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Indore-2 Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE: भाजपा के लिए अजेय मानी जाती है इंदौर की यह विधानसभा, क्या कांग्रेस लगा पायेगी सेंध! - indore latest news

LIVE Indore-2, Madhya Pradesh, Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है. 17 नवंबर को एक चरण में एमपी में मतदान होगा. वहीं चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको प्रदेश की 230 सीटों का विश्लेषण बता रहा है. इसी क्रम में आज हम आपको इंदौर-2 विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे. इस सीट पर भाजपा का वर्चस्व देखने मिलता है. आइए जानते हैं इस सीट का पूरा समीकरण...

Seat scan of Indore 2 assembly
इंदौर 2 विधानसभा का सीट स्कैन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 28, 2023, 10:14 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 6:56 AM IST

Indore-2 Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE। मध्य प्रदेश में इस बार जहां जीते हुए प्रत्याशियों को भी चुनाव निकलना मुश्किल हो रहा है. वहीं, प्रदेश में इंदौर की दो नंबर विधानसभा एकमात्र ऐसी सीट है जो भाजपा की झोली में रहकर अब अजेय मानी जाती है. यहां माना जाता है कि भाजपा का प्रत्याशी कोई भी हो यहां का मतदाता हमेशा भाजपा के पक्ष में ही मतदान करता है. हालांकि किसी जमाने में मिल क्षेत्र का इलाका होने के कारण यह सामान्य वर्ग की सीट लंबे समय तक कांग्रेस की झोली में रही. लेकिन अब यहां से कई बार कैलाश विजयवर्गीय विधायक रहे. उसके बाद 2018 से बीते तीन बार से यहां से रमेश मेंदोला विधायक हैं, जो चौथी बार भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं.

Number of voters in Indore 2 assembly
इंदौर-2 विधानसभा में मतदाताओं की संख्या

रमेश मेंदोला का चिंटू चौकसे से मुकाबला: 2013 में रमेश मेंदोला की इसी सीट पर जीत 91017 वोटों से हुई थी, जो प्रदेश में सर्वाधिक थी. 2018 में खुद कैलाश विजयवर्गीय इसी सीट से अपने पुत्र आकाश को लड़ना चाहते थे लेकिन सफल नहीं हो पाए थे. हालांकि इसके बाद माना जा रहा था कि वर्तमान टिकट वितरण में हो सकता है कि रमेश मेंदोला को तीन नंबर विधानसभा सीट से लड़ाया जाए. लेकिन पार्टी ने खुद कैलाश विजयवर्गी को ही एक नंबर विधानसभा सीट से उतार दिया है. ऐसी स्थिति में आकाश विजय वर्गी को इस बार टिकट नहीं मिल पाया है. वही दो नंबर विधानसभा से फिर भाजपा ने रमेश मेंदोला को ही मौका दिया है जो एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. हालांकि कांग्रेस ने इस बार फिर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को मैदान में उतारा है, जो इस सीट का लंबे समय से जीत का इतिहास बदलने की कोशिश में हैं, हालांकि इस सीट को हमेशा से भाजपा की सीट माना जाता है.

Seat scan of Indore 2 assembly
इंदौर 2 विधानसभा के स्थानीय मुद्दे

विधानसभा की पृष्ठभूमि: दरअसल इंदौर की दो नंबर विधानसभा 1993 के पहले कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. लेकिन राम मंदिर आंदोलन के बाद यहां कैलाश विजयवर्गीय ने इस सीट पर कब्जा जमाया जो खुद यहां लंबे समय तक विधायक रहे. विजयवर्गीय के महापौर कार्यकाल में ही नंदा नगर क्षेत्र का विकास हुआ. इसके अलावा विभिन्न योजनाओं के जरिए विजयवर्गीय एवं अन्य नेताओं ने इस क्षेत्र का विकास किया. विजयवर्गीय की लंबी चौड़ी कार्यकर्ताओं की टीम के कारण भाजपा ने यहां घर-घर में अपनी पहुंच बनाई, जिसके फलस्वरुप धीरे-धीरे यह सीट भाजपा के गढ़ में तब्दील हो गई. फिलहाल स्थिति यह है कि यहां के विधायक रमेश मेंदोला चुनाव के दौरान भी मतदाताओं से मिलने या उनके बीच सुलभ रूप से उपलब्ध होने की भी जरूरत महसूस नहीं करते. दरअसल इस सीट को लेकर भाजपा का भी मानना यही है कि जो भी उम्मीदवार होगा यहां से बड़ी लीड के साथ जीतेगा. यही वजह है कि अब यहां का विकास लगातार पीछे रहा है. क्षेत्र में गुंडागर्दी, शराब खोरी और शैक्षणिक पिछड़ापन हावी है. क्षेत्र के एक बड़े वर्ग में पानी की समस्या लगातार रही. सड़क और अधो संरचनात्मक विकास को लेकर भी यह क्षेत्र अब विकास की दृष्टि से पिछड़ रहा है.

