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इंदौर के जिला अस्पताल में चूहों ने कुतरा शव: मॉर्चुरी में नहीं हैं सुरक्षा इंतजाम, पहले भी सामने आए कई मामले

इंदौर के एमवाय अस्पताल की मॉर्चुरी में 10-12 शव रखने के लिए फ्रीजर हैं जो अधिकांश खराब हैं. डॉक्टरों के पास शवों के परीक्षण के लिए टेक्निकल उपकरण की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा जिला अस्पताल में शवों को रखने के लिए मात्र 1-2 फ्रीजर हैं.

fire incidents
अस्पताल की सफाई
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Published : Jun 19, 2021, 7:35 PM IST

इंदौर। जिला अस्पताल के मॉर्चुरी में एक व्यक्ति के शव को चूहों ने कुतर डाला है. मॉर्चुरी में जिस व्यक्ति के शव को चूहों ने कुतरा है उसकी जहर खाने के कारण मौत हुई थी. वह धार जिले के सेजवाय गांव का रहने वाला था और पोस्टमार्टम के लिए देर रात शव को जिला अस्पताल में रखा गया था. मृतक के परिजन पुलिस के साथ सुबह पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे और उन्होंने जैसे है शव के ऊपर से चादर हटाई तो सभी के होश उड़ गए. चूहों ने शव का चेहरा और हाथ बुरी तरह कुतरा हुआ था और वहां से खूद टपक रहा था.

  • अस्पताल की सफाई

जिला अस्पताल में इस लापरवाही के बाद मृतक के परिजनों के अस्पताल प्रशासन से कई सवाल जवाब किए. प्रशासन और परिजनों के बीच घंटों बहस चली. जिसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने सफाई देते हुए कहा कि अस्पताल में रोजाना ड्यूटी बदलती रहती है. पोस्टमार्टम शाम 5:30 के बाद बंद हो जाता है. मामले पर परिजनों का कहना है कि युवक ने किसी कारण जहर खा लिया था. जिसके बाद उसे प्राथमिक उपचार के लिए पहले धार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी स्थिति काफी गंभीर हो जाने के कारण उसे डॉक्टरों ने इंदौर रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए इंदौर के आनंद हॉस्पिटल लेकर आए और इलाज के दौरान युवक कृष्णकांत की मौत हो गई. परिजनों ने आगे कहा कि युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए इंदौर जिला हॉस्पिटल के मॉर्चुरी में रखवाया था. सुबह जब उन्होंने देखा तो शव को चूहों ने कुतर दिया था. शव की उंगली और चेहरे पर चूहे के कुतरने के निशान थे. जिसका फोटो उन्होंने निकाल लिया है और पूरे मामले में मॉर्चुरी विभाग के डॉक्टर को शिकायत की है.

मिसाल: शराब कारोबार छोड़ किसान बनी महिला, काले गेहूं की जैविक खेती से चमकाई किस्मत

  • एमवाय और जिला अस्पताल में हुई अब तक की बड़ी लापरवाहियों पर एक नजर...

मई 2021: एमवाय अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई थी. अस्पताल की पहली मंजिल पर नर्सरी में भर्ती एक नवजात के पैर का अंगूठा और एड़ी चूहों ने कुतर दी थी. जिसके बाद प्रदेशभर में अस्पताल प्रशासन की निंदा की गई थी.

सितंबर 2020: देश के सबसे साफ शहरों में शुमार इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक 87 साल के व्यक्ति का शव को चूहों को कुतर कर कंकाल में तबदील कर दिया था. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने इस लापरवाही पर मांफी मांगी थी.

जून 2016: जिला अस्पताल में एक मासूम बच्चे के शव को चीटियों द्वारा खाए जाने का मामला सामने आया था. जिसकी पूरे देश में निंदा की गई थी. हालांकि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के 4 कर्मियों को निलंबित किया गया था. यह घटना भी जिला अस्पताल के मॉर्चुरी में हुई थी.

biggest negligence so far
अब तक की बड़ी लापरवाहियों पर एक नजर
  • अस्पताल में आग लगने की घटनाएं

एमवाय अस्पताल में आग लगने की घटनाएं भी कई बार हो चुकी हैं. इसके कारण साल 2015 में एक टीबी मरीज घायल हो गया था. यह आग ऑक्सीजन मास्क लगाते वक्त अचानक लग गई थी.

2017 में भी एमवाय की तीसरी मंजिल में भीषण आग लगी थी. जिस वक्त तीसरी मंजिल के एनआईसीयू में आग लगी उस समय वहां 47 बच्चे भर्ती थे. यह आग शार्ट सर्किट के कारण लगी थी.

