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MP में 2014 से पहले रह रहे 25000 से ज्यादा शरणार्थियों को मिलेगी भारत की नागरिकता - एमपी में भारतीय नागरिकता

देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश में करीब 25000 से ज्यादा ऐसे शरणार्थी हैं, जो 31 दिसंबर 2014 के पहले से लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे थे, उन्हें अब भारत की नागरिकता मिल जाएगी.

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25000 से ज्यादा शरणार्थियों को मिलेगी भारत की नागरिकता
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Published : May 29, 2021, 9:37 PM IST

Updated : May 29, 2021, 10:38 PM IST

इंदौर। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शोषण और दमन का शिकार होकर भारत में बसने की ख्वाहिश रखने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को अब जल्द ही भारत की नागरिकता मिल सकेगी. दरअसल हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भारत के पांच राज्यों के 13 जिलों में रहने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की स्वीकृति दी है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले से मध्य प्रदेश में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे करीब 25000 से ज्यादा लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.

25000 से ज्यादा शरणार्थियों को मिलेगी भारत की नागरिकता

25000 से अधिक शरणार्थियों को मिलेगा लाभ
दरअसल, देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश में करीब 25000 से ज्यादा ऐसे शरणार्थी हैं, जो 31 दिसंबर 2014 के पहले से लॉन्ग टर्म वीजा पर देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश के इंदौर आदि शहरों में रह रहे हैं. इनमें हिंदुओं के अलावा बौद्ध, ईसाई, सिख आदि लोग हैं, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान में होने वाले अत्याचार और दमन के अलावा धर्म परिवर्तन और शोषण के शिकार होने के कारण अपना घर बार छोड़कर भारत की नागरिकता चाहते हैं.

नागरिकता की पहले थी जटिल प्रक्रिया
भारत सरकार के फैसले के पहले भी ऐसे तमाम लोगों के लिए मध्यप्रदेश में भी व्यापक प्रयास किए गए. इसे लेकर पहले जो प्रक्रिया थी, उसके तहत संबंधित थानों से लेकर जिला प्रशासन प्रदेश शासन और फिर आवेदन को तमाम दस्तावेजों के साथ केंद्र शासन के गृह मंत्रालय को भेजा जाता था. जहां से नागरिकता की स्वीकृति की जटिल प्रक्रिया थी. लिहाजा शरणार्थी अधिकांश मामलों में इस प्रक्रिया का पूरी तरह पालन नहीं कर पाते थे.

साल 2019 में लागू हुआ था सीएए
राज्य सरकार ने 2019 में सीएए कानून लागू किया था, लेकिन देशभर में विरोध के कारण इस कानून का संशोधित स्वरूप तैयार नहीं हो सका. अब जबकि पूरी प्रक्रिया के सरलीकरण और इस आशय की अधिसूचना जारी होने के बाद गृह विभाग ने शरणार्थियों से आवेदन मंगाए हैं. इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है.

CAA के समर्थन में हिंदुस्तान मोर्चा ने सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

इधर, लंबे समय तक शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने के प्रयास में जुटे इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर में करीब 10,000 से ज्यादा लोगों को केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ मिलने जा रहा है. जबकि पूरे मध्यप्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या 25000 से ज्यादा है, लेकिन यदि पांच राज्यों के अन्य 13 जिलों पर ध्यान दिया जाए तो शरणार्थियों की संख्या एक लाख से ज्यादा होगी, जिन्हें अब भारत की नागरिकता मिल सकेगी.

इंदौर। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शोषण और दमन का शिकार होकर भारत में बसने की ख्वाहिश रखने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को अब जल्द ही भारत की नागरिकता मिल सकेगी. दरअसल हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भारत के पांच राज्यों के 13 जिलों में रहने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की स्वीकृति दी है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले से मध्य प्रदेश में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे करीब 25000 से ज्यादा लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.

25000 से ज्यादा शरणार्थियों को मिलेगी भारत की नागरिकता

25000 से अधिक शरणार्थियों को मिलेगा लाभ
दरअसल, देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश में करीब 25000 से ज्यादा ऐसे शरणार्थी हैं, जो 31 दिसंबर 2014 के पहले से लॉन्ग टर्म वीजा पर देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश के इंदौर आदि शहरों में रह रहे हैं. इनमें हिंदुओं के अलावा बौद्ध, ईसाई, सिख आदि लोग हैं, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान में होने वाले अत्याचार और दमन के अलावा धर्म परिवर्तन और शोषण के शिकार होने के कारण अपना घर बार छोड़कर भारत की नागरिकता चाहते हैं.

नागरिकता की पहले थी जटिल प्रक्रिया
भारत सरकार के फैसले के पहले भी ऐसे तमाम लोगों के लिए मध्यप्रदेश में भी व्यापक प्रयास किए गए. इसे लेकर पहले जो प्रक्रिया थी, उसके तहत संबंधित थानों से लेकर जिला प्रशासन प्रदेश शासन और फिर आवेदन को तमाम दस्तावेजों के साथ केंद्र शासन के गृह मंत्रालय को भेजा जाता था. जहां से नागरिकता की स्वीकृति की जटिल प्रक्रिया थी. लिहाजा शरणार्थी अधिकांश मामलों में इस प्रक्रिया का पूरी तरह पालन नहीं कर पाते थे.

साल 2019 में लागू हुआ था सीएए
राज्य सरकार ने 2019 में सीएए कानून लागू किया था, लेकिन देशभर में विरोध के कारण इस कानून का संशोधित स्वरूप तैयार नहीं हो सका. अब जबकि पूरी प्रक्रिया के सरलीकरण और इस आशय की अधिसूचना जारी होने के बाद गृह विभाग ने शरणार्थियों से आवेदन मंगाए हैं. इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है.

CAA के समर्थन में हिंदुस्तान मोर्चा ने सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

इधर, लंबे समय तक शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने के प्रयास में जुटे इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर में करीब 10,000 से ज्यादा लोगों को केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ मिलने जा रहा है. जबकि पूरे मध्यप्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या 25000 से ज्यादा है, लेकिन यदि पांच राज्यों के अन्य 13 जिलों पर ध्यान दिया जाए तो शरणार्थियों की संख्या एक लाख से ज्यादा होगी, जिन्हें अब भारत की नागरिकता मिल सकेगी.

Last Updated : May 29, 2021, 10:38 PM IST
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