इंदौर। इंदौर की जिन कान्हा व सरस्वती नदी को स्वच्छ बनाकर झील के रूप में संवारने के दावे किए गए, वे नदियां कथित तौर पर दूषित नाले ही बनी हुई हैं. इतना ही नहीं इंदौर नगर निगम के प्रस्ताव पर जो 511 करोड़ का बजट इन नदियों के लिए नमामि गंगे योजना के तहत स्वीकृत किया गया, वह भी नदियों के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार के कारण अब प्रधानमंत्री को पत्र लिख निरस्त कराने की मांग की जा रही है.
2 हजार करोड़ का बजट लूटा : इंदौर में कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में उल्लेख है कि सालों पूर्व इतिहास में बरसाती नदी रही कान्हा और सरस्वती बरसाती नदियों को झील बनाने के नाम पर लगभग 2 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का बजट नौकरशाहों व भ्रष्ट मंत्रियों सहित स्थानीय नेताओं ने जमकर लूटा है. फिर भी नदियां नाले से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं. शहर भर का अवशिष्ट इन नदियों में बह रहा है. सिर्फ़ नालों के आसपास सीमेंट कांक्रीट का घटिया निर्माण कुछ जगह नज़र आता है.
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पत्र में ये सुझाव दिए : प्रदेश कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने प्रधानमंत्री से मांग की कि जांच एजेंसी से पिछले 25 साल में हुए 2 हज़ार करोड़ के भ्रष्टाचार की जांच करायी जाना चाहिए. प्रधानमंत्री से विशेष तौर पर मांग की गई है कि केंद्र सरकार विशेषज्ञों की टीम बनाकर कान्हा-सरस्वती बरसाती गंदे नाले में बड़े-बड़े ड्रेनेज पाइप लाइन बिछाकर उसके ऊपर सिटी कॉरिडोर सड़क बनाने की योजना को मूर्तरूप देने की योजना बनाना चाहिए, जिससे शहर की ट्रैफिक समस्या का समाधान होने के साथ ही यह भ्रष्टाचार के गंदे नाले हमेशा के लिए समाप्त हो सकें.