Seat scan of Indore 2 assembly
2018 का रिजल्ट

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भोजन-भंडारे पर फोकस: दरअसल क्षेत्र में कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला की टीम ने भोजन भंडारों के अलावा अपने कार्यकर्ताओं के मार्फत मतदाताओं को तरह-तरह से उपकृत करने की रणनीति पर लंबे समय तक काम किया है. विधानसभा के अलावा नगर निगम के स्तर पर होने वाले चुनाव में भी पार्षदों के जरिए मतदाताओं तक भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं की सीधी पहुंच के कारण कांग्रेस चाह कर भी उलटफेर नहीं कर पाती. हालांकि वर्तमान चुनाव में मतदाताओं के प्रति विधायक की अपेक्षा और बिना प्रयास किया चुनाव में जितने की राजनीतिक धरना के कारण इस बार जीत का अंतर मामूली हो सकता है. इसके लिए कांग्रेस भी अपने तरीके से रणनीति पर काम कर रही है.

Seat scan of Indore 2 assembly
पिछले तीन चुनावों का रिजल्ट

पिछले चुनाव का लेखा-जोखा: 2018 में रमेश मेंदोला को 1,38794 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंदी मोहन सिंह सेंगर को 67,783 वोट मिल पाए थे. 2013 में भी रमेश मेंदोला प्रत्याशी थे. जिन्होंने कांग्रेस के छोटू शुक्ला को 42652 मतों की तुलना में 133669 वोटों से शिकस्त दी थी. जबकि 2008 में भी यही सीन बना था. जब कांग्रेस के सुरेश सेठ को भाजपा के देवी सिंह पटेल ने 35396 मतों की तुलना में 49093 वोट पाकर जीत हासिल की थी.

Indore-2 Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE। मध्य प्रदेश में इस बार जहां जीते हुए प्रत्याशियों को भी चुनाव निकलना मुश्किल हो रहा है. वहीं, प्रदेश में इंदौर की दो नंबर विधानसभा एकमात्र ऐसी सीट है जो भाजपा की झोली में रहकर अब अजेय मानी जाती है. यहां माना जाता है कि भाजपा का प्रत्याशी कोई भी हो यहां का मतदाता हमेशा भाजपा के पक्ष में ही मतदान करता है. हालांकि किसी जमाने में मिल क्षेत्र का इलाका होने के कारण यह सामान्य वर्ग की सीट लंबे समय तक कांग्रेस की झोली में रही. लेकिन अब यहां से कई बार कैलाश विजयवर्गीय विधायक रहे. उसके बाद 2018 से बीते तीन बार से यहां से रमेश मेंदोला विधायक हैं, जो चौथी बार भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं.

Number of voters in Indore 2 assembly
इंदौर-2 विधानसभा में मतदाताओं की संख्या

रमेश मेंदोला का चिंटू चौकसे से मुकाबला: 2013 में रमेश मेंदोला की इसी सीट पर जीत 91017 वोटों से हुई थी, जो प्रदेश में सर्वाधिक थी. 2018 में खुद कैलाश विजयवर्गीय इसी सीट से अपने पुत्र आकाश को लड़ना चाहते थे लेकिन सफल नहीं हो पाए थे. हालांकि इसके बाद माना जा रहा था कि वर्तमान टिकट वितरण में हो सकता है कि रमेश मेंदोला को तीन नंबर विधानसभा सीट से लड़ाया जाए. लेकिन पार्टी ने खुद कैलाश विजयवर्गी को ही एक नंबर विधानसभा सीट से उतार दिया है. ऐसी स्थिति में आकाश विजय वर्गी को इस बार टिकट नहीं मिल पाया है. वही दो नंबर विधानसभा से फिर भाजपा ने रमेश मेंदोला को ही मौका दिया है जो एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. हालांकि कांग्रेस ने इस बार फिर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को मैदान में उतारा है, जो इस सीट का लंबे समय से जीत का इतिहास बदलने की कोशिश में हैं, हालांकि इस सीट को हमेशा से भाजपा की सीट माना जाता है.

