इंदौर। आमतौर पर शालीन और गरिमामयी बयान देने के लिए पहचाने जाने वाले मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल अब दिव्यांग बच्चों के प्रति दया नहीं दिखाने वालों को कड़वी नसीहत देते नजर आए. दरअसल इंदौर में आयोजित एक ऐसे ही कार्यक्रम में उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें राज्यपाल मंच से कहते नजर आ रहे हैं कि जिन लोगों के मन में जरूरतमंद दिव्यांग और गरीब बच्चों के मन में दया का भाव नहीं है, ऐसे लोगों के सिर पर रास्ते का पत्थर उठाकर मारना चाहिए. इतना ही नहीं राज्यपाल ने ये भी कहा कि सक्षम लोगों को हमेशा उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए, जो गरीब और पिछड़े हैं और उनकी थोड़ी सी मदद से किसी का जीवन संवर सकता है.
बाल भवन ग्रह का उद्घाटन करने पहुंचे थे राज्यपालः दरअसल राज्यपाल मंगुभाई पटेल इंदौर में एक सामाजिक संस्था की ओर से मूक बधिर दिव्यांग बच्चों के लिए तैयार किए गए बाल भवन ग्रह का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि "ईश्वर ने मानव मस्तिष्क दिया है सोचने-समझने की शक्ति भी दी है. इंसान को पैसा दिया है, शक्ति दी है, बुद्धि दी है, लेकिन सिर्फ खुद के लिए नहीं क्योंकि कई पिछड़े समाज में ऐसे कई मूकबधिर बच्चे और जरूरतमंद लोग है, उनके लिए भी आपको कुछ करते रहना चाहिए, यह भी भगवान के संकेत से कम नहीं है."
राज्यपाल बोले- जरूरतमंद लोगों की मदद करोः राज्यपाल ने कहा कि "यदि गरीब और जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों को देखकर भी हमारे मन में करुणा दया नहीं आती है, तो हमारा मानव जीवन बेकार है. ऐसे लोगों को रास्ते का बड़ा पत्थर लेकर कपाल(सिर) पर मारना चाहिए. लोगों को 'चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए' के भाव से मुक्त होकर यह समझना चाहिए कि भगवान ने जो भी दिया है, तो वह खुद के लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी दिया है, इसलिए उदार बनो और जरूरतमंद लोगों की मदद करो. क्योंकि समाज में ऐसे लोगों की कमी है उसके लिए काम करना चाहिए तो मैं समझता हूं कि भगवान ऐसे लोगों को बुद्धि दे."
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दिव्यांग और कमजोर वर्ग की मदद करने की अपीलः राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उदाहरण देते हुए कहा कि "कुछ समय पहले मैं एक यूनिवर्सिटी में गया था, जहां राज महल जैसी यूनिवर्सिटी के नीचे झोपड़पट्टी थी और वहां के पढ़ने वाले बच्चे ज्यादातर फोर व्हीलर, टू व्हीलर में आते थे. कार्यक्रम के पूरा होने के बाद कलेक्टर से मिला और उनसे कहा कि यह भैया आपकी यूनिवर्सिटी पूरी राज महल दिखती है. लेकिन जब मैं आया तो नीचे झोपड़पट्टी देखी, मुझे लगा मेरा घर कितना भी अच्छा हो, लेकिन पास में यदि झोपड़पट्टी होगी या एक भी झोपड़ी होगी तो झोपड़े के आगे महल की कोई वाहवाही नहीं होगी." इसके साथ ही राज्यपाल ने कार्यक्रम में मौजूदा सभी से अपील की है कि "आप सभी सक्षम लोग ऐसे दिव्यांग और कमजोर वर्ग की मदद हमेशा करें, जिससे उनका भी उत्थान हो सके."