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पिपलियाहाना तालाब को बचाने के लिए आंदोलन जारी, एनजीटी के दल ने किया निरीक्षण - NGT team inspected

इंदौर में पिपलियाहाना तालाब की जमीन पर बन रहे जिला न्यायालय के नए भवन के निर्माण में पर्यावरण नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इसका निरीक्षण करने राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दल शनिवार को तालाब पर पहुंचा.

Movement to save Pipliahana pond
पिपलियाहाना तालाब को बचाने के लिए आंदोलन
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Published : Nov 30, 2019, 8:19 PM IST

इंदौर। जिले में पिपलियाहाना तालाब की जमीन पर बन रहे जिला न्यायालय के नए भवन के निर्माण में पर्यावरण नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इसका निरीक्षण करने राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दल शनिवार को तालाब पर पहुंचा.

एनजीटी के दल ने किया निरीक्षण

इंदौर में तालाब की जमीन पर बन रहे जिला न्यायालय के नए भवन को लेकर विवाद लगातार चल रहा है, पिपलियाहाना तालाब के पास जिला न्यायालय के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है. भवन निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति दी गई है. एनजीटी के निर्देशों का पालन करने की भी शर्त रखी गई है. अनुमति में जो शर्ते तय की गई हैं उनका पालन हो रहा है या नहीं यह देखने के लिए राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी, वन पर्यावरण मंत्रालय के साथ ही जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दल शनिवार को इंदौर पहुंचा.

दल के सदस्यों ने पहले रेसीडेंसी कोठी में जिला कलेक्टरकी बनाई कमेटी के साथ चर्चा की, इसके बाद दल के सदस्य सभी याचिकाकर्ता, कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण करने वाली एजेंसी और जिला न्यायालय के अधिकारी पिपलियाहाना तालाब पहुंचे. जहां दल के सदस्यों ने दोनों पक्षों को सुना.

दल के सदस्य एम. रमेश ने बताया कि बिल्डिंग निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमति दी और इसमें तय की गई शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं इसका भौतिक सत्यापन करने के लिए इंदौर आए थे जिसकी रिपोर्ट जल्द ही मंत्रालय के मुख्यालय को भेजी जाएगी.

इंदौर। जिले में पिपलियाहाना तालाब की जमीन पर बन रहे जिला न्यायालय के नए भवन के निर्माण में पर्यावरण नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इसका निरीक्षण करने राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दल शनिवार को तालाब पर पहुंचा.

एनजीटी के दल ने किया निरीक्षण

इंदौर में तालाब की जमीन पर बन रहे जिला न्यायालय के नए भवन को लेकर विवाद लगातार चल रहा है, पिपलियाहाना तालाब के पास जिला न्यायालय के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है. भवन निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति दी गई है. एनजीटी के निर्देशों का पालन करने की भी शर्त रखी गई है. अनुमति में जो शर्ते तय की गई हैं उनका पालन हो रहा है या नहीं यह देखने के लिए राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी, वन पर्यावरण मंत्रालय के साथ ही जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दल शनिवार को इंदौर पहुंचा.

दल के सदस्यों ने पहले रेसीडेंसी कोठी में जिला कलेक्टरकी बनाई कमेटी के साथ चर्चा की, इसके बाद दल के सदस्य सभी याचिकाकर्ता, कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण करने वाली एजेंसी और जिला न्यायालय के अधिकारी पिपलियाहाना तालाब पहुंचे. जहां दल के सदस्यों ने दोनों पक्षों को सुना.

दल के सदस्य एम. रमेश ने बताया कि बिल्डिंग निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमति दी और इसमें तय की गई शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं इसका भौतिक सत्यापन करने के लिए इंदौर आए थे जिसकी रिपोर्ट जल्द ही मंत्रालय के मुख्यालय को भेजी जाएगी.

Intro:इंदौर में पिपलियाहाना तालाब की जमीन पर बन रहे जिला न्यायालय के नए भवन के निर्माण में पर्यावरण नियमों का पालन हो रहा है या नहीं यह जांचने के लिए राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दल शनिवार को तालाब पर पहुंचा जहां पर दल ने प्रदर्शन कर रहे नागरिकों से भी बात की, पिछले 3 दिनों से नागरिक तालाब पर निगरानी रखे हुए थे जिससे कि तालाब के वाटर लेवल को कम न किया जा सके


Body:इंदौर में तालाब की जमीन पर बन रहे जिला न्यायालय के नए भवन को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है दरअसल इंदौर के पिपलियाहाना तालाब के पास जिला न्यायालय के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है इस भवन के निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा भी अनुमति दी गई है इस भवन के निर्माण के लिए दी गई अनुमति में पर्यावरण विभाग ने तो अपने नियम तय किए ही हैं साथ ही एनजीटी के निर्देशों का पालन करने की भी शर्त रखी गई है अनुमति में जो शर्ते तय की गई है उनका पालन हो रहा है या नहीं यह देखने के लिए राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी, वन पर्यावरण मंत्रालय के साथ ही जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दल शनिवार को इंदौर पहुंचा दल के सदस्यों ने पहले रेसीडेंसी कोठी में जिला कलेक्टर द्वारा बनाई गई कमेटी के साथ चर्चा की इसके बाद दल के सदस्य सभी याचिकाकर्ता, कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण करने वाली एजेंसी और जिला न्यायालय के अधिकारी पिपलियाहाना तालाब पहुंचे जहां दल के सदस्यों ने दोनों पक्षों को सुना, दल के सदस्य एम रमेश के अनुसार बिल्डिंग निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अनुमति दी गई है और इसमें तय की गई शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं इसका भौतिक सत्यापन करने के लिए इंदौर आए थे जिसकी रिपोर्ट जल्द ही मंत्रालय के मुख्यालय को भेजी जाएगी

बाईट - एम रमेश, वैज्ञानिक राज्य पर्यावरण इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी
बाईट - धर्मवीर शर्मा, वकील


Conclusion:पिपलियाहाना तालाब के पास बनाए जा रहे इस भवन का लगातार विरोध किया जा रहा है पिछले 3 दिनों से आसपास के रहवासी दिन और रात तालाब पर नजर बनाए हुए हैं जिससे कि तालाब के वाटर लेवल को टीम के आने के पहले कम न किया जा सके साथ ही यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि शहर के मध्य में स्थित इस तालाब को पूरी तरह से खत्म कर कोर्ट परिसर में इसका उपयोग करने की कोशिशें की जा रही है
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