इंदौर। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद से अभी तक डॉक्टर्स लगातार काम में लगे हुए हैं. बिना छुट्टी लिए वह 24 घंटे मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वहीं अब धीरे-धीरे ये कोरोना योद्धा भी संक्रमण की जद में आने लगे हैं. इंदौर की न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अर्चना वर्मा भी कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए खुद संक्रमित हो गईं. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपना काम नहीं रोका. वह आइसोलेशन वॉर्ड से ही फोन के माध्यम से अलग-अलग संक्रमित मरीजों से संपर्क में हैं. सेहत से जुड़ी हर खबर की जानकारी वह खुद फोन के माध्यम से दे रहीं हैं.
3 से 4 घंटे देती हैं सेवाएं
न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अर्चना वर्मा कोरोना संक्रमित होने के बाद भी अपने कर्तव्य से दूर नहीं हुईं हैं. फिलहाल वह अपने घर में आइसोलेट हैं. लेकिन इसके बाद भी वह 'सत्यकाम' ग्रुप के माध्यम से सीनियर सिटीजन और फील्ड पर तैनात पुलिस जवानों की मदद कर रही हैं. फोन के माध्यम से वह रोजाना 3 से 4 घंटे अपनी सेवाएं देती हैं.
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क्या है 'सत्यकाम' ग्रुप
इंदौर पुलिस की तरफ से सीनियर सिटीजन और पुलिसकर्मियों की मदद के लिए 'सत्यकाम' नामक योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत इंदौर शहर में कई वॉलेंटियर बनाए गए हैं. वहीं ग्रुप में 4 डॉक्टर 12 नर्सिंग स्टाफ के साथ ही 200 लोग शामिल हैं. जो लगातार सीनियर सिटीजन के साथ ही फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों की मदद कर रहे हैं. फिलहाल उसी ग्रुप से डॉक्टर अर्चना भी जुड़ी हैं. खुद संक्रमित होने के बावजूद वह लगातार दूसरों की मदद कर रही हैं.