इंदौर। चुनावी वर्ष में जहां शिवराज सरकार लोकलुभावन कई योजनाओं की शुरुआत कर रही है, तो वहीं आगामी बजट में राज्य के उद्योगों ने भी सरकार से रियायत की उम्मीद लगा रखी है. इस साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भारी-भरकम निवेश के जरिए रोजगार और उद्योगों के विस्तार के लिहाज से माना जा रहा है कि, शिवराज सरकार चुनावी वर्ष में उद्योगों का भी खास ख्याल रखेगी.
राज्य बजट 2023 से कई उम्मीदें: राज्य के आगामी बजट को लेकर उद्योग प्रतिनिधियों की मानें तो आगामी बजट भी चुनावी बजट होगा, लेकिन प्रदेश के विकास एवं रोजगार की दृष्टि से राज्य सरकार इस साल उद्योगों का भी ख्याल रख सकती है. पीथमपुर उद्योग संगठन के अध्यक्ष एवं उद्योग प्रतिनिधि गौतम कोठारी के मुताबिक, इस साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भारी भरकम एमओयू हुए हैं. इस लिहाज से अब प्रदेश की अधोसंरचना आधारित जरूरतें पूरी करनी होगी. राज्य सरकार इसके लिए औद्योगिक क्षेत्र के विकास में नए प्रावधान कर सकती है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बाद स्वास्थ्य समस्याएं भी तेजी से उभर रही हैं, जिसे लेकर सरकार को बजट में प्रावधान करना होगा. वहीं शैक्षणिक विकास के लिए भी राष्ट्रीय स्तर पर नए इंस्टिट्यूट खोलने के लिए राज्य सरकार प्रावधान कर सकती है.
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राज्य सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर दे सकती है ध्यान: जिन उद्योगों को राज्य सरकार ने 5 वर्षों में 40 फीसदी सब्सिडी की घोषणा की है, उन्हें भी सालाना सब्सिडी जारी होने का इंतजार है. ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य सरकार अपने चुनावी बजट में नए लगने वाले उद्योगों को सब्सिडी की किस्त जारी कर सकती है. वहीं चुनावी वर्ष में बेरोजगारी पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बजट का प्रावधान कर सकती है, जो उद्योग पाइप लाइन में हैं उन्हें लगाने के लिए रोजगार आधारित नीति पर आगे बढ़ा सकती है. कोठारी के मुताबिक, सरकार के पास इस वर्ष अच्छा मौका है जब निवेश के साथ ही विकास की संभावनाएं बढ़ रही हैं. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को बजट में उद्योगों के विकास पर फोकस करना चाहिए, जिससे कि बेरोजगारी को आर्थिक रूप से तेजी से विकसित किया जा सके.