इंदौर। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांसद शंकर लालवानी के साथ ही अन्य बीजेपी नेताओं पर कांग्रेस की मांग पर धारा-144 का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है. दो दिन पहले ये सभी संभागायुक्त के घर के बाहर बिना अनुमति इकट्टा हुए थे. इस मामले में बीजेपी नेताओं ने विरोध करना भी शुरू कर दिया है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक महेंद्र हार्डिया ने आपत्ति जताई है. इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने भी कहा कि संवैधानिक रूप से वे लोग अपनी बात करने गए थे, लेकिन पुलिस के द्वारा प्रकरण दर्ज कर लिया गया.
बीजेपी विधायक महेंद्र हार्डिया का कहना है कि बीजेपी के लोग सिर्फ अधिकारियों से मिलने और अपनी बात उन तक पहुंचाने गए थे, लेकिन अधिकारी मिले नहीं और अब जिस तरीके से प्रकरण दर्ज किया गया है, उसका सामना भी बीजेपी करेगी. उन्होंने कहा कि राजनीति क्षेत्र में काम करने वालों पर कई झूठे मामले दर्ज हो जाते हैं, लेकिन न्यायालय तक जाकर वो गलत साबित होते हैं.
इंदौर सांसद शंकर लालवानी का खुद पर दर्ज हुए प्रकरण को लेकर कहना है कि जब कोई जनप्रतिनिधि अपनी बात रखने के लिए अधिकारियों के सामने जाता है तो उनकी बात सुनना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं द्वारा कहीं कोई भी प्रदर्शन नहीं किया, सभी सिर्फ अपनी बात कहने अधिकारियों के पास गए थे, ये कोई धरना प्रदर्शन नहीं था.
भू माफियाओं को लेकर चल रही मुहिम को लेकर लालवानी ने कहा कि जो कार्रवाई प्रदेश में की जा रही है, वो चयनित व्यक्ति विशेष पर नहीं की जाना चाहिए. यह कार्रवाई निष्पक्ष होनी चाहिए.
इंदौर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय संभागायुक्त से मिलने रेसिडेंसी पहुंचे थे और जब अधिकारी वहां नहीं आए तो उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ संभाग आयुक्त के बंगले पर जाकर धरना दे दिया था, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी नेताओं पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी.