इंदौर। मध्य प्रदेश में जहां अब चुनाव प्रचार से लेकर मतदान तक उम्मीदवारों के लिए महज 1 महीने का समय बचा है, वहीं कई सीटों पर दोनों ही दलों के प्रमुख नेता जनसभाएं करने हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे. इस स्थिति में इस बार निर्वाचन आयोग ने चुनाव में उपयोग होने वाले एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर पर भी कड़ी निगरानी रखने का फैसला किया है, इतना ही नहीं इंदौर में प्रत्याशियों के हेलीकॉप्टर उपयोग करने पर उन्हें जिला निर्वाचन कार्यालय से अनुमति लेना होगी.
दरअसल हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचरण संहिता और संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत लागू किए गए प्रतिबंधात्मक आदेशों के तहत हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट का उपयोग और मूवमेंट भी अनुमति के दायरे में लाया गया है. इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली से प्रदेश की विभिन्न सीटों की ओर उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट की जांच को भी निर्वाचन आयोग ने अपने दायरे में ले रखा है. गौरतलब है आचार संहिता के लगने के पूर्व आयोग द्वारा की गई चुनावी तैयारी के दौरान आयोग के प्रतिनिधियों की एयरपोर्ट अथॉरिटी और नागरिक उद्यान मंत्रालय के अलावा एयरपोर्ट पर सुरक्षा के लिए तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के अधिकारियों के साथ चर्चा करने के बाद संपत्ति विरूपण अधिनियम और चुनावी पारदर्शिता के लिहाज से निगरानी और जांच की व्यवस्था लागू की है.(MP Election 2023)
इंदौर में सिंगल विंडो से परमिशन: इंदौर में प्रत्याशी द्वारा हेलीकॉप्टर के उपयोग के पूर्व अनुमति लेना जरूरी किया गया है, लिहाजा राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों आमसभा रैली समेत अन्य कार्यक्रमों में हेलीकॉप्टर या अन्य वाहनों के उपयोग के लिए अनुमति लेनी होगी. इसके लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की गई है, वहीं ऐसे मामलों में शिकायत के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. गौरतलब है मालवा निमाड़ की कई सीटों पर वीआईपी मूवमेंट के दौरान प्रत्येक चुनाव में एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर का उपयोग लगातार होता रहा है, वहीं स्थानीय स्तर पर भी कुछ उम्मीदवार चुनाव में अपने हेलीकॉप्टर का उपयोग करते पाए गए हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश में राजनीतिक दलों के नेताओं के पास निजी हेलिकॉप्टर भी है, यही वजह है कि इस बार न केवल जिला स्तर पर बल्कि भारत निर्वाचन आयोग ने भी इस पूरी व्यवस्था को निगरानी के दायरे में ले रखा है.
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चुनाव में बढ़ी हेलीकॉप्टर की डिमांड: मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव के हेलीकॉप्टर की डिमांड तेजी से बड़ी है, लिहाजा हेलीकॉप्टर ऑपरेट करने वाली कंपनी ने भी मौका देखकर हेलीकॉप्टर के रेट बढ़ा दिए हैं. फिलहाल देश भर में करीब 400 हेलीकॉप्टर हैं, जिनका उपयोग चुनाव में लगातार होता रहा है. एक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष हेलीकॉप्टर के प्रति घंटे का किराया तीन से चार लाख रुपये हो चुका है, हालांकि चुनाव के पहले यह किराया मात्र डेढ़ से 2 लाख रुपए था, लेकिन चुनावी मौसम में हेलीकॉप्टर का किराया भी दुगने से ज्यादा हो चुका है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि प्रदेश में हेलीकॉप्टर के डिमांड ज्यादा है, जबकि उपलब्धता कम है.(MP Assembly Election 2023)