इंदौर। मिनी मुंबई के क्रिसेंट वाटर पार्क में प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति बैठक का आयोजन किया जाना है. ये बैठक रविवार यानि 31 दिसंबर को आयोजित की जाएगी, जिसमें शामिल होने के लिए बड़े पदाधिकारियों का शहर में आने का दौर शुरू हो गया है. बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य भी इंदौर पहुंचे. यहां उन्होंने ETV भारत से कई मुद्दों पर बातचीत की.
- सवाल: MP में नगरीय निकाय चुनाव होना है. तो क्या इस नगरीय चुनाव में अनुसूचित मोर्चा को ज्यादा से ज्यादा टिकट और महत्व देने में चर्चा होगी?
जवाब: भारतीय जनता पार्टी का मोर्चा, कार्यकर्ता और नेता टिकट ज्यादा दिए जाएं, इस पर मंथन नहीं करता है. राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता इस पर विचार करता है कि हमें सीटें ज्यादा जीतना है. नगर पालिका, नगर पंचायत ज्यादा जीतना है. पूरे देश में चाहे नगरीय चुनाव हुए हों या पंचायत के चुनाव हुए हों, बीजेपी ने पांच प्रांतों में अपना परचम लहराया है. जिसमें अनुसूचित मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बहुत सक्रीयता हिस्सेदारी निभाई है. उसमें सफलता भी मिली है. आने वाले समय में भी जो नगरीय चुनाव होने हैं, उसमें अनुसूचित मोर्चा के कार्यकर्ता बढ़चढ़कर शामिल होंगे. इसमें मोर्चा की अपनी एक भूमिका होगी, अपनी एक टीम होगी. चुनाव की जिम्मेदारियां होंगी, जिसके कारण प्रदेश में पार्टी को जीत हासिल हो.
- सवाल: देश में चल रहे किसान आंदोलन को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाब: तिरंगा झंडा हटाने के बाद लोगों को तलवारें भी मारी गईं. अगर फिर भी उस आंदोलन को किसान आंदोलन कहा जाता है, तो यह अतिशयोक्ति होगी. जितने भी राजनीतिक संगठन पर्दे के पीछे से षड्यंत्र कर रहे थे, वे सबके सामने आ गया है. किसानों को बदनाम करने का एक बहुत बड़ा षड्यंत्र दिल्ली में हुआ है. जिसके कारण पूरा देश शर्मसार है. किसान आंदोलन नहीं रहकर एक षड्यंत्र का शिकार आंदोलन रह गया है.
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- सवाल: बजट आने वाला है. इस बार बजट में क्या खास सुविधाएं दी जा सकती हैं?
जवाब: MP के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह हमेशा से जन हितैषी, किसान हितैषी, युवा हितैषी और विकास से दृष्टि से बजट पेश करते आए हैं. उनके नेतृत्व में प्रदेश गरीबी से निकल कर विकसित प्रदेशों की श्रेणी में पहुंचा है. आने वाले समय में भी बजट जनता के कल्याण पर आधारित होगा.
- सवाल: 'तांडव' वेब सीरीज को लेकर हुए बवाल के बाद क्या सेंसर बोर्ड बनना चाहिए?
जवाब: किसी भी धर्म और जाति के अपने मौलिक अधिकार होते हैं. उनके अधिकारों का हनन करना मतलब संविधान का हनन करना होता है. इन सब से बाबा अंबेडकर के संविधान को कुचलने का प्रयास किया गया है. संविधान की आत्मा को कुचलने की कोशिश की जा रही है. अगर कोई भी इस प्रकार का कृत्य करता है, तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए.