इंदौर। भाजपा में टिकट वितरण के बाद उभरे असंतोष को थामना जहां पार्टी के लिए चुनौती है, वहीं कई सीटों पर बागी अन्य पार्टियों के साथ भाजपा प्रत्याशियों को ही चुनौती देने जा रहे हैं. इस बीच इन तमाम मामलों को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा भी मनुष्यों का संगठन है, उसके कार्यकर्ता गुस्से में या तेज बोले तो उसे सुनना हमारे नेतृत्व की पहचान है. हम सब की बात सुनकर समस्या का समाधान भी कर रहे हैं, लेकिन फिर भी यदि कोई गड़बड़ करता है तो ऐसे विरोधियों से निपटने के लिए भी भाजपा में पुख्ता व्यवस्था है.
सभी कार्यकर्ताओं की बात सुन रही बीजेपी: दरअसल सोमवार को इंदौर में भाजपा के संभागीय मीडिया कार्यालय के शुभारंभ के अवसर पर वीडी शर्मा यहां पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव आदि के साथ विधि विधान से पार्टी के संभागीय मीडिया सेंटर का शुभारंभ किया. इस दौरान वीडी शर्मा ने जबलपुर में अभिलाष पांडे के विरोध में वहां गण मन पर हुए हमले के सवाल पर कहा कि "वहां केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ कुछ भी नहीं हुआ, क्योंकि वह कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद 1 घंटे तक वहीं रहे. ऐसे अवसर पर विरोध होना स्वाभाविक है, लेकिन हम सब की बात सुन रहे हैं." इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के भाजपा से इस्तीफा देने और बसपा ज्वाइन करने के सवाल पर कहा कि "पार्टी ने रुस्तम सिंह जी को कई अवसर दिए हैं, वे हमारे यहां बड़े नेता रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें कुछ और चाहिए और उन्हें कहीं और से कुछ मिल सकता है तो वह स्वतंत्र हैं."
बागियों से भाजपा को नहीं पड़ता फर्क: गौरतलब है भाजपा में आखिरी दौर के टिकट बंटने के बाद कई प्रत्याशी ऐसे हैं जो बागी तेवर अख्तियार कर चुके हैं, भोपाल में उमाशंकर गुप्ता को टिकट नहीं मिलने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. वहीं रंजना बघेल ने टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को जिम्मेदार ठहराया है. यही स्थिति रुस्तम सिंह पारस जैन को लेकर है, जो अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन सकते हैं. हालांकि भाजपा का दावा है कि विरोधियों को मना लिया जाएगा और उनके कारण भाजपा प्रत्याशियों को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. इधर रंजन बघेल को टिकट नहीं मिलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा "जिस बैठक का जिक्र वे कर रही हैं, टिकट वितरण या प्रत्याशी चयन की उस बैठक में मैं था भी नहीं, लेकिन फिर भी वह आरोप लगा रही हैं तो क्या कर सकते हैं.