इंदौर। सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. जिसको लेकर किसानों का कहना है कि उन्हें बजट को लेकर सरकार से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन सरकार इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई है. इस बजट में किसानों को कोई राहत नहीं मिली है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान किसानों ने कहा कि हालांकि एमएसपी को लागू रखने की बात जरूर सरकार ने बजट में कही है, लेकिन इसे लेकर किसी प्रकार की गारंटी सरकार की तरफ से नहीं दी गई है. किसानों ने यह भी कहा कि अपनी उपज को रखने के लिए उन्हें उम्मीद थी कि सरकार वेयर हाउस को लेकर किसी बड़ी योजना का ऐलान कर सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
'दूध उत्पादन को लेकर भी कोई खास घोषणा नहीं'
किसान नेताओं ने ये भी कहा कि दुग्ध उत्पादन को लेकर किसी प्रकार की घोषणा सरकार ने नहीं की है. जबकि पूरे विश्व में सबसे अधिक दूध का उत्पादन भारत में किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि दुग्ध उत्पादन से भी किसान अपनी आय को दोगुना हो सकती है. लेकिन सरकार के द्वारा सिर्फ गेहूं, धान और मत्स्य पालन पर ही फोकस किया गया है.
2022 तक किसान की आज दोगुनी करने का लक्ष्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट भाषण में कहा कि सरकार की किसानों की आय दोगुना करने की ओर काम कर रही है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि यूपीए सरकार से लगभग तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई है. वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है, दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई.
वित्तमंत्री ने कहा कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना ज्यादा एमएसपी दिया गया. सभी कमोडिटी पर डेढ़ गुना ज्यादा एमएसपी दिया जाएगा. बताया गया कि वित्त वर्ष 2021 में एमएसपी के लिए 75,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. एपीएमसी को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा. देश में 5 बड़े फिशिंग हब बनाए जाएंगे. सीतारमण बोलीं, 'एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है. सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है.