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MP BJP CM Face: एमपी में इस बार शिवराज की राह नहीं आसान, विकल्प बनने को तैयार भाजपा के ये दिग्गज, पढ़ें इंडेप्थ स्टोरी

मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव इस बार बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ रही है. किसी भी नेता का सीएम फेस के लिए नाम नहीं लिया गया है. वहीं दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतारने के बाद अब सीएम फेस की लिस्ट में एक नहीं बल्कि 9 नाम सामने आ रहे हैं. इंदौर से संवाददाता सिद्धार्थ माछीवाल की रिपोर्ट में जानिए इस लिस्ट में शिवराज किन नंबर पर हैं.

MP BJP CM Face
एक कुर्सी कई दावेदार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 10, 2023, 8:27 PM IST

Updated : Oct 10, 2023, 8:33 PM IST

इंदौर। बीते 18 सालों से सत्ताधारी दल के रूप में मध्य प्रदेश पर काबिल भाजपा जहां एक बार फिर सत्ता पाने की कोशिशें में जुटी है. वहीं इस बार चुनाव में मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं होने के कारण चुनावी मैदान में उतारे गए शिवराज के समकक्ष कई दिग्गज मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें कुछ तो ऐसे हैं, जो सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री बनने की अपनी हसरत को बयान भी कर चुके हैं.

गौरतलब है कि भाजपा में इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित करने के कारण पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच लगभग यह स्पष्ट है कि इस बार सत्ता में वापसी के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिर यह जिम्मेदारी मिल पाना मुश्किल है. इस बीच पार्टी द्वारा चुनावी मैदान में नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और फगन सिंह कुलस्ते आदि शिवराज से भी ज्यादा वरिष्ठ दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने के कारण इन तमाम नेताओं के बीच मुख्यमंत्री बनने की लालसा होना सामान्य है. यही कारण है कि इस बार अपनी हसरत को सार्वजनिक करने में ना तो कैलाश विजयवर्गी पीछे रहे और ना ही गोपाल भार्गव को कोई एतराज हुआ.

इस बीच माना जा रहा है कि भाजपा के सत्ता में वापसी की स्थिति पर मुख्यमंत्री बनने के लिए एक दो नहीं बल्कि भाजपा में ही आठ दिग्गज नेता हैं. हालांकि वर्तमान चुनावी सर्वेक्षण और एंटी इनकमबेन्सी के फलस्वरुप कई नेता यह भी मान रहे हैं कि इस बार भाजपा के लिए सत्ता में आना बहुत मुश्किल होगा. जैसे आईए जानते हैं आखिर कौन सा प्रतिनिधि अपने किस रणनीति के तहत सीएम बनने की लालसा रखे हुए हैं.

नरेंद्र सिंह तोमर: तोमर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा फिलहाल में केंद्र में कृषि जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के मंत्री रहे हैं. तोमर का मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान से भी खास सामंजस्य रहा है. इसके अलावा पिछली बार भी तोमर का ही नाम मुख्यमंत्री को लेकर चला था, हालांकि इस तरह का फेरबदल संभव नहीं माना जा रहा है कि यदि भाजपा के लिए चुनाव में तमाम परिस्थितियां अनुकूल रही, तो न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान की सहमति से मैनेजमेंट में माहिर अनुभवी कहे जाने वाले तोमर बाजी मार सकते हैं. यही वजह है कि वह दिमनी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारने के बाद न केवल उनकी विधानसभा की जीत बल्कि मध्य प्रदेश की तमाम बहुमत वाली सीटों पर जीत की उम्मीद लिए हुए मुख्यमंत्री चुने जाने की दौड़ में खुद को सबसे आगे महसूस करते हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया: सिंधिया भाजपा में एक फेस के रूप में स्थापित हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में 51 फीसदी ओबीसी आबादी के अलावा वे ओबीसी चेहरे के रूप में अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं. कांग्रेस की सरकार में भी वह इसी उम्मीद के मद्देनजर पार्टी छोड़कर भाजपा में आए थे.

प्रहलाद पटेल: प्रहलाद पटेल का पूर्व में भी मुख्यमंत्री बनने को लेकर नाम चला था, लेकिन पार्टी आला कमान ने इस तरह का फैसला नहीं लिया था. केंद्र में मंत्री और पुराने अनुभवी नेता होने के साथ प्रहलाद पटेल भी ओबीसी चेहरे के रूप में उम्मीद लगाए बैठे हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री पद पर रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है. जिसे लेकर वह भी कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद लिए दौड़ में नजर आते हैं.