  • इंदौर में मॉर्चुरी की स्थिति

इंदौर के एमवाय अस्पताल की मॉर्चुरी में 10-12 शव रखने के लिए फ्रीजर हैं जो अधिकांश खराब हैं. डॉक्टरों के पास शवों के परीक्षण के लिए टेक्निकल उपकरण की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा जिला अस्पताल में शवों को रखने के लिए 1-2 फ्रीजर हैं. लिहाजा मॉर्चुरी के आसपास खाली जगह होने के कारण यहां जीव-जंतु और चूहे आने का खतरा है.

इंदौर। जिला अस्पताल के मॉर्चुरी में एक व्यक्ति के शव को चूहों ने कुतर डाला है. मॉर्चुरी में जिस व्यक्ति के शव को चूहों ने कुतरा है उसकी जहर खाने के कारण मौत हुई थी. वह धार जिले के सेजवाय गांव का रहने वाला था और पोस्टमार्टम के लिए देर रात शव को जिला अस्पताल में रखा गया था. मृतक के परिजन पुलिस के साथ सुबह पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे और उन्होंने जैसे है शव के ऊपर से चादर हटाई तो सभी के होश उड़ गए. चूहों ने शव का चेहरा और हाथ बुरी तरह कुतरा हुआ था और वहां से खूद टपक रहा था.

  • अस्पताल की सफाई

जिला अस्पताल में इस लापरवाही के बाद मृतक के परिजनों के अस्पताल प्रशासन से कई सवाल जवाब किए. प्रशासन और परिजनों के बीच घंटों बहस चली. जिसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने सफाई देते हुए कहा कि अस्पताल में रोजाना ड्यूटी बदलती रहती है. पोस्टमार्टम शाम 5:30 के बाद बंद हो जाता है. मामले पर परिजनों का कहना है कि युवक ने किसी कारण जहर खा लिया था. जिसके बाद उसे प्राथमिक उपचार के लिए पहले धार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी स्थिति काफी गंभीर हो जाने के कारण उसे डॉक्टरों ने इंदौर रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए इंदौर के आनंद हॉस्पिटल लेकर आए और इलाज के दौरान युवक कृष्णकांत की मौत हो गई. परिजनों ने आगे कहा कि युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए इंदौर जिला हॉस्पिटल के मॉर्चुरी में रखवाया था. सुबह जब उन्होंने देखा तो शव को चूहों ने कुतर दिया था. शव की उंगली और चेहरे पर चूहे के कुतरने के निशान थे. जिसका फोटो उन्होंने निकाल लिया है और पूरे मामले में मॉर्चुरी विभाग के डॉक्टर को शिकायत की है.

मिसाल: शराब कारोबार छोड़ किसान बनी महिला, काले गेहूं की जैविक खेती से चमकाई किस्मत

  • एमवाय और जिला अस्पताल में हुई अब तक की बड़ी लापरवाहियों पर एक नजर...

मई 2021: एमवाय अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई थी. अस्पताल की पहली मंजिल पर नर्सरी में भर्ती एक नवजात के पैर का अंगूठा और एड़ी चूहों ने कुतर दी थी. जिसके बाद प्रदेशभर में अस्पताल प्रशासन की निंदा की गई थी.

सितंबर 2020: देश के सबसे साफ शहरों में शुमार इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक 87 साल के व्यक्ति का शव को चूहों को कुतर कर कंकाल में तबदील कर दिया था. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने इस लापरवाही पर मांफी मांगी थी.

जून 2016: जिला अस्पताल में एक मासूम बच्चे के शव को चीटियों द्वारा खाए जाने का मामला सामने आया था. जिसकी पूरे देश में निंदा की गई थी. हालांकि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के 4 कर्मियों को निलंबित किया गया था. यह घटना भी जिला अस्पताल के मॉर्चुरी में हुई थी.

biggest negligence so far
अब तक की बड़ी लापरवाहियों पर एक नजर
  • अस्पताल में आग लगने की घटनाएं

एमवाय अस्पताल में आग लगने की घटनाएं भी कई बार हो चुकी हैं. इसके कारण साल 2015 में एक टीबी मरीज घायल हो गया था. यह आग ऑक्सीजन मास्क लगाते वक्त अचानक लग गई थी.

2017 में भी एमवाय की तीसरी मंजिल में भीषण आग लगी थी. जिस वक्त तीसरी मंजिल के एनआईसीयू में आग लगी उस समय वहां 47 बच्चे भर्ती थे. यह आग शार्ट सर्किट के कारण लगी थी.

  • इंदौर में मॉर्चुरी की स्थिति

इंदौर के एमवाय अस्पताल की मॉर्चुरी में 10-12 शव रखने के लिए फ्रीजर हैं जो अधिकांश खराब हैं. डॉक्टरों के पास शवों के परीक्षण के लिए टेक्निकल उपकरण की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा जिला अस्पताल में शवों को रखने के लिए 1-2 फ्रीजर हैं. लिहाजा मॉर्चुरी के आसपास खाली जगह होने के कारण यहां जीव-जंतु और चूहे आने का खतरा है.

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