इंदौर। IIT इंदौर को रीड रिचार्ज (RRC) आधारित प्रोसेस वेरिएशन टॉलरेंट 10T SRAM सेल पर एक और पेटेंट हासिल किया है. इसके साथ IIT इंदौर के पास अब पेटेंट की कुल संख्या 20 हो गई है. आईआईटी द्वारा तैयार की गई तकनीक छोटे-बड़े हर प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के प्रदर्शन को सुधारने और चिप डिजाइन में सुधार करते हुए बेहतर मेमोरी सर्किट प्रदान करेगा. (New technology designed to improve memory chip)
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इलेक्ट्रॉनिक चिप का अधिक उपयोग किया जा सकेगाः आविष्कारक डॉ. नंदकिशोर यादव और प्रो. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने विश्वसनीय इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन के लिए एक नई मेमोरी तकनीक का प्रस्ताव दिया है. अन्वेषकों ने एक स्टैटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी (SRAM) बाइट सेल विकसित की जो आधुनिक थिन-फिल्म और नैनोस्केल तकनीकों के लिए निर्माण प्रक्रिया संबंधी भिन्नता को सहन कर सकती है. यह मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के उम्र को बढ़ाएगा. वर्तमान समय में चिप छोटे आकार में बनाने के लिए सभी कंपनियां प्रयास रहती हैं. किसी भी चीज का 90% हिस्सा मेमोरी सर्किट का बना होता है. ऐसे में जब मेमोरी सर्किट को छोटे नैनोमीटर के आकार में बनाया जाता है, तो इसका प्रभाव प्रदर्शन पर पड़ता है. कुछ सालों में वह या तो खराब हो जाता है यह इसके प्रदर्शन में कमी आती है. इसी को लेकर इस नई तकनीक पर काम किया गया है. (Electronic chip can be used more) (IIT indore got patent)
सभी उपकरणों में हो सकेगा प्रयोगः यह मोबाइल और लैपटॉप उद्योगों की उत्पादन उपज में भी सुधार करेगा. यह डुअल-गेट FinFET तकनीक पर आधारित है. जो कई प्रस्तावित मल्टी-गेट ट्रांजिस्टर के बीच वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले गुणों वाले नए उपकरणों को खोजने में मदद करता है. चूंकि यह मेमोरी तकनीक इलेक्ट्रिक उत्पाद के उम्र को बढ़ाएगी इसका उपयोग सबसे विश्वसनीय एयरोस्पेस अनुप्रयोगों के लिए भी किया जा सकता है. (Chip Can be used in all devices)