Prahlad Patel Union Minister
प्रहलाद पटेल केंद्रीय मंत्री

कैलाश विजयवर्गीय: मैनेजमेंट में माहिर पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय से मुख्यमंत्री बनने की हसरत पाले हुए हैं. हाल ही में महासचिव पद पर रहते हुए उन्हें इंदौर से चुनावी मैदान में उतरा गया है. हालांकि कई बार उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर इसे पार्टी के फैसले पर छोड़ने के बावजूद भी वे अपने मुख्यमंत्री पद के प्रति प्रेम को कई बार उजागर भी कर चुके हैं. इस बार क्योंकि वह फिर चुनावी मैदान में हैं, तो कहीं ना कहीं सीएम बनने की उम्मीद उन्हें सर्वाधिक है.

फगन सिंह कुलस्ते: फग्गन सिंह कुलस्ते भी आदिवासी चेहरे के रूप में कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर उम्मीद में है, क्योंकि कई बार मध्य प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग भी उठ चुकी है.

Faggan Singh Kulaste Union Minister
फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्रीय मंत्री

वीडी शर्मा: विष्णु दत्त शर्मा फिलहाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन वह कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री बनने की हसरत पाले हुए हैं. स्वयं सेवक संघ से उनके करीबी और सामंजस्य के चलते हुए मुख्यमंत्री की दौड़ में लंबे समय से शामिल हैं.

VD Sharma BJP State President
वीडी शर्मा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

यहां पढ़ें...

नरोत्तम मिश्रा: प्रदेश के गृहमंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. संघ से भी उनकी निकटता है. मैनेजमेंट में माहिर और मुद्दों को पार्टी के पक्ष में मोड़ने के साथ संगठन आत्मक रूप से खासे अनुभवी मिश्रा भी लंबे समय से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं.

Gopal Bhargava Cabinet Minister
गोपाल भार्गव कैबिनेट मंत्री

गोपाल भार्गव: भार्गव नेता प्रतिपक्ष रहने के साथ पिछले आठ बार से विधानसभा के सदस्य और मंत्रिमंडल में अलग-अलग भूमिका में शामिल रहे हैं. हाल ही में उन्होंने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री बनने को लेकर बयान दिया था. भार्गव की वरिष्ठता साफ छवि और विभागीय के अलावा आम जन के प्रति ईमानदार चेहरे के रूप में वह इस बार मुख्यमंत्री पद को लेकर उम्मीद संजोये हुए हैं.

Narottam Mishra Home Minister
नरोत्तम मिश्रा गृह मंत्री

शिवराज सिंह चौहान: 18 सालों से मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान इस बार फिर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. हाल ही में नरेंद्र मोदी के सामने शिवराज सिंह चौहान आम जनता से सवाल करते हुए वायरल हुए थे कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल में शासन कैसा चलाया. इसके अलावा वह मुख्यमंत्री बने रहने के हर संभव प्रयास करेंगे. फिलहाल पार्टी ने उन्हें एक बार फिर उनकी परंपरागत बुधनी विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है. लिहाजा शिवराज फिर स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री बने रहने की दौड़ में है.

इंदौर। बीते 18 सालों से सत्ताधारी दल के रूप में मध्य प्रदेश पर काबिल भाजपा जहां एक बार फिर सत्ता पाने की कोशिशें में जुटी है. वहीं इस बार चुनाव में मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं होने के कारण चुनावी मैदान में उतारे गए शिवराज के समकक्ष कई दिग्गज मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें कुछ तो ऐसे हैं, जो सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री बनने की अपनी हसरत को बयान भी कर चुके हैं.

गौरतलब है कि भाजपा में इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित करने के कारण पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच लगभग यह स्पष्ट है कि इस बार सत्ता में वापसी के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिर यह जिम्मेदारी मिल पाना मुश्किल है. इस बीच पार्टी द्वारा चुनावी मैदान में नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और फगन सिंह कुलस्ते आदि शिवराज से भी ज्यादा वरिष्ठ दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने के कारण इन तमाम नेताओं के बीच मुख्यमंत्री बनने की लालसा होना सामान्य है. यही कारण है कि इस बार अपनी हसरत को सार्वजनिक करने में ना तो कैलाश विजयवर्गी पीछे रहे और ना ही गोपाल भार्गव को कोई एतराज हुआ.

इस बीच माना जा रहा है कि भाजपा के सत्ता में वापसी की स्थिति पर मुख्यमंत्री बनने के लिए एक दो नहीं बल्कि भाजपा में ही आठ दिग्गज नेता हैं. हालांकि वर्तमान चुनावी सर्वेक्षण और एंटी इनकमबेन्सी के फलस्वरुप कई नेता यह भी मान रहे हैं कि इस बार भाजपा के लिए सत्ता में आना बहुत मुश्किल होगा. जैसे आईए जानते हैं आखिर कौन सा प्रतिनिधि अपने किस रणनीति के तहत सीएम बनने की लालसा रखे हुए हैं.

