इंदौर। प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारियों के लिहाज से सोशल मीडिया से दूरी बनाना और सिर्फ अपने ज्ञान के लिहाज से उपयोग करना कितना जरूरी है यह साबित किया है एमपीपीएससी की सेकंड रैंकर निधि भारद्वाज ने. जिन्होंने बताया सोशल मीडिया का समय से ज्यादा उपयोग अनुचित है, लेकिन इसकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता. बता दें कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC Result) ने साल 2020 का रिजल्ट शुक्रवार को जारी किया था.
सोशल मीडिया से बनाई दूरी: इंदौर में पीएससी की तैयारी करने वाली निधि भारद्वाज ने एमपीपीएससी में दूसरा स्थान हासिल किया है. उन्होंने अपनी कामयाबी का राज शेयर करते हुए बताया कि ''परीक्षा के 6 माह पूर्व ही उसने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी. उन्होंने इस सफलता के लिए 10 से 12 घंटे लगातार पढ़ाई की.'' निधि ने बताया कि ''2016 से फेसबुक और 3 साल से व्हाट्सएप बंद कर दिया है. उसने यह तय किया था कि जिस दिन मेरा एमपीपीएससी का रिजल्ट घोषित होगा उसी दिन व्हाट्सएप इंस्टॉल करूंगी. जो निधि ने शनिवार रात को व्हाट्सएप इंस्टॉल किया.''
2018 से कर रही थी परीक्षा की तैयारी: टेलीग्राम पर निधि जरूर एक्टिव रहीं. क्योंकि कई बार टेक्नोलॉजी को यूज भी करना पड़ता है. निधि भारद्वाज ने बताया कि इसकी तैयारी के 2018 से प्रयास शुरू किए थे, 2023 में इसका रिजल्ट जारी हुआ है. निधि ने कहा कि फिलहाल डिप्टी कलेक्टर का पद उन्हें मिला है और वह ट्रेनिंग के बाद पूरी इमानदारी से अपने काम को अंजाम देंगी.
परिवार में खुशी का माहौल: दरअसल प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया से गुजरने के बाद 1200 लोगों ने फाइनल इंटरव्यू दिया था, जिसमें 256 लोगों का चयन मध्यप्रदेश सिविल सर्विस के लिए हुआ है. टॉप आने वाले सभी परीक्षार्थियों की मेहनत सफल होने के बाद उनके घरों में खुशी का माहौल है. एमपी पीएससी ने कुल पदों के मुकाबले 87 प्रतिशत पदों के लिए ही रिजल्ट घोषित किया है. ओबीसी आरक्षण का केस कोर्ट में चलने की वजह से 13 प्रतिशत सीटें ओबीसी और अनारक्षित श्रेणी की रिजर्व रखी गई हैं.
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मुरैना के अजय गुप्ता ने किया टॉप: गौरतलब है साढ़े 4 साल बाद राज्य सेवा परीक्षा की फाइनल लिस्ट आई है. इस परीक्षा में मुरैना के अजय गुप्ता ने 1575 अंकों में से 939 अंक लाकर टॉप किया है. वहीं, भोपाल की निधि भारद्वाज 924 अंकों के साथ दूसरे नंबर हैं. इंदौर निवासी सिम्मी यादव 923 अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर रहीं. आपकों बता दे इस परीक्षा के सर्वोच्च 10 स्थान में से चार पर लड़कियां रहीं. इन सभी को डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है.