इंदौर। जिलें में कोरोना से हुई नवविवाहिता (newlyweds woman) की मौत अब हत्या का रूप लेती जा रही है. दरअसल, मृतक महिला के परिजनों ने ससुराल पक्ष (murder allegation against law's family) के पति, सास और ससुर पर हत्या करने की आशंका व्यक्त की है. इस संदर्भ में परिजनों ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है. वहीं विजय नगर पुलिस (Indore Police) इस पूरे मामले में अलग-अलग फरमान जारी कर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश में जुटी है.
शादी के 3 महीने बाद ही हो गई मौत
बता दें कि पुणे में रहने वाली एडवोकेट ऐश्वर्या कटारिया की शादी इंदौर के रहने वाले मयंक गुप्ता से हुई थी. मयंक के पिता डॉ. संजय गुप्ता का बेटे के नाम पर इंदौर में मयंक हॉस्पिटल (Mayank Hospital Indore) है. दोनों की शादी काफी हाईप्रोफाइल तरीके से हुई थी. शादी के 3 महीने बाद ही ऐश्वर्या कोरोना संक्रमित (Corona Virus) हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मामला जैसे-तैसे शांत हुआ, लेकिन परिजनों को ऐश्वर्या की अचानक हुई मौत के बाद कई तरह की आशंकाएं उत्पन्न हुईं.
पुणे पुलिस ने इंदौर रेफर किया केस
मृतक ऐश्वर्या की मां ने इसकी शिकायत पुणे पुलिस (Pune Police) को कर दी. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मामले को इंदौर की विजय नगर पुलिस को रेफर कर दिया गया. विजय नगर पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए डॉक्टर संजय गुप्ता, पति मयंक और सास के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया.
वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा मामला
पिछले दिनों मृतका की मां बयान देने इंदौर के विजय नगर थाने पहुंची तो यहां पदस्थ सीएसपी राकेश गुप्ता ने अलग-अलग तरह के बयान दिए. इस पर मृतक की मां ने सीएसपी (CSP Indore) पर आरोप लगाया कि वह आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएसपी पर अलग-अलग बयान देने के लिए दबाव बनाया गया है. हालांकि केस वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान तक भी पहुंच गया है.
ससुर ने संक्रमित की देखभाल बहु को सौंपा
मां आरती कटारिया ने पुलिस को बताया कि ससुर डॉक्टर संजय गुप्ता अपनी रिश्तेदार सौम्या बंसल को इलाज के लिए अपने घर लेकर आए थे. सौम्या कोरोना संक्रमित थी. उनकी दवाई खाने की जिम्मेवारी ऐश्वर्या को सौंपी गई. यही नहीं ऐश्वर्या को कोरोना से बचाव के लिए सेफ्टी किट (Safety Kit) भी नहीं दी. बिना सेफ्टी किट के ही वह सौम्या की सेवा में जुटी गई.
देखभाल करते-करते संक्रमित हुई ऐश्वर्या
सौम्या की देखभाल के दौरान वह भी संक्रमित हो गई. आरती ने बताया कि ऐश्वर्या के संक्रमित होने की सूचना परिजनों को नहीं दी गई. उन्हें मलेरिया होने की बात कही और जल्द ठीक होने का वायदा किया. उन्होंने कहा कि 9 मई को ऐश्वर्या संक्रमित हो गई थी. 11 मई को उसका एक्स-रे किया गया, जिसमें पता चला कि उसके फेफड़ों में इन्फेक्शन (Lungs Infection) है. इसके बावजूद ससुर गुप्ता ने RT-PCR टेस्ट नहीं करवाया. उनका कहना था कि अगर उनकी बहु संक्रमित पाई गई तो पूरे परिवार का टेस्ट कराना होगा. ऐसे में अस्पताल को भी बंद करना पड़ सकता है, जिससे उन्हें नुकसान होगा.
मृतका के फेफड़ों में फैल गया था 70% इंफेक्शन
आरती कटारिया ने बताया कि हॉस्पिटल की बजाय ऐश्वर्या का इलाज घर पर ही किया, जिससे उसका इंफेक्शन बढ़ गया. 16 मई को जब ऐश्वर्या का सिटी स्कैन करवाया गया तो फेफड़ों में 70% तक इंफेक्शन फैल गया था. इसके साथ ही ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया, लेकिन ससुर ने उसे हॉस्पिटल में भर्ती नहीं करवाया. उन्होंने कहा कि जब इसकी जानकारी हमें मिली तो मैं और उसका भाई आकाश तुरंत इंदौर पहुंचे.
मुंबई में इलाज के दौरान ऐश्वर्या ने तोड़ा दम
ससुर गुप्ता से जब स्वास्थ्य के बारे में पूछा तो उन्होंने फेफड़ों में 30% इंफेक्शन होने की बात कही. 18 मई को ऐश्वर्या की हालत ज्यादा खराब हो गई. तब डॉक्टर संजय गुप्ता ने उसे मयंक हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवा दिया, लेकिन वहां भी ठीक तरीके से इलाज नहीं दिया. इसके बाद उसे मुंबई हॉस्पिटल रेफर किया गया, लेकिन तब तक उसकी स्थिति ज्यादा खराब हो गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई.
मृतका की मां ने सीएसपी पर लगाए गंभीर आरोप
मृतका की मां आरती कटारिया ने ससुर डॉक्टर संजय गुप्ता, सास पूजा, पति मयंक और देवर सहित डॉक्टर दीपक बंसल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, दहेज प्रताड़ना, षड्यंत्र, साक्ष्य मिटाने आदि धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है. सीएसपी राकेश गुप्ता इस मामले की जांच कर रहे हैं. पिछले दिनों सीएसपी राकेश गुप्ता ने मृतक की मां आरती कटारिया सहित अन्य लोगों को बयान के लिए नोटिस देकर बुलाया था, लेकिन इस दौरान जब मृतक के परिजनों ने अपने बयान दर्ज करवाए तो सीएसपी का कहना था कि शादी में जो 40 लोग शामिल हुए थे उन्हें भी बयान के लिए थाने लेकर आएं, तभी बयान दर्ज होंगे. मृतक की मां ने सीएसपी पर यह भी आरोप लगाया कि वह गैर इरादतन हत्या का प्रकरण वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.
ससुर संजय गुप्ता ने दी सफाई
वहीं डॉ. संजय गुप्ता के भी पुलिस ने बयान लिए. उन्होंने बहू का इलाज बेहतर तरीके से होने का दावा किया है, लेकिन इलाज के दौरान अचानक से ऑक्सीजन लेवल (Oxygen Level) कम होने से और सहित संक्रमण अधिक बढ़ने से ऐश्वर्या की मौत हो गई. साथ ही बेहतर इलाज के लिए इंदौर के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल बॉम्बे हॉस्पिटल में उसे इलाज के लिए भर्ती करवाया, जहां तकरीबन 11 लाख रुपए खर्च हो गए. यह खर्चा उन्होंने खुद किया था. इससे संबंधित कुछ दस्तावेज भी उन्होंने पुलिस को दिये हैं.
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आला अधिकारी कर रहे मामले की मॉनिटरिंग
इस मामले में अब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मानिटरिंग कर रहे हैं. एडिशनल एसपी राकेश सिंह रघुवंशी मामले में नजर बनाए हुए हैं. वहीं आने वाले दिनों में एडिशनल एसपी (Additional Sp Indore) मृतका की मां के बयान लेंगे. पुलिस के मुताबिक, जल्द ही जिन धाराओं में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है, उनमें आरोपियों की गिरफ्तारी भी होगी.