नरेंद्र सिंह तोमर: तोमर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा फिलहाल में केंद्र में कृषि जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के मंत्री रहे हैं. तोमर का मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान से भी खास सामंजस्य रहा है. इसके अलावा पिछली बार भी तोमर का ही नाम मुख्यमंत्री को लेकर चला था, हालांकि इस तरह का फेरबदल संभव नहीं माना जा रहा है कि यदि भाजपा के लिए चुनाव में तमाम परिस्थितियां अनुकूल रही, तो न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान की सहमति से मैनेजमेंट में माहिर अनुभवी कहे जाने वाले तोमर बाजी मार सकते हैं. यही वजह है कि वह दिमनी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारने के बाद न केवल उनकी विधानसभा की जीत बल्कि मध्य प्रदेश की तमाम बहुमत वाली सीटों पर जीत की उम्मीद लिए हुए मुख्यमंत्री चुने जाने की दौड़ में खुद को सबसे आगे महसूस करते हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया: सिंधिया भाजपा में एक फेस के रूप में स्थापित हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में 51 फीसदी ओबीसी आबादी के अलावा वे ओबीसी चेहरे के रूप में अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं. कांग्रेस की सरकार में भी वह इसी उम्मीद के मद्देनजर पार्टी छोड़कर भाजपा में आए थे.

प्रहलाद पटेल: प्रहलाद पटेल का पूर्व में भी मुख्यमंत्री बनने को लेकर नाम चला था, लेकिन पार्टी आला कमान ने इस तरह का फैसला नहीं लिया था. केंद्र में मंत्री और पुराने अनुभवी नेता होने के साथ प्रहलाद पटेल भी ओबीसी चेहरे के रूप में उम्मीद लगाए बैठे हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री पद पर रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है. जिसे लेकर वह भी कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद लिए दौड़ में नजर आते हैं.

Prahlad Patel Union Minister
प्रहलाद पटेल केंद्रीय मंत्री

कैलाश विजयवर्गीय: मैनेजमेंट में माहिर पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय से मुख्यमंत्री बनने की हसरत पाले हुए हैं. हाल ही में महासचिव पद पर रहते हुए उन्हें इंदौर से चुनावी मैदान में उतरा गया है. हालांकि कई बार उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर इसे पार्टी के फैसले पर छोड़ने के बावजूद भी वे अपने मुख्यमंत्री पद के प्रति प्रेम को कई बार उजागर भी कर चुके हैं. इस बार क्योंकि वह फिर चुनावी मैदान में हैं, तो कहीं ना कहीं सीएम बनने की उम्मीद उन्हें सर्वाधिक है.

फगन सिंह कुलस्ते: फग्गन सिंह कुलस्ते भी आदिवासी चेहरे के रूप में कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर उम्मीद में है, क्योंकि कई बार मध्य प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग भी उठ चुकी है.

Faggan Singh Kulaste Union Minister
फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्रीय मंत्री

वीडी शर्मा: विष्णु दत्त शर्मा फिलहाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन वह कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री बनने की हसरत पाले हुए हैं. स्वयं सेवक संघ से उनके करीबी और सामंजस्य के चलते हुए मुख्यमंत्री की दौड़ में लंबे समय से शामिल हैं.

VD Sharma BJP State President
वीडी शर्मा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

यहां पढ़ें...

नरोत्तम मिश्रा: प्रदेश के गृहमंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. संघ से भी उनकी निकटता है. मैनेजमेंट में माहिर और मुद्दों को पार्टी के पक्ष में मोड़ने के साथ संगठन आत्मक रूप से खासे अनुभवी मिश्रा भी लंबे समय से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं.

Gopal Bhargava Cabinet Minister
गोपाल भार्गव कैबिनेट मंत्री

गोपाल भार्गव: भार्गव नेता प्रतिपक्ष रहने के साथ पिछले आठ बार से विधानसभा के सदस्य और मंत्रिमंडल में अलग-अलग भूमिका में शामिल रहे हैं. हाल ही में उन्होंने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री बनने को लेकर बयान दिया था. भार्गव की वरिष्ठता साफ छवि और विभागीय के अलावा आम जन के प्रति ईमानदार चेहरे के रूप में वह इस बार मुख्यमंत्री पद को लेकर उम्मीद संजोये हुए हैं.

Narottam Mishra Home Minister
नरोत्तम मिश्रा गृह मंत्री

शिवराज सिंह चौहान: 18 सालों से मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान इस बार फिर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. हाल ही में नरेंद्र मोदी के सामने शिवराज सिंह चौहान आम जनता से सवाल करते हुए वायरल हुए थे कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल में शासन कैसा चलाया. इसके अलावा वह मुख्यमंत्री बने रहने के हर संभव प्रयास करेंगे. फिलहाल पार्टी ने उन्हें एक बार फिर उनकी परंपरागत बुधनी विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है. लिहाजा शिवराज फिर स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री बने रहने की दौड़ में है.

Last Updated : Oct 10, 2023, 8:33 PM IST
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