इंदौर। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, अब तक कोरोना पॉजिटिव 63 मरीजों की पहचान होने के बाद आशंका जताई जा रही है कि यह संख्या अगले 1 सप्ताह में करीब 200 तक पहुंचेगी.
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का मानना इसकी बड़ी वजह वे लोग हैं जो कोरोना संक्रमित होने के बावजूद अपने परिचितों और क्षेत्र के लोगों से संपर्क में रहें. ऐसे तमाम लोगों ने कोरोना के लक्षण उजागर होने के बावजूद भी बीमारी छुपाई है, वहीं जांच में मेडिकल स्टॉफ को सहयोग भी नहीं किया.
कोरोना अब इंदौर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में फैल चुका है. इंदौर में अब तक 63 पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद वर्तमान में शहर में 600 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. साथ ही इनमें से 400 लोगों के सैंपल जांच के लिये भेजे गए हैं. इनमें भी कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका जताई गई है.
दरअसल अब तक क्वारंटाइन किये गए लोगों में से उन लोगों की संख्या अधिक है जो पहले से पॉजिटिव मरीजों के प्राथमिक व द्वितीय स्तर पर सम्पर्क में थे. इनमें मरीजों के परिजन, रिश्तेदार, पड़ोसी शामिल हैं. गंभीर बात यह है कि ऐसे तमाम लोगों ने कोरोना के लक्षण सामने आने के बावजूद भी खुद आगे आकर जांच कराना और सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरूरी नहीं समझा.
लिहाजा इनके परिजन भी लगातार संक्रमित होते चले गए. अब जितने लोग भी कोरोना संपर्क में आ रहे हैं, उनमें वे लोग हैं जो पहले से कोरोना संक्रमित पाए गए. मरीजों के परिचित दोस्त या फिर रिश्तेदार हैं. जिला प्रशासन का मानना है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है, इसलिए एक सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया है. इंदौर के संभाग आयुक्त आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर मनीष सिंह और डीआईजी हरिनारायणचारि मिश्र ने लोगों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे हर तरह के निर्देशों का पालन करते हुए एक सप्ताह तक घर पर ही रहें जो लोग लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी, साथ ही दोषी पाए जाने पर सीधे जेल भेज दिया जाएगा.