इंदौर। अयोध्या के राम मंदिर और काशी विश्वनाथ के भवन निर्माण के साथ अब मथुरा को भी अयोध्या और काशी की तरह ही विकसित करने की मांग उठ रही है. रविवार को इंदौर में एक सम्मान समारोह में भाग लेने पहुंची मथुरा की सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अयोध्या के बाद प्रधानमंत्री मोदी से मथुरा को भी भव्य तीर्थ के रूप में विकसित करने की मांग की है. (Hema Malini's statement on Mathura)
उन्होंने कहा कि, राम जन्मभूमि का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है. इसके बाद काशी विश्वनाथ में जो काम असंभव थे वह मोदी जी ने पूरे किए हैं. वहां गंगा नदी से लेकर मंदिर तक कॉरिडोर बनाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है. जो आज तक नहीं हो सका वह काशी विश्वनाथ के लिए हुआ है. इसलिए अब भगवान कृष्ण की भूमि मथुरा को भी इसी तरह विकसित किया जाना जरूरी है.
मथुरा से योगी आदित्यनाथ को लड़ना चाहिए चुनाव
हेमा मालिनी ने कहा कि, मथुरा कृष्ण प्रेम और स्नेह का प्रतीक है. यहां भी भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए. हेमा मालिनी ने इस दौरान इंदौर की स्वच्छता की तारीफ करते हुए कहा कि यहां कि राज्य सरकार और इंदौर के लोगों ने स्वच्छता में 5 बार से अलग मुकाम बनाया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री योगी जी ने वहां अत्यधिक विकास के कार्य किए हैं. इसलिए वहां भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित है. उन्होंने कहा मथुरा के विकास के लिए मैं चाहती हूं कि खुद योगी जी को मथुरा से ही चुनाव लड़ना चाहिए.
विपक्ष अपना काम कर रहा है, हम अपना करेंगे
हेमा मालिनी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फोन टैपिंग जैसी बात की मुझे कोई जानकारी नहीं है. वह विपक्ष में है. इसलिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं. विपक्ष के धर्म के कारण वह अपना काम कर रहे हैं. हम अपना काम करेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा मैं पहले भी इंदौर आ चुकी हूं. यह नृत्य के कार्यक्रम हुए हैं, लेकिन अब हरिप्रसाद चौरसिया जी के साथ आई हूं. उनके हाथों पुरस्कृत होना यह भी एक सम्मान की बात है.
ये है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद
अयोध्या फैसले के बाद 25 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से मुथरा के सिविल जज के सामने एक मुकदमा दाखिल किया गया था. इसे रंजना अग्निहोत्री नाम के एक वकील ने दायर किया था. उन्होंने अपनी याचिका में मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर परिसर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए प्रार्थना की थी. छह अन्य श्रद्धालु भी मुकदमे के वादी थे. इस मुकदमे में 13.37 एकड़ की पूरी भूमि पर स्वामित्व का दावा किया गया था. मथुरा को श्रीकृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है. याचिकाकर्ता ने दावा कि कि मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर के ढांचे को आंशिक रूप से ध्वस्त करवा दिया था. अतिरिक्त जिला जज छाया शर्मा ने इस मुकदमे को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता का इस मामले में कोई लोकस नहीं है. याचिकाकर्ता ने इस फैसले को चुनौती दी. यह मामला अभी जिला कोर्ट में लंबित है. इसी मुद्दे पर अधिवक्ता महेश माहेश्वरी की एक याचिका अनुच्छेद 226 के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है.