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विधानसभा उपचुनाव से पहले मतदाता सूची में झोल, बीजेपी ने कलेक्टर से की शिकायत - Many mistakes in voter list

इंदौर में जारी की गई मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. इसे लेकर बीजेपी ने विरोध जताया है और चुनाव आयोग जाने की तैयारी भी कर ली है. वहीं कलेक्टर ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. इसे लेकर बीजेपी ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. पढ़िए पूरी खबर...

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बीजेपी ने कलेक्टर से की शिकायत
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Published : Jul 6, 2020, 10:45 PM IST

इंदौर। इंदौर में लोकसभा चुनाव के बाद आने वाले नगरीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची जारी की गई है. इस मतदाता सूची में 5 दिनों के अंदर आपत्तियां बुलाई गईं, लेकिन बीजेपी ने अभी से इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना शुरू कर दिया है, जो मतदाता सूची लोकसभा चुनाव के बाद जारी की गई है, उसमें कई गड़बड़ियां सामने आई हैं.

विधानसभआ उपचुनाव से पहले मतदाता सूची में झोल

लोकसभा चुनाव और वर्तमान में जारी की गई मतदाता सूची के मिलान करने पर सामने आया कि कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट से एक बूथ से हटाकर दूसरे बूथों में जोड़ दिए गए हैं, हालांकि आने वाले सांवेर विधानसभा उपचुनाव में भी यही मतदाता सूची को लिया जाना है. इसलिए अभी से बीजेपी ने इसका विरोध शुरू कर दिया है.

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बीजेपी ने कलेक्टर से की शिकायत

एक ही व्यक्ति का 17 बार जोड़ा गया नाम

वोटर लिस्ट में कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई हैं. बीजेपी ने एक गड़बड़ी कलेक्टर के सामने रखी, जिसमें पति और पत्नी दोनों के नाम वोटर लिस्ट में है, लेकिन पति का नाम 17 बार वोटर लिस्ट में शामिल हुआ है तो वहीं पत्नी का नाम वोटर लिस्ट में एक ही बार है. ऐसी कई त्रुटियां अलग-अलग विधानसभा की वोटर लिस्ट में सामने आई हैं, जब बीजेपी ने इन तथ्यों को कलेक्टर के सामने रखा तो कलेक्टर ने भी माना कि यह मामला गंभीर है.

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इंदौर सांसद और बीजेपी विधायक इस मामले को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर कई वार्ड में बीजेपी मतदाताओं के मतदान केंद्र उनके घर से दूर कर दिए हैं, ताकि वह मतदान करने ना जा सकें. बीजेपी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं के एक ही मतदान सूची में कई बार नाम डाले हैं. इस घोटाले में निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों पर भी कांग्रेस नेताओं से मिलीभगत का आरोप बीजेपी नेताओं ने लगाया.

कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन

मामला संज्ञान में आते ही कलेक्टर मनीष सिंह ने भी इसे गंभीरता से लिया है. पूरे मामले में कलेक्टर ने यह भी कहा है कि मामले की जांच की जाना आवश्यक है और यदि इस पूरे मामले में कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी. कलेक्टर ने यह भी कहा कि निष्पक्ष रुप से चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची का सही होना बेहद जरूरी और इस तरह की गलतियां मतदाता सूची में सामने आना गंभीर है.

बीजेप ने रखी ये मांग

मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और हटवाने के लिए प्रशासन के द्वारा हर बूथ पर व्यवस्था की जाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यह व्यवस्था बदलते हुए प्रत्येक वार्ड में एक जगह ही यह काम करवाया गया था. बीजेपी ने फिर से पुरानी व्यवस्था लागू करने की भी इस मामले में मांग की है. हालांकि मतदाता सूची में इस प्रकार की गड़बड़ियां सामने आना एक गंभीर मामला है.

