इंदौर। नगरीय निकाय चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चुनाव होने में कुछ ही महीनों का समय बचा है और शहर के एकमात्र मुस्लिम बीजेपी पार्षद ने भी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर के विरोध में मुस्लिम बीजेपी पार्षद ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. जिसके बाद अब इंदौर में बीजेपी का एक भी मुस्लिम पार्षद नहीं बचा है.
एक ओर जहां बीजेपी नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियों में जुट गई है, तो वहीं दूसरी ओर देशभर में सीएए और एनपीआर को लेकर चल रहे विरोध से भी बीजेपी का सामना हो रहा है. इंदौर में बीजेपी के एकमात्र मुस्लिम पार्षद उस्मान पटेल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. पार्षद उस्मान पटेल लगातार दो बार से बीजेपी के पार्षद हैं और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
उस्मान पटेल का इस्तीफा नगरीय निकाय चुनाव के ठीक पहले बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि सीएए और एनपीआर के लिए बीजेपी लगातार अल्पसंख्यकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की बात कह रही थी.
उस्मान पटेल बीजेपी के ऐसे पार्षद थे, जो सभी बूथों पर जीत दर्ज कर नगर निगम तक पहुंचे थे और कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाकर बीजेपी को चुनाव में जीत दर्ज करवाते थे. उस्मान पटेल के जाने के बाद बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है. पार्षद के इस्तीफा दिए जाने के बाद पार्टी के सभी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. बताया जा रहा है कि आने वाले समय में कई और बीजेपी के पदाधिकारी पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं.