इंदौर। ट्रस्ट की शिकायत से जुड़े एक मामले में नकल नहीं देने पर प्रतिवादी के वकील ने एडीएम के सामने कानूनी किताब खोल कर रख दी. वकील के मुताबिक, अफसरों ने नियमों का हवाला देते हुए नकल नहीं देने की बात कही थी. जिस पर वकील ने लोक सेवक अधिनियम 1951 के तहत उसके अधिकार दिलाने के लिए एडीएम को कानूनी किताब दिखाई और कहा कि इस नियम के आधार पर नकल पाना मेरा अधिकार है.
जानकारी के अनुसार मामला इंदौर की नहार शाह वली ट्रस्ट की एक शिकायत से जुड़ा है. जिसमें एडवोकेट सुनील को नकल नहीं मिलने पर उन्होंने एडीएम कैलाश वानखेड़े के सामने अधिनियम की धारा 30 का हवाला देते हुए लोक सेवक अधिनियम की पुस्तक रख दी. जिसे देखकर एडीएम भी चौंक गए.
एडवोकेट सुनील का कहना है कि नहार शाह वली पब्लिक ट्रस्ट के खिलाफ की गई शिकायत के तहत मुनव्वर शाह के वकील ने विभाग से ट्रस्ट और उसकी शिकायतों से जुड़े दस्तावेज की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी थी. जिसे नियमों का हवाला देकर विभाग और वरिष्ठ अधिकारियों ने देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद एडवोकेट को अधिकारियों के सामने कानून की किताब दिखाने के लिए मजबूर होना पड़ा. कई बार कानून की जानकारी नहीं होने से आम आदमी को अफसर और विभाग गुमराह कर परेशान करते हैं.