सांवेर सीट पर होना है विधानसभा उपचुनाव

ये पूरा मामला सामने आने के बाद राजनीति भी गरमाई चुकी है, क्योंकि सिर पर विधानसभा उपचुनाव है और सांवेर विधानसभा सीट पर शिवराज सरकार में जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की साख दांव पर लगी है, ऐसे में बीजेपी इस मामले में कार्रवाई चाहती है और वोटर लिस्ट में सुधार की मांग कर रही है.

इंदौर। इंदौर में लोकसभा चुनाव के बाद आने वाले नगरीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची जारी की गई है. इस मतदाता सूची में 5 दिनों के अंदर आपत्तियां बुलाई गईं, लेकिन बीजेपी ने अभी से इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना शुरू कर दिया है, जो मतदाता सूची लोकसभा चुनाव के बाद जारी की गई है, उसमें कई गड़बड़ियां सामने आई हैं.

विधानसभआ उपचुनाव से पहले मतदाता सूची में झोल

लोकसभा चुनाव और वर्तमान में जारी की गई मतदाता सूची के मिलान करने पर सामने आया कि कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट से एक बूथ से हटाकर दूसरे बूथों में जोड़ दिए गए हैं, हालांकि आने वाले सांवेर विधानसभा उपचुनाव में भी यही मतदाता सूची को लिया जाना है. इसलिए अभी से बीजेपी ने इसका विरोध शुरू कर दिया है.

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बीजेपी ने कलेक्टर से की शिकायत

एक ही व्यक्ति का 17 बार जोड़ा गया नाम

वोटर लिस्ट में कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई हैं. बीजेपी ने एक गड़बड़ी कलेक्टर के सामने रखी, जिसमें पति और पत्नी दोनों के नाम वोटर लिस्ट में है, लेकिन पति का नाम 17 बार वोटर लिस्ट में शामिल हुआ है तो वहीं पत्नी का नाम वोटर लिस्ट में एक ही बार है. ऐसी कई त्रुटियां अलग-अलग विधानसभा की वोटर लिस्ट में सामने आई हैं, जब बीजेपी ने इन तथ्यों को कलेक्टर के सामने रखा तो कलेक्टर ने भी माना कि यह मामला गंभीर है.

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इंदौर सांसद और बीजेपी विधायक इस मामले को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर कई वार्ड में बीजेपी मतदाताओं के मतदान केंद्र उनके घर से दूर कर दिए हैं, ताकि वह मतदान करने ना जा सकें. बीजेपी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं के एक ही मतदान सूची में कई बार नाम डाले हैं. इस घोटाले में निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों पर भी कांग्रेस नेताओं से मिलीभगत का आरोप बीजेपी नेताओं ने लगाया.

कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन

मामला संज्ञान में आते ही कलेक्टर मनीष सिंह ने भी इसे गंभीरता से लिया है. पूरे मामले में कलेक्टर ने यह भी कहा है कि मामले की जांच की जाना आवश्यक है और यदि इस पूरे मामले में कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी. कलेक्टर ने यह भी कहा कि निष्पक्ष रुप से चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची का सही होना बेहद जरूरी और इस तरह की गलतियां मतदाता सूची में सामने आना गंभीर है.

बीजेप ने रखी ये मांग

मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और हटवाने के लिए प्रशासन के द्वारा हर बूथ पर व्यवस्था की जाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यह व्यवस्था बदलते हुए प्रत्येक वार्ड में एक जगह ही यह काम करवाया गया था. बीजेपी ने फिर से पुरानी व्यवस्था लागू करने की भी इस मामले में मांग की है. हालांकि मतदाता सूची में इस प्रकार की गड़बड़ियां सामने आना एक गंभीर मामला है.

सांवेर सीट पर होना है विधानसभा उपचुनाव

ये पूरा मामला सामने आने के बाद राजनीति भी गरमाई चुकी है, क्योंकि सिर पर विधानसभा उपचुनाव है और सांवेर विधानसभा सीट पर शिवराज सरकार में जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की साख दांव पर लगी है, ऐसे में बीजेपी इस मामले में कार्रवाई चाहती है और वोटर लिस्ट में सुधार की मांग कर रही है.

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