इंदौर। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की अप्रत्याशित सूची में पार्टी ने उन विधानसभा सीटों पर आचार संहिता लगने के भी पहले उम्मीदवार उतार दिए हैं, जो किन्हीं कारणों से कांग्रेसी की झोली में चली गई थी. भाजपा द्वारा जारी की गई मध्य प्रदेश के 39 उम्मीदवार में जो नाम घोषित में है, वह पार्टी के पुराने दावेदार हैं. महत्वपूर्ण सीटों में सोनकच्छ विधानसभा से सांवेर से चुनाव लड़ने वाले राजेश सोनकर को मौका दिया गया है. वहीं महेश्वर में इस बार राजकुमार मेव को प्रत्याशी बनाया गया है. इसी तरह खरगोन की कसरावद विधानसभा सीट में आत्माराम पटेल भाजपा के उम्मीदवार होंगे. वहीं अलीराजपुर में नागर सिंह चौहान को उम्मीदवार घोषित किया है. झाबुआ में भानु भूरिया, पेटलावद में निर्मला भूरिया, कुक्षी में जयदीप पटेल, धर्मपुरी में कालू सिंह ठाकुर, जबकि इंदौर की राऊ विधानसभा से पार्टी ने फिर से मधु वर्मा पर भरोसा जताया है. इसके अलावा उज्जैन संभाग में जिन दो सीटों पर प्रत्याशी घोषित हुए, उसमें तराना से ताराचंद गोयल को मौका दिया गया है. जबकि घटिया विधानसभा से सतीश मालवीय भाजपा के उमीदवार होंगे.
पुराने चेहरों पर जताया विश्वास: दरअसल भाजपा की मिशन 2024 की रणनीति के तहत घोषित किए गए उम्मीदवारों में अधिकांश वे हैं, जो पहले चुनाव लड़ चुके हैं या अपनी पुरानी सीटों पर पिछली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. कुछ चेहरों पर पार्टी ने दोबारा दांव लगाया है. इस बार जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन वर्मा को चुनौती देने के लिए सोनकच्छ से भाजपा विधायक रहे राजेश सोनकर को मौका दिया है. इसी तरह महेश्वर में कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ को चुनौती देने के लिए राजकुमार मेव को फिर से मौका दिया गया है, जबकि कांग्रेस विधायक सचिन यादव के सामने फिर से आत्माराम पटेल को प्रत्याशी बनाया रहा है. इसके अलावा अलीराजपुर में भी भाजपा ने अपने पुराने शेरों को मौका दिया है. वही पेटलावद से निर्मला भूरिया फिर मैदान में होंगी, जब की कुक्षी से जयदीप पटेल और धर्मपुरी से कालू सिंह डावर प्रत्याशी बनने में कामयाब हो गए हैं.
हारी हुई सीटों पर जीत का दाव: दरअसल बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद माना जा रहा था कि मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ को लेकर केंद्र चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय चुनाव समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे. जिसमें फैसला लिया गया कि जो सीटें कम अंतर या मामूली अंतर से हारी है. सबसे पहले उन पर प्रत्याशी उतारे जाए. लिहाजा मध्य प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने के पहले ही भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी करके बाजी मार ली है. जाहिर है अभी से प्रत्याशी घोषित होने के कारण उम्मीदवारों को अपने पक्ष में माहौल बनाने के साथ प्रचार प्रसार का भी लंबा समय मिल सकेगा. जिससे कि पार्टी अपनी पूरी चुनाव तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव में मैदान समान सके.