Seat scan of Indore 2 assembly
इंदौर 2 विधानसभा के स्थानीय मुद्दे

विधानसभा की पृष्ठभूमि: दरअसल इंदौर की दो नंबर विधानसभा 1993 के पहले कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. लेकिन राम मंदिर आंदोलन के बाद यहां कैलाश विजयवर्गीय ने इस सीट पर कब्जा जमाया जो खुद यहां लंबे समय तक विधायक रहे. विजयवर्गीय के महापौर कार्यकाल में ही नंदा नगर क्षेत्र का विकास हुआ. इसके अलावा विभिन्न योजनाओं के जरिए विजयवर्गीय एवं अन्य नेताओं ने इस क्षेत्र का विकास किया. विजयवर्गीय की लंबी चौड़ी कार्यकर्ताओं की टीम के कारण भाजपा ने यहां घर-घर में अपनी पहुंच बनाई, जिसके फलस्वरुप धीरे-धीरे यह सीट भाजपा के गढ़ में तब्दील हो गई. फिलहाल स्थिति यह है कि यहां के विधायक रमेश मेंदोला चुनाव के दौरान भी मतदाताओं से मिलने या उनके बीच सुलभ रूप से उपलब्ध होने की भी जरूरत महसूस नहीं करते. दरअसल इस सीट को लेकर भाजपा का भी मानना यही है कि जो भी उम्मीदवार होगा यहां से बड़ी लीड के साथ जीतेगा. यही वजह है कि अब यहां का विकास लगातार पीछे रहा है. क्षेत्र में गुंडागर्दी, शराब खोरी और शैक्षणिक पिछड़ापन हावी है. क्षेत्र के एक बड़े वर्ग में पानी की समस्या लगातार रही. सड़क और अधो संरचनात्मक विकास को लेकर भी यह क्षेत्र अब विकास की दृष्टि से पिछड़ रहा है.

Seat scan of Indore 2 assembly
2018 का रिजल्ट

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भोजन-भंडारे पर फोकस: दरअसल क्षेत्र में कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला की टीम ने भोजन भंडारों के अलावा अपने कार्यकर्ताओं के मार्फत मतदाताओं को तरह-तरह से उपकृत करने की रणनीति पर लंबे समय तक काम किया है. विधानसभा के अलावा नगर निगम के स्तर पर होने वाले चुनाव में भी पार्षदों के जरिए मतदाताओं तक भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं की सीधी पहुंच के कारण कांग्रेस चाह कर भी उलटफेर नहीं कर पाती. हालांकि वर्तमान चुनाव में मतदाताओं के प्रति विधायक की अपेक्षा और बिना प्रयास किया चुनाव में जितने की राजनीतिक धरना के कारण इस बार जीत का अंतर मामूली हो सकता है. इसके लिए कांग्रेस भी अपने तरीके से रणनीति पर काम कर रही है.

Seat scan of Indore 2 assembly
पिछले तीन चुनावों का रिजल्ट

पिछले चुनाव का लेखा-जोखा: 2018 में रमेश मेंदोला को 1,38794 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंदी मोहन सिंह सेंगर को 67,783 वोट मिल पाए थे. 2013 में भी रमेश मेंदोला प्रत्याशी थे. जिन्होंने कांग्रेस के छोटू शुक्ला को 42652 मतों की तुलना में 133669 वोटों से शिकस्त दी थी. जबकि 2008 में भी यही सीन बना था. जब कांग्रेस के सुरेश सेठ को भाजपा के देवी सिंह पटेल ने 35396 मतों की तुलना में 49093 वोट पाकर जीत हासिल की थी.

Last Updated : Dec 3, 2023, 6:56 AM IST
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