इंदौर। दुनिया भर में मां के नाम से जानी जाने वालीं भारत रत्न मदर टेरेसा के 110वें जन्मदिन के मौके पर इंदौर स्थित ज्योति निवास आश्रम में बुधवार को माता का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया. हर साल मदर टेरेसा का जन्मोत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह काफी सादगी और साधारण तरीके से मनाया गया है. इस मौके पर ज्योति निवास आश्रम की सिस्टर ने बताया कि उनके जन्मोत्सव पर ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है. आश्रम के लोगों द्वारा जन्मदिन के मौके पर केक भी काटा गया. इसके साथ ही दुनियाभर से कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए विशेष प्रार्थना की गई. इंदौर में मदर टेरेसा के नाम से संचालित ज्योति निवास आश्रम को मिशनरी ऑफ चैरिटी ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है. आश्रम में मदर टेरेसा का 110वां जन्मदिन आज सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया.
सिस्टर मारिया ने बताया कि मदर टेरेसा के जन्मदिन पर विशेष प्रार्थना आयोजित की गई. प्रार्थना में सभी लोगों ने मिल जुलकर दुनिया में फैली महामारी को जल्द खत्म करने विशेष प्रार्थना की. सिस्टर ने कहा कि आज भी मदर टेरेसा हम लोगों के बीच में हैं और उनके आदर्श के रूप में हम लोग काम कर रहे हैं. वर्तमान में देशभर से कोरोना महामारी समाप्त हो जाए इसके लिए हमने विशेष प्रार्थनाएं भी की हैं.
मदर टेरेसा को प्रियंका गांधी ने किया याद
प्रियंका गांधी ने भारत रत्न मदर टेरेसा को याद किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'मेरे पिता के मारे जाने के फौरन बाद मदर टेरेसा हमें देखने आई थीं. मुझे बुख़ार था. वह मेरे बिस्तर के पास बैठीं, मेरे हाथ पकड़े और कहा आओ और मेरे साथ काम करो.'
मदर टेरेसा पर बनेगी फिल्म
बॉलीवुड में बायोपिक बनाने के दौर में भारत रत्न मदर टेरेसा की जिंदगी पर भी फिल्म बनाई जाएगी. हाल ही मदर टेरेसा की ऑफिशियल बायोपिक बनाने की घोषणा की गई है. इस फिल्म में सीमा उपाध्याय फिल्म का निर्देशन करेंगी. वैसे तो मदर टेरेसा की जिंदगी पर इससे पहले भी कई डॉक्यूमेंट्री और फिल्में बनाई जा चुकी हैं. अब सीमा उपाध्याय मदर टेरेसा की बायोपिक को हिंदी में बनाएंगी.
पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं मदर टेरेसा
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कॉप्जे में हुआ था. इनके पिता निकोला बोयाजू एक साधारण व्यवसायी थे. मदर टेरेसा का नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू था. मदर टेरेसा जब मात्र आठ साल की थीं तभी इनके पिता का निधन हो गया था. जिसके बाद इनके लालन-पालन की सारी जिम्मेदारी इनकी माता द्राना बोयाजू के ऊपर आ गयी. यह पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं.