पौधा लेता है, तो निश्चित तौर पर पर्यावरण को सहेजने के लिए उसका यह पहला कदम होगा. वहीं ऐसा करने से वृक्षारोपण तो होगा ही, बुरे ग्रहों का प्रभाव भी खत्म होगा, साथ ही वातावरण भी शुद्ध होगा.
वन विभाग की इस पूरी मुहिम का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि ग्रह नक्षत्र और राशियों का सहारा लेकर शहर में प्लांटेशन को बढ़ाया जा सके, ताकि आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहें.

Intro:एंकर - इंदौर के खंडवा रोड पर वन विभाग ने एक ऐसी नर्सरी बनाई है जो मध्य प्रदेश की संभवत पहली नर्सरी है जहां पर ग्रह नक्षत्र और राशियों के आधार पर पौधों को इंडिकेट किया गया है इस पूरी मुहिम का उद्देश्य विभाग का इतना है कि शहर में प्लांटेशन की संख्या को बढ़ाया जा सके और इसी के लिए वन विभाग ने ग्रह नक्षत्र और राशियों का सहारा लिया है।


Body:वीओ - वन विभाग ने खंडवा रोड स्थित नर्सरी में एक अलग तरह का प्रयोग किया है इस पूरी नर्सरी में ग्रह नक्षत्र और राशियों के आधार पर पौधों को इंडिकेट किया गया है जैसे ही नर्सरी में प्रवेश किया जाता है तो ग्रह और नक्षत्रों से संबंधित टेंपलेट्स दिखना शुरू हो जाते हैं वही पेड़ों के नीचे उन पेड़ों का ग्रह नक्षत्र और राशियों में किस तरह का प्रभाव है यह भी बताया गया है प्रत्येक पेड़ के नीचे वन विभाग के कर्मचारियों ने टेंपलेट्स लगाई है और संबंधित राशि नक्षत्र और ग्रहों का जिक्र किया है साथ ही बताया गया है कि संबंधित राशि ग्रह और नक्षत्र में कौन सा पेड़ काम आएगा इस तरह से पूरी नर्सरी में अलग-अलग पेड़ों के नीचे राशि और ग्रह नक्षत्रों का जिक्र किया गया है वहीं नर्सरी में अशोका का पेड़ भी मौजूद है अशोक के पेड़ के बारे में जिक्र करते हुए वन विभाग ने लिखा है कि यह वही अशोका का पेड़ है जिसके नीचे माता सीता ने वनवास काटा था बता दे रावण जब माता सीता को हरण करके ले गया था तो जिस अशोक के पेड़ के नीचे माता सीता को रखा था उस अशोक पेड़ को वन विभाग ने यहां पर सहेज कर रखा हुआ है वहीं वन विभाग में पंचवटी से संबंधित पांच पेड़ों को यहां पर अलग से इंडिकेट किया गया है वहीं सप्त ऋषि और अन्य तरह से पौधों को सहेजने का काम किया जा रहा है वन विभाग ने इस तरह की नर्सरी सिर्फ इसलिए बनाई है क्योंकि लोगों में ग्रह नक्षत्र और राशियों का जितना प्रभाव होता है और जितना आम लोग ग्रह नक्षत्र और राशियों से डरते हैं अतः उनके प्रभाव को कम करने के लिए वह कई तरह के प्रयास करते हैं अतः वन विभाग ने आम आदमी को ग्रह नक्षत्र और राशियों से जुड़े रहने के साथ ही उनके प्रभाव को कम करने के लिए इन पेड़ों के प्लांटेशन को बढ़ाने के लिए इस तरह का प्रयोग किया है वन विभाग का ऐसा मानना है कि आम आदमी इन पेड़ों को यहां से ले जाए और ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से इनकी रोजाना पूजा करें जिससे उनकी राशि ग्रहों में जिस भी ग्रह नक्षत्र का प्रभाव है वह कम हो सके । वही ऐसा करने से लोग पर्यावरण और पौधों को को आसानी से सहज सकते हैं।

बाईट - श्री मति रेखा काले , रेंजर , वन विभाग


Conclusion:वीओ - संभवत वन विभाग ने प्रदेश की पहली ऐसी नर्सरी यहां पर बनाई है जो काबिले तारीफ है जिस तरह से वन विभाग ने पूरी नर्सरी को ग्रह नक्षत्र और राशियों के आधार पर बनाया है उससे निश्चित तौर पर प्लांटेशन में बढ़ोतरी होगी क्योंकि आम आदमी ग्रह नक्षत्र और राशियों से काफी डरता है और इसके लिए वह कई तरह के प्रयास भी करता है लेकिन उसको कहीं जगह पर निराशा भी हाथ लगती है लेकिन यदि कोई व्यक्ति इस नर्सरी से अपनी राशि से संबंधित पेड़ या पौधा लेता है तो निश्चित तौर पर पर्यावरण को सहेजने के लिए उसका यह पहला कदम होगा। वही ऐसा करने से एक पेड़ और पौधा भी आसानी से सहेजा जा सकता है
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