इंदौर। कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक इंदौर-1 के भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय पर नामांकन पत्र में आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि शिकायत के बावजूद रिटर्निंग अधिकारी ओम नारायण बड़कुल ने भी इस मामले में संज्ञान नहीं लिया. इसके बाद इस मामले की भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत की साथ ही रावजी बाजार थाने में भी मामला दर्ज करने के लिए शिकायत की गई लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है.
कहां दायर किया परिवाद: पुलिस द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला की शिकायत पर कोई संज्ञान न लेने पर उनके द्वारा धारा 156(3),190,200 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत फौजदारी परिवाद विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया है.
किस पर लगाया आरोप: शिकायतकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला ने भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय, रिटर्निंग अधिकारी ओम नारायण बड़कुल, पुलिस कमिश्नर मकरन्द देउस्कर और रावजी बाजार थाना प्रभारी आमोद सिंह राठौर के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर कोर्ट में फौजदारी परिवाद दायर किया है.
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कोर्ट में ये कहा गया: भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने अपने ऊपर दर्ज गंभीर आपराधिक प्रकरण धारा 376,417,406,313,120B को शपथ पत्र में जानबूझकर छिपाया है ,जबकि विजयवर्गीय ने उक्त प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल अपील नंबर 1581/2021 स्वंय के नाम से लगाई थी. एक आपराधिक प्रकरण छत्तीसगढ़ दुर्ग में भी लंबित है जिसका प्रकरण क्रमांक 1623/2012 है. इस प्रकरण में जमानती वारंटों की तामिली होने के उपरांत भी उपस्थित नहीं हुए और न्यायालय ने उन्हें फरार घोषित कर दिया और वो आज तक फरार हैं. इस प्रकरण की जानकारी भी छिपाई है. उन्होंने अपनी पत्नी आशा विजयवर्गीय के एक चिटफंड कंपनी की डायरेक्टर होने संबंधी भी जानकारी छिपाई है.
कोर्ट ने क्या कहा: इंदौर जिला कोर्ट ने 20 दिसंबर तक पुलिस को स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने संबंधी आदेश दिए हैं. इस पूरे मामले में कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. अब पूरा मामला कोर्ट में पहुंच